सादुल्लापुर के भरतपुर बनने की कहानी : ग्रामीणों ने गांव का नाम बदलने पर जताया विरोध, कहा-सादुल्लापुर उनकी पहचान से जुड़ा है
The story of Sadullapur becoming Bharatpur: Villagers protested against changing the name of the village, said Sadullapur is linked to their identity

डॉ देवेन्द्र कुमार शर्मा
Panchayat 24 (ग्रेटर नोएडा) : देश में मुगलकालीन नामों को बदले जाने का एक दौर शुरू हो गया है। प्राचीन शहरों, कस्बों से होते हुए अब इसने गांवों में भी दस्तक दे दी है। यह परंपरा सही है अथवा गलत, इसके अपने समर्थन और विरोध में लोगों के अपने अपने तर्क हो सकते हैं। बड़ा सवाल यह है कि नाम बदले जाने के पीछे स्थानीय लोगों का समर्थन और राय क्या है ? गांव का नाम बदले जाने का सिलसिला ग्रेटर नोएडा के सादुल्लापुर गांव तक पहुंच गया है।
हालांकि यहां गांव का नाम बदले जाने को लेकर ग्रामीणों ने विरोध किया है। ग्रामीणों ने गांव के सादुल्लापुर नाम को अपनी पहचान से जुड़ा हुआ बताते हुए कहा कि यह निर्णय चोरी छिपे चंद लोगों ने लिया है। उन्हें इसकी जानकारी सोशल मीडिया से हुई है। गांव का नाम बदलने की प्रक्रिया को स्थानीय विधायक तेजपाल सिंह नागर से भी जोड़ा गया जिसके बाद मामले का राजनीतिकरण भी शुरू हो गया।
दरअसल, सादुल्लापुर गांव का नाम बदलकर भरतपुर किए जाने की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी। इनमें गांव के पूर्व प्रधान की फेसबुक वाल पर एक पोस्ट भी शामिल हैं जिसमें लिखा हुआ था ”गौतम बुद्ध नगर के सादुल्लापुर गांव के मुगलिया नाम को बदलकर भरतपुर कराने के लिए विधायक साहब, पप्पु प्रधान और उनकी टीम को बहुत बहुत बधाई।”
जैसे ही ग्रामीणों ने सोशल मीडिया पर सादुल्लापुर गांव का नाम बदलने जाने की पोस्ट को देखा, गांव में इसका विरोध शुरू हो गया। बीते रविवार को सादुल्लापुर गांव के मंदिर पर एक पंचायत का आयोजन कर इस निर्णय का विरोध किया गया। ग्रामीणों का कहना था कि यदि इस तरह का कोई फैसला बिना गांव के लोगों की राय सुमारी के नहीं लिया जा सकता। वहीं, सादुल्लापुर नाम से गांव की पहचान जुड़ी हुई है।
हालांकि पंचायत के दौरान यह पता नहीं चल सका कि सादुल्लापुर का नाम बदलकर भरतपुर किए जाने की शुरूआत किसके द्वारा और कहां से हुई ? Panchayat 24 ने मामले की अपने स्तर पर पड़ताल शुरू की। पता चला कि महिला पहलवान बबीता नागर ( सादुल्लापुर गांव निवासी) को अन्तर्राष्ट्रीय पुलिस रेस्लिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने के उपलक्ष में स्थानीय विधायक तेजपाल सिंह नागर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलाने के लिए लखनऊ लेकर गए थे। बबीता नागर के साथ उनके ही गांव के लगभग आधा दर्जन लोग भी साथ थे।
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री से बबीता नागर की मुलाकात एवं क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए शासन से विशेष प्रयास किए जाने की बातें ही एजेंड़े में शामिल थी। लेकिन मुलाकात के दौरान इन लोगों ने मुख्यमंत्री के सामने अचानक गांव का नाम बदले जाने का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि उनके गांव का नाम मुगलिया पहचान से जुड़ा हुआ है। अत: उनके गांव का नाम भी बदल दिया जाए।
बता दें कि सादुल्लापुर गौतम बुद्ध नगर की उस गुर्जर बेल्ट का हिस्सा है जहां नागर गौत्र के गांव बहुतायत में हैं। इस बेल्ट को सत्ताईस सा कहा जाता है। इसमें दुजाना, कल्दा, बम्बावड़, बादलपुर, वेदपुरा और मिलक लच्छी आदि गांव शामिल हैं। इस सत्ताईस सा में सादुल्लापुर के अतिरिक्त रोजा, जलालपुर और स्थानीय विधायक तेजपाल सिंह नागर का गांव आकिलपुर जागीर भी उन गांवों में शामिल हैं, जिनके नाम पर मुगलिया पहचान की छाप दिखाई देती है। यदि सादुल्लापुर का नाम बदलकर भरतपुर होता है तो बड़ा सवाल यह उठता है कि इन गांवों का नाम भी बदलेगा?