नोएडा जोन

पोस्‍टमार्टम हाऊस में रंगरलियां मनाने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार, घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मचा हंगामा

Three accused arrested for celebrating orgy in post mortem house, uproar ensued after video of the incident went viral

Panchayat 24 : नोएडा पुलिस ने पोस्‍टमार्टम हाऊस में एक कमरे में लाशों के बीच रंगरलियां मनाने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने यह कार्रवाई जिला चिकित्‍सा विभाग की शिकायत पर की है। चिकित्‍सा विभाग घटना का एक वीडयो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सक्रिय हुआ। आनन फानन में एक जांच कमेटी गठित की गई। प्राथमिक जांच में सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो सही पायी गई। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया हे। मामला सेक्‍टर-126 कोतवाली क्षेत्र का है।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, सोशल मीडिया पर सेक्‍टर-94 स्थित नोएडा पोस्‍टमार्टम हाऊस का एक वीडयो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में पोस्‍टमार्टम हाऊस के डीप फ्रिजर वाले रूम में एक व्‍यक्ति और महिला आपत्तिजनक हालत में दिखाई दे रहे हैं। पास में ही स्‍ट्रेचर पर एक शव भी रखा हुआ है। वीडियों में दिख रहा व्‍यक्ति पोस्‍टमार्टम हाऊस पर तैनात कर्मचारी है। वहीं, एक अन्‍य व्‍यक्ति की भी आवाज वीडियो में सुनाई दे रही है। वीडियो में दिख रहा व्‍यक्ति महिला के साथ जोर जबरदस्‍ती करता हुआ दिख रहा है। वहीं, दूसरा व्‍यक्ति ऐसा न करके महिला की सहमति की बता कह रहा है। वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हंगामा मच गया।

मामले का संज्ञान लेते हुए जांच के लिए मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी ने तीन सदस्‍यीय एक कमेटी का गठन कर दिया। जांच में वायरल वीडियो सही पाया गया। मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी द्वारा दोषी पाए गए आऊट सोर्सिंग सफाईकर्मचारी शेर सिंह की सेवा समाप्‍त कर दी गई है। वहीं, पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए भानू प्रताप निवासी एटा, शेर सिंह निवासी अमरोहा और परवेन्‍द्र निवासी जेवर को गिरफ्तार कर लिया है। सभी आरोपी सेक्‍टर-94 स्थितम पोस्‍टमार्टम हाऊस पर ही रह रहे थे।

पूरे प्रकरण पर उठे कई सवाल

इस पूरे प्रकरण में कई सवाल उठ रहे हैं। जानकारी के अनुसार पोस्‍टमार्टम हाऊस में कोई महिला कर्मचारी तैनात नहीं है फिर वीडियो में दिख रही महिला वहां कहां से और कैसे पहुंची ? जानकारों की माने तो आरोपियों ने महिला केा बाहर से बुलाया था। हालांकि पुलिस कार्रवाई और मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी के बयान में महिला का कोई जिक्र नहीं किया गया है।

वहीं, इस मामले में सवाल यह भी उठता है कि अश्‍लीलता का यह खेल पोस्‍टमार्टम हाऊस में कब से चल रहा था ? यदि घटना का यह वीडियो सामने नहीं आता तो यह खेल न जाने अभी और कितना आगे तक चलता रहता। इस प्रकरण का वीडियो सामने आने से पोस्‍टमार्टम हाऊस की सुरक्षा को लेकर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट पर पुलिस जांच टिकी होती है। ऐसे में जब यह वीडियो सामने आया है तो सवाल यह भी खड़ा होता है कि पोस्‍टमार्टम हाऊस में होने वाले पोस्‍टमार्टम कितने गंभीर तरीके से किए जाते हैं। जब एक बाहरी महिला पोस्‍टामार्टम हाऊस के अंदर डीप फ्रिजर वाले कमरे तक पहुंच सकती है तो कोई अन्‍य व्‍यक्ति भी आसानी से  यहां तक पहुंचकर अहम साक्ष्‍यों को बदल अथवा नष्‍ट करवा सकता है।

इस पूरे प्रकरण से सवाल यह भी उठाता है कि यहां आने वाले शव सुरक्षित भी है अथवा नहीं ? दरअसल पोस्‍टमार्टम हाऊस में प्रति दिन औसतन छ: से सात शव आते हैं। इनमें पुरूषों के अतिरिक्‍त महिला, किशोरी और मासूम बच्चियों के भी शव होते हैं। जो व्‍यक्ति लाशों के बीच किसी बाहरी महिला को बुलाकर अश्‍लील कृत्‍य को अंजाम दे सकता है, ऐसा व्‍यक्ति अपनी वासना के वसीभूत होकर शवों के साथ भी अश्‍लीता कर सकता है।

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