यूपीआईटीएस-2025 : शो में दिखा भारत की बढ़ती सैन्य ताकत का नजारा, मेक इन इंडिया के बाज और तीर देश के दुश्मनों के छुड़ाएंगे छक्के
UPITS-2025: The show showcases India's growing military might; the eagles and arrows of Make in India will smash the nation's enemies to sixes.

Panchayat 24 (ग्रेटर नोएडा) : भारत सैन्य सहित हर क्षेत्र में आत्म निर्भर बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। यूपी में बने डिफेंस कॉरीडोर में कई स्वदेशी हथियारों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। इंडिया एक्सपो सेंटर एण्ड मार्ट में शुरू हुए यूपीआईटीएस-2025 में भी भारत की सेन्य क्षमता के भी दर्शन हुए। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के खिलाफ प्रयोग किए गए हथियारों की तर्ज पर तैयार ड्रोन और मिसाइलों को यहां प्रदर्शित किया गया। बाज और तीर विदेशों से खरीदी गई मिसाइलों की अपेक्षा कम कीमत में तैयार होंंगे। वहीं, इनकी गुणवत्ता भी शानदार होगी। शो में प्रदर्शित किए गए कुछ हथियार इजराइली सेन्य क्षमता से भी प्रेरित हैं।
दरअसल, जम्मु एवं कश्मीर के पहलगांव में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद आधुनिक मिसाइल एवं ड्रोन निर्माण पर भारतीय सेना द्वारा ध्यान दिया जा रहा है। यूपीआईटीएस में यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की स्टॉल भी लगाई गई है। यहां तीर नामक मिसाइल दर्शकों को अपनी और आकर्षित कर रही है। यह उसी तरह की मिसाइल है जिसका प्रयोग ऑपरेशन सिंदूर में किया गया था। स्टॉल के अधिकारी लखनऊ के पवन पांड़े ने बताया कि यह एक मिसाइल है और इसकी मारक क्षमता 600 से 1200 किलोमीटर तक की है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल की गई मिसाइल को करीब 10 करोड़ में इजरायल से खरीदा गया था।
ऑटोमेटिकतीर पायल रहित लड़ाकू विमान से कम्प्यूटर तकीनक से काम करेगा। आगामी 15 अक्तूूबर को आईआईटी कानपुर में इसका ट्रायल किया जाएगा। देश में निर्मित होने वाले एक तीर के निर्माण में करीब दो करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सरकार की मंशा है कि देश में निर्मित सैन्य हथियारों को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए। यहीं वजह है कि प्रदेश सरकार यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने के लिए अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट, कानपुर और लखनऊ में रक्षा क्षेत्र को बढ़ाने वाले कंपनियों के लिए भूमि अधिग्रहण कर रही है। लखनऊ में ब्रह्मोस का निर्माण शुरू हो चुका है।
अधिकारी के अनुसार तीर मिसाइल के अनुसार डिफेंस कॉरिडोर के स्टॉल पर ‘बाज’ नामक ड्रोन को भी प्रदर्शित किया गया है। आधुनिक तकनीकी से लैस ड्रोन युद्ध के मैदान में दुश्मनों पर हमला करने में कारगर साबित हो रहा है। यह ड्रोन 14 हजार फीट ऊंचाई तक जाने में सक्षम है। यह आतंकियों के ठिकाने पर बम गिरा सकता है। वहीं, आपात स्थित में के दौरान स्वास्क्य एवं खाने तथा पीने का सामान भी एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से पहुंचा सकता है।