कार्रवाई में तेजी : सरिया स्क्रैप माफिया रवि काना की सम्पत्तियों की तलाश हुई तेज, पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग, कार्रवाई से सफेदपोशों की बढ़ेगी बैचेनी
Intensification of action: Search for properties of bar scrap mafia Ravi Kana intensified, police got important clues, action will increase the restlessness of white collar people.

Panchayat 24 : पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुख्यात सरिया और स्क्रैप माफिया रवि काना और उसके गिरोह पर पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। ग्रेटर नोएडा पुलिस ने गिरोह गिरोह के कुछ सदस्यों के काफी करीब पहुंच चुकी है। जल्द ही इनकी गिरफ्तारी हो सकती है। वहीं पुलिस ने रवि काना गिरोह की नामी और बैनामी सम्पत्तियों की तलाश तेज कर दी है। पुलिस ने तलाश का दायरा भी बढ़ा दिया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली एनसीआर में इस गिरोह की नामी और बैनामी सम्पत्तियों के बारे में पुलिस के हाथ अहम सुराग लगे हें।सूत्रों की माने तो पुलिस को कुछ ऐसी बैनामी सम्पत्तियों के बारे में पता है जो कुछ सफेदपोशोंं के नाम पर हैं। पुलिस ने रवि काना की कुछ अन्य सम्पत्तियों को भी चिन्हित भी कर लिया है। जल्द ही पुलिस इन सम्पत्तियों पर जब्तीकरण की कार्रवाई कर सकती है। वहीं, पुलिस कार्रवाई ने समाज में अपनी छवि के आधार पर रवि काना गिरोह की प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहायता करने वाले एवं लाभ हासिल करने वाले सफेदपोशों में बैचेनी बढ़ा दी है। जानकारों की माने तो ऐसे लोगोंं का हर संभव प्रयास होगा कि किसी भी तरह से पुलिस जांच की आंच इनके दामन तक न पहुंचे।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, नोएडा सेक्टर-39 कोतवाली पुलिस में एक युवती ने सरिया और स्क्रैप माफिया रवि काना के खिलाफ दुष्कर्म एवं ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था। पुलिस के अनुसार पीडिता के अनुसार आरोपी और उसके साथियों ने घटना के बारे में किसी को बताने पर उसको परिवार सहित जान से मारने की धमकी दी थी। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रवि काना और उसकी पत्नी सहित गिरोह के 16 सदस्यों पर गैंगस्टर के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज किया था। बाद में पुलिस ने गैंगस्टर सूची में शामिल एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार किया था। पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रवि काना गिरोह दो कंपनियों पर कार्रवाई कर लगभग 115 करोड़ की सम्पतियों को जब्त कर चुकी है। इसमें लगभग 80 करोड़ कीमत की जमीन है। पुलिस ने रवि काना की गिरफ्तारी के प्रयास भी तेज कर दिए हैं। पुलिस को कुछ स्थानों पर उसके छिपे होने की सूचना मिली थी। लेकिन पुलिस के पहुंचने से पूर्व ही वह वहां स्थान बदल चुका था।
धनबल के सहारे हासिल किया शासन, सत्ता और समाज का समर्थन
रवि काना ने अपने धनबल के सहारे समाज में प्रभाव रखने वाले लोगों से समर्थन हासिल किया। सूत्रों की माने तो रवि काना की कृपा दृष्टि पाकर कई लोगों ने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया है।वहीं, सफेदपोशों की पैरवी और पुलिस का संरक्षण हासिल कर इस गिरोह ने अपने साम्राज्य को दिन दोगुना और रात चौगुना बढ़ाना शुरू कर दिया था। प्रदेश की सपा और भाजपा सरकारों में बैठे लोगों का रवि काना गिरोह का समर्थन हासिल रहा है। सूत्रों की माने तो रवि अपने पसंद के कोतवाली और चौकी प्रभारियों की तैनाती तक कराने लगा था। पुलिस कार्रवाई के बाद जहां रवि काना फरार चल रहा है। वहीं, उसके मददगार सफेदपोश अपने संबंधों और सत्ता में अपनी पहुंचके सहारे प्रयास में जुट गए हैं कि मामले की जांच की आंच से उन तक न पहुंचे। पुलिस रवि काना को गिरफ्तार कर मामले में इतिश्री कर दे।
अपराधियों पर पुलिस कार्रवाई में रवि काना गिरोह को किया गया नजरअंदाज !
