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उत्‍तर प्रदेश में होगा 3725 करोड़ का निवेश, दस हजार को मिलेगा रोजगार, जानिए स्‍थापित होंगी यूनिट और क्‍लस्‍टर ?

There will be an investment of 3725 crores in Uttar Pradesh, ten thousand people will get employment, know about the units and clusters that will be established?

Panchayat 24 : उत्‍तर प्रदेश में चालू वित्तीय वर्ष में 3725 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाएं जमीन पर उतरने की तैयारी कर रही हैं।  अडानी ग्रुप सहित सात औद्योगिक घरानों नेअपने निवेश प्रस्ताव देकर सरकार से जमीन की मांग की है। इन निवेशकों को उनकी पसंद के अनुसार जमीन देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन निवेश परियोजना के मूर्त होने के बाद करीब दस हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इन निवेशकों में अड़ानी सहित ग्रेटर नोएडा का नामचीन शिक्षण संस्‍थान आईआईएमटी का भी नाम निवेशकों की सूची में शािमल है।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, उत्‍तर प्रदेश में गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) क्षेत्र तेज से निवेशकों की पसंद बना रहा है। कई बड़ी नामी गिरामी कंपनियां यहां अपनी औद्योगिक इकाइयां और क्‍लस्‍टर स्‍थापित करने के लिए इच्‍छुक हैं। इनमें अडानी ग्रुप ने अंबुजा ब्रांड की सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए, लोटस सिंगापुर ग्रुप ने बिसलेरी ब्रांड का बॉटलिंग प्लांट लगाने के लिए, शाही एक्सपोर्ट ने रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर के लिए, दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) व आईआईएमटी यूनिवर्सिटी ने शिक्षा संस्थान के लिए, अपोलो ट्यूब्स ने स्टील पाइप फैक्ट्री के लिए और स्टैम्ज टेक ने कोल्ड रोल फार्मिंग सेक्शन, वैगन निर्माण एवं रख रखाव के लिए कुल मिलाकर 128 एकड़ जमीन की मांग गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) से की है।

इन निवेशकों को जमीन मिलने के बाद वे 3725 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। इनमें सबसे बड़ा निवेश प्रस्ताव अडानी ग्रुप का है। गीडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनुज मलिक ने इन निवेश प्रस्तावों की विस्तृत जानकारी गत दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विकास परियोजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान दी। उन्होंने बताया कि इन सभी निवेशकों को उनकी पसंद के मुताबिक जमीन दिखा दी गई है और जल्द ही आगे की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में संभावित बड़े निवेश

निवेशक प्रोजेक्ट वांछित भूमि पूंजी निवेश प्रस्तावित रोजगार

समूह इकाई आवश्‍यक जमीन निवेश  रोजगार
अड़ानी समूह सीमेंट 65 एकड़ 1500 करोड़ 5000
शाही एक्‍सपोर्ट रेड़ीमेड गारमेंट 26 एकड़ 1000 करोड़ 1800
आईआईएमटी शिक्षण संस्‍थान 4 एकड़ 625 करोड़ 300
अपोलो ट्यूब्‍स स्‍टील पाइप 17 एकड़ 300 करोड़ 2000
स्‍टैम्‍ज टेक वैगेन निर्माण 6 एकड़ 150 करोड़ 300
लोट्स सिंगापुरर, बिसलेरी प्‍लांट 6 एकड़ 100 करोड़ 500
डीपीएस शिक्षण संस्‍थान 4 एकड़ 50 करोड़ 200

उत्‍तर प्रदेश प्रदेश में बदले माहौल का दिख रहा है असर

औद्योगिक विकास गोरखपुर से आजादी के बाद से दूर ही रहा है। लेकिन योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद सात साल में माहौल ऐसा बदला कि अब गोरखपुर भी औद्योगिक विकास की डोर से बंध गया है। कभी गोरखपुर में स्थानीय पूंजीपति भी औद्योगिक निवेश करने से घबराते थे, अब वहां देश की नामी कम्पनियों के आने की होड़ सी दिखती है।

दरअसल, गोरखपुर को औद्योगिक विकास के नक्शे पर स्थापित करने के लिए नोएडा की तर्ज पर गीडा की स्थापना 34 वर्ष पूर्व ही कर दी गई थी लेकिन नोएडा से प्रतिस्पर्धा का दौर बीते आधे दशक में शुरू हुआ है। इंडस्ट्री को लेकर नकारात्मक धारणा वाले इस क्षेत्र में औद्योगिक  फ्रेंडली बनने के बाद ही यहां पर औद्योगिक निवेश के की शुरूआत हो रही है। इस दौरान गोरखपुर के विशिष्ट औद्योगिक क्षेत्र गीडा में मल्टीनेशनल समेत कई ऐसी बड़ी यूनिट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ जो तीन दशक पहले तक सिर्फ कल्पनाओं की बात होती थीं।

बीते करीब डेढ़ साल में ही गीडा में 1100 करोड़ रुपये के निवेश वाली पेप्सिको जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनी यूनिट में कमर्शियल उत्पादन शुरू हो चुका है। इस यूनिट का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ने किया था। इसके अलावा सीएम योगी 118 करोड़ रुपये के निवेश वाली ज्ञान डेयरी की यूनिट, जल जीवन मिशन में सप्लाई देने वाली तत्वा प्लास्टिक की 110 करोड़ रुपये निवेश वाली पाइप फैक्ट्री का उद्घाटन करने के साथ 1200 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली केयान डिस्टलरी के एथेनॉल व डिस्टलरी प्लांट तथा 300 करोड़ रुपये के निवेश वाली एसडी इंटरनेशनल की प्लास्टिक रिसाइक्लिंग एवं फूड पैकेजिंग कंटेनर यूनिट का भी शिलान्यास कर चुके हैं। 50 करोड़ रुपये के निवेश से सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के इंडस्ट्रियल वेयरहाउस का निर्माण भी लगभग पूरा चुका है।

सात साल में तैयार हुआ विकास व निवेश का शानदार इको सिस्टम

गोरखपुर में विकास व निवेश की संभावनाएं हमेशा रही हैं। कारण, यह समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बिहार और नेपाल की तराई तक की आबादी के शिक्षा, चिकित्सा, कारोबार और शहरी आवासन के लिए केंद्रीय भूमिका में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस भूमिका से पहले से वाकिफ हैं। लिहाजा उन्होंने यहां इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और हर तरह की कनेक्टिविटी के साथ शिक्षा, चिकित्सा, शहरीकरण के क्षेत्र में कई प्रोजेक्ट को ऊंचाई दी। निवेश का इको सिस्टम बनाने में इन तथ्यों ने, खासकर रोड, रेल और एयर कनेक्टिविटी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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