भारत की विदेश नीति को साधने का सकारात्मक मंच साबित होगा उत्तर प्रदेश अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2024
Uttar Pradesh International Trade Fair 2024 will prove to be a positive platform for achieving India's foreign policy

Panchayat 24 : ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एण्ड मार्ट में 25 से 29 सितंबर तक चलने वाला उत्तर प्रदेश अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला-2024 (यूपीआईटीएस-2024) व्यापार कई मायनों में अहम होने जा रहा है। इस मंच के माध्यम से उत्तर प्रदेश की व्यापारिक क्षमताओं और कला एवं संस्कृतिक विविधताओं का वैश्विक स्तर पर परिचय होगा। इस वियतनाम यूपीआईटीएस-2024 में एक अहम साझेदार के रूप में आयोजन में शामिल हो रहा है। वियतनाम को वैश्विक स्तर पर अपनी व्यापारिक और सांस्कृतिक क्षमताओं को पेश करने का अवसर होगा। संभवत: निकट भविष्य में अन्य देश भी यूपीआईटीएस के माध्यम से व्यापार, कला और संस्कृतिक संबंधों को प्रगाढ़ करने के उद्देश्य से भारत से जुड़ेंगे।
भारत और वियतनाम के संबंधों को मजबूत बनाएगा यूपीआईटीएस-2024
किसी भी देश की विदेश नीति को साधने में कूटनीति का अहम योगदान होता है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाला व्यापार, वाणिज्यिक, कला, खेल और संस्कृतिक संबंध कूटनीति के मजबूत अंग होते हैं। यूपीआईटीएस-2024 में भारत के सबसे विविधतापूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश के व्यापार, वाणिज्यिक, कला और संस्कृति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का बड़ा मंच बनने जा रहा है। भारत में वियतनाम के राजदूत गुयेन थान यूपीआईटीएस-2024 के अयोजन में शामिल होने वाले अतिविशिष्ठ अतिथियों में से एक होंगे। उन्होंने इंडिया एक्सपोजिशन मार्ट लिमिटेड (आईआईएमएल) के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार के साथ हुई चर्चा में यूपीआईटीएस-2024 का हिस्सेदार बनने पर खुशी जाहिर करते हुए भारत के तमिलनाडू सहित अन्य राज्यों में वियतनाम के निवेश को रेखांकित किया। इतना ही नहीं वियतनाम ने उत्तर प्रदेश में नए अवसरों की खोज की इच्छा जाहिर की है। इस आयोजन से भारत और वियतनाम के एक दूसरे के साथ संबंधों को मजबूती मिलेगी।
हाल ही में वियतनाम के प्रधानमंत्री ने की है भारत की यात्रा
बता दें कि बीती 30 जुलाई से 1 अगस्त तक वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह एक प्रतिनिधिमण्डल के साथ भारत यात्रा पर आए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद भारत की यात्रा करने वाले फाम मिन्ह चिन्ह पहले विदेशी नेता है। यह बात इस महत्व को बताती है कि भारत वियतनाम के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व देता है। भारत के प्रधानमंत्री ने वियतनाम के अपने समकक्ष का हैदाराबाद हाऊस में गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेताओं के बीच व्यापार, समुन्द्री सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र को लेकर काफी अहम चर्चा हुई। इस दौरान फाम मिन्ह चिन्ह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला सहित भारतीय राजनीतिक दलों के नेताओं और व्यापारिक समुदाय से भी मुलाकात की। वियतनाम के प्रधानमंत्री की तीन दिवसीय यात्रा के तुरन्त बाद हो रहे यूपीआईटीएस के दूसरे संस्करण में वियतनाम का साझीदार बनना भारत और वियतनाम की विदेश नीति के दृष्टिकोण से काफी अहम है।
भारत वियतनाम को अपनी लुक ईस्ट नीति का अहम हिस्सा मानता है
भारत और वियतनाम के बीच व्यापार तेजी से बढ़ा है। वियतनाम भारत की एक्ट ईस्ट नीति का अहम हिस्सा है। दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार और निवेश बढ़ाने, आर्थिक सहयोग के नए क्षेत्रों की खोज करने और कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। रक्षा क्षेत्र में भारत वियतनाम की सेना को प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में सहायता करता है। दोनों देश संयुक्त अभ्यास, उपकरण खरीद और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कर एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं। दोनों देशों को एक दूसरे की आवश्यकता है। ऐसे में दोनों देश अपसी सहयोग को अधिक से अधिक बढ़ाना चाहते हैं। विशेष तौर पर दक्षिण चीन सागर में बढ़ते तनाव के कारण। दरअसल,भारत की एक्ट ईस्ट नीति दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते प्रभाव का कड़ा विरोधी रहा है। भारत दक्षिण चीन सागर में शांति एवं सौहार्द का समर्थन करता है। दक्षिण चीन सागर में चीन के आचरण से सभी तटवर्ती देश चीन से नाराज हैं। वियतनाम भी उनमें से एक है। वियतनाम दक्षिण चीन सागर पर भारत के दृष्टिकोण का समर्थक है। वहीं, रक्षा के क्षेत्र में भारत वियतनाम की क्षमताओं का निर्माण कर रहा है।
वियतनाम-भारत के बीच मजबूत संबंधों लिए संभावनाओं के द्वार खोलेगा यूपीआईटीएस-2024
दरअसल, भारत और वियतनाम ने संस्कृति, पर्यटन और लोगों के बीच आपसी आदान प्रदान को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। इस दिशा में यूपीआईटीएस का दूसरा संस्करण वियतनाम-भारत के मजबूत संबंधों के लिए संभावनाओं के दरवाजे खोलेगा। वियतनाम के राजदूत गुयेन थान से चर्चा के दौरान इंडिया एक्सपोजिशन मार्ट लिमिटेड (आईईएमएल) के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि यूपीआईटीएस 2024 में पार्टनर कंट्री के रूप में वियतनाम की भागीदारी भारत और वियतनाम के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह भव्य आयोजन न केवल उत्तर प्रदेश की व्यापारिक और सांस्कृतिक क्षमता को प्रदर्शित करेगा, बल्कि वियतनाम के वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान और उसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रदर्शित करेगा। प्रतिभागियों को दो संस्कृतियों के मिलन और उससे उत्पन्न व्यापारिक संभावनाओं का दुर्लभ अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत और वियतनाम के बीच गहरे सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंध हैं, जो सदियों से आपसी आदान-प्रदान से समृद्ध हुए हैं। उत्तर प्रदेश बौद्ध धर्म का जन्मस्थान है और बौद्धों के लिए एक पवित्र स्थल है। ऐसे में वियतनाम के पर्यटकों के लिए उत्तर प्रदेश धार्मिक पर्यटन दृष्टि से प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है है। वहीं, यूपीआईटीएस-2024 में साझीदार बनने से वियतनाम के पास नृत्य, कला, संगीत और खानपान तथा व्यापार के माध्यम से अपनी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत का वैश्विक मंच पर प्रस्तुत कर अपने प्रदर्शन से भारतीय दर्शकों को वियतनाम की कलात्मक विरासत की सुंदरता और गहराई से परिचित कराएंगे।