जिले में एक ऐसा भी समय आया था जब पुलिस कार्रवाई में रवि काना गिरोह के अपराधों को नजरअंदाज किया जाने लगा था। दरअसल, रवि काना के भाई हरेन्द्र नागर का सरिया और स्क्रैप के अवैध कारोबार पर जिले में कब्जा था। हरेन्द्र नागर के समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं से गहरे संबंध थे। कई बार यह सार्वजनिक भी हो चुका था। स्क्रैप पर कारोबार को लेकर न केवल जिले में गैंगवार हुई, बल्कि कई हत्याएं भी हुई। हरेन्द्र नागर की एक शादी समारोह में साल 2015 में हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप सुन्दर भाटी गिरोह पर लगा था। बाद में रवि काना ने इस गोरखधंधे की लगाम अपने हाथों में ले ली। हरेन्द्र नागर के करीबी समाजवादी पार्टी नेताओं का रवि काना के सिर पर भी हाथ रहा। बाद में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ, लेकिन रवि काना गिरोह पर कोई असर नहीं पड़ा। पुलिस का भी उसको प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष भरपूर सहयोग मिलता रहा। रवि काना गिरोह को पुलिस से हासिल संरक्षण का आलम यह था कि एक समय अपराधियों पर हो रही पुलिस कार्रवाई में भी भेदभाव झलकने लगा था। पुलिस एक तरफ जिले के कुख्यात अपराधियों पर कार्रवाई कर रही थी, वहीं रवि काना गिरोह बैलगाम अपने गैरकानूनी कारोबार को बढ़ा रहा था। पुलिस की इस प्रकार की कार्रवाई आम आदमी के बीच चर्चा का विषय बन गई थी। स्क्रैप के कारोबार में बिना रवि काना गिरोह के मर्जी के कोई भी प्रवेश नहीं कर सकता था। ऐसे लोगों को धमकाया एवं रंगदारी मांगी जाती रही है। इस गिरोह का नेटवर्क काफी मजबूत रहा है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कंपनियों में स्क्रैप को लेकर बनाई जाने वाली पॉलीसी में इस गिरोह का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष हस्तक्षेप रहता था।
लक्ष्मी सिंह ने कार्रवाई में नहीं की जल्दबाजी, शुरू से ही थी रवि काना गिरोह पर नजर
सूत्रों की माने तो पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने तैनाती के बाद से ही जिले के अपराधिक पैटर्न का अध्ययन शुरू कर दिया था। तैनाती के कुछ समय बाद ही लक्ष्मी सिंह के सामने रवि काना गिरोह की करतूतें आने लगी थी। अपराध पर नकेल कसने के लिए अपनी दबंग शैली के लिए चर्चित लक्ष्मी सिंह ने इस गिरोह को पूरी तरह से अध्ययन किया। इस गिरोह की मजबूती और समर्थन का आंकलन किया। पुलिस प्रशासन में उसकी पैठ की भी जानकारी उन्हें पूरी तरह से थी। जानकार यह भी बताते हैं कि लक्ष्मी सिंह ने रवि काना गिरोह पर कार्रवाई का मन काफी पहले बना लिया था। लेकिन कार्रवाई को लेकर उन्होंने जल्दबाजी नहीं दिखाई। सटीक आंकलन और पूरी तैयारी का ही परिणाम है कि रवि काना गिरोह पर एक दिन में जिले में अभी तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हो सकी है।
वैक्यूम को बनाए रखना पुलिस के लिए होगी चुनौती
जानकारों का कहना है कि अपराध की दुनिया में अवैध तरीकों से लाभ अर्जित करने वाले व्यक्ति अथवा गिरोह को उसके स्थान से हटाने के बाद मैदान अधिक समय तक साफ नहीं रहता है। उसको हासिल करने के लिए दूसरे व्यक्तियों अथवा गिरोहों में प्रतिस्पर्धा शुरू हो जाती है। इस प्रतिस्पर्धा में टकराव के रूप में हिंसक झड़पें भी होती हैं। जिले ने पूर्व में भी इस प्रकार की स्थितियों के देखा है। जानकार यहां तक कहते हैं कि रवि काना गिरोह पर हुई कार्रवाई ने कुछ अन्य अपराधिक प्रवृति के लोगों और गिरोहों के लिए संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। जो गिरोह रवि काना से दबकर अबकर अथवा चोरी छिपे स्क्रैप और सरिया के गैरकानूनी कारोबार में संलिप्त हैं, वह पुलिस कार्रवाई से काफी खुश हैं। इनमें रवि काना गिरोह के विरोधी गुट भी शामिल हैं। ऐसे में रवि काना गिरोह पर कार्रवाई के बाद पैदा हुए वैक्यूम को बनाए रखना पुलिस को लिए चुनौती होगी।