उत्तर प्रदेश रोड़वेज : रोड़वेज बस चालक कटवा रहे यात्रियों की जेब, सुरक्षा पर भी खतरा
Uttar Pradesh Roadways: Roadways bus drivers are getting the pockets of passengers cut, security is also at risk
Panchayat24 (डॉ देवेन्द्र कुमार शर्मा) : यमुना एक्सप्रेस-वे पर उत्तर प्रदेश रोड़वेज बसों के चालक यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं। चालकों के द्वारा बसों को देर रात में भी ऐसे होटलों और ढाबों पर रोक दिया जाता है जहां पर सुरक्षा के कोई पुख्ता बंदोबस्त नहीं होते। यात्रियों को इन होटलों और ढाबों पर किसी तरह की मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं होती। इसके बावजूद यात्रियों पर खरीदे गए सामान और खाने के सामान्य से अधिक रूपये चार्ज किए जाते हैं।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, उत्तर प्रदेश के टिवीटर हैंडल पर योगेश तिवारी नाम के एक यात्री ने टिवीटर कर अपनी शिकायत दर्ज की है। योगेश तिवारी नामक यात्री ने विभाग की जनरथ बस का फोटो टैग करते हुए लिखा है कि रात दो बजे गाजियाबाद से लखनऊ के लिए निकली बस यमुना एक्सप्रेस-वे पर मांट के आसपास एक ऐसे होटल पर रोक दी गई है जहां न जनसुविधाएं ही है और न ही यहां पर्याप्त सुविधा है। यात्रियों को यहां पीने का पानी तक नसीब नहीं हुआ है। अपने टिवीट में उन्होंने कहा है कि यहां खरीदे गए सामान पर यात्रियों को लूटा जा रहा है। अर्थात खरीदे गए सामान और भोजन की यहां यात्रियों को सामान्य से अधिक कीमत वसूली जा रही है।
योगेश ने आगे लिखा है कि महोदया दावे तो यहां तक किए जाते हैं कि बसें यूपीएसआरटीसी के अधिकृत ठिकानों पर ही रूकेंगी। इन ठिकानों पर जनसुविधाओं से लेकर खाने पीने की गुणवत्ता और दरों की निगरानी की जाएगी। उन्होंने विभाग से इस लापरवाही पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि ऐसी लापरवाही क्यों ? क्या बसों की जीपीएस से निगरानी नहीं हो रही है ?
वह आगे लिखते हैं कि यूपीएसआरटीसी हेडक्याटर की हेल्पलाइन भी रात में काम नहीं करती। चालकों और परिचालकों की इस मनमाने के आगे बसों में विश्वास पर बैठने वाले यात्री बेबस हो जाते हैं। सुरक्षा के लिहाज से भी उन्होंने बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने लिखा है कि 50-60 यात्रियों को लेकर गाजियाबाद से निकली बस रूट से हटकर कहां जा रही है,इसकी भी कोई निगरानी नहीं।
चालक-परिचालकों का ढाबा और होटल संचालकों से कमिशन
विश्वसनीय लोगों की माने तो उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग द्वारा विभागीय बसों को बीच रास्ते में रूकने के लिए होटल और ढाबों के नाम तय किए हुए हैं, जहां यात्रियों को दैनिक नित्य कर्म करने और खाने पीने का सामान खरीदने की व्यवस्था होती है। इन होटलों और ढाबों पर मिलने वाले सामान और खाने की भी समय समय पर गुणवत्ता की जांच की जाती है। इसके बावजूद रोडवेज बसों के चालक मनमानी करके बसों को अन्य होटलों और ढाबों पर रोकते हैं। ऐसे में यात्रियों की मजबूरी होती है कि वह यहीं पर भोजन करे और रास्ते के लिए अपनी जरूरत का सामान खरीदे। इसी की आड़ में सामान और भोजन की यात्रियों से तय कीमत से अधिक कीमत वसूली जाती है।
यात्रियों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा
यमुना एक्सप्रेस-वे पर चलने वाले वाहन ऐसे कई स्थानों से होकर गुजरते हैं जो सुनसान है। सुरक्षा के लिहाज से भी यहां खतरा बना रहता है। पूर्व में भी यमुना एक्सप्रेस-वे पर यात्रियों के साथ संगीन वारदातें हो चुकी हैं। 6 अप्रैल 2021 को दिल्ली से हमीरपुर जा रही एक निजी बस में भी जीरो प्वाइंट से 88 किमी दूर आधा दर्जन बदमाशों ने हथियारों के बल पर लूटपाट की थी। अगस्त 2020 में चलती बस में महिला से दुष्कर्म की घटना सामने आ चुकी है।