दादरी नगर के मुख्य बाजार अतिक्रमण की भेंट चढ़ रहे हैं : नगरपालिका से उम्मीद नहीं, व्यापारी वर्ग तय करना है, दादरी नगर को कैसा बनाना है ?
No hope from the Municipality, the business community has to decide, how to develop Dadri?

डॉ देवेन्द्र कुमार शर्मा
Panchayat 24 : दादरी नगर की विकास यात्रा में स्थानीय व्यापारी वर्ग का अहम योगदान रहा है। हालांकि दादरी नगर के विकास की जिम्मेवारी दादरी नगरपालिका के कंधों पर है। एक समय था जब व्यापारी वर्ग और नगरपालिका नगर के विकास को लेकर एक राय दिखाई देते थे। वर्तमान में हालात बदल गए हैं। नगरपालिका और व्यापारी वर्ग के बीच मतभेद नजर आता है, विशेषरूप से अतिक्रमण के मामलों में।
दादरी नगर के मुख्य मार्गों और मुख्य बाजार के रास्तों पर व्यापारी वर्ग का अतिक्रमण इस स्तर का है कि कई स्थानों पर अकेले व्यक्ति का निकल पाना भी संभव नहीं है। पुलिस ने व्यापारी वर्ग के साथ मिलकर नगर के उन स्थानों पर अतिक्रमण को जरूर नियंत्रित करने का प्रयास किया है जहां पर यातायात बाधित होता था। पुलिस के प्रयासों से रेलवे रोड, विशेषकर सब्जी मंडी तथा आसपास के क्षेत्र, को फोरी तौर पर अस्थाई राहत जरूर मिली है। जी टी रोड पर अभी भी हालात में बहुत अधिक बदलाव नहीं आया है।
दादरी नगर के मुख्य बाजार, घनश्याम रोड और जारचा रोड पुलिस के प्रयासों से पूरी तरह अछूते ही है। रेलवे रोड से घनश्याम रोड और जी टी रोड से घनश्याम रोड को जोड़ने वाले मार्ग पहले से ही बहुत संकरे है। ऊपर से व्यापारियों के बीच अपने प्रतिष्ठानों के सामने अस्थाई अतिक्रमण को लेकर प्रतिस्पर्धा चल रही है। स्थाई अतिक्रमण करके व्यापारियों ने बाजार में हालात को बहुत अधिक खराब कर दिया हैं। रही सही कसर इन रास्तों पर खड़ी होने वाले दुपहिया वाहनों ने पूरी कर दी है। बजार में खरीददारी करने के लिए पहुँचने वाले ग्राहकों को इन रास्तों से गुजरना किसी युद्ध लड़ने से कम नहीं है।
जारचा रोड पर भी व्यापारी वर्ग के अतिक्रमण के कारण लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। लगभग पूरे दिन इस मार्ग पर जाम की स्थिति बनी रहती है। जारचा रोड को जी टी रोड से मिलाने वाले स्थान पर अवैध निर्माण के कारण समस्या बहुत ही गंभीर बनी हुई है। यह अवैध निर्माण जी टी रोड और जारचा रोड पर लगने वाले जाम का मुख्य कारण भी है। ट्रेफिक पुलिस को भी यहां लगने वाले जाम के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
दादरी नगरपालिका कारोबारियों एवं व्यापारियों द्वारा किए गए अतिक्रमण के सामने हमेशा से ही असहाय दिखी है। कारण स्पष्ट है वोट बैंक की राजनीति और व्यापारी संगठनों की राजनीति पर मजबूत पकड़। यहां एक सवाल पैदा होता है कि जब दादरी नगर के मुख्य बाजार से खरीददारों को आने जाने में असुविधा का सामना करना पड़ेगा तो लोग उसके विकल्प तलाशने लगेंगे। वर्तमान में दादरी के बाजार में होने वाली इस असुविधा के चलते आसपास के लोग गाज़ियाबाद के तुरबनगर और दिल्ली के अलग अलग बाजारों से खरीददारी को तवज्ज्जो देने लगे हैं। ऑनलाइन शॉपिंग की ओर भी लोगों का रूझान बढ़ रहा है। दादरी बाजार की असुविधा से बचने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहक भी बाजार में आने से बचने लगे है। यहाँ भी ऑनलाइन बाजार तेजी से पैर पसार रहा है।
दरअसल, दादरी के व्यापारी वर्ग को समझना होगा कि व्यापार के लिए सबसे अहम तत्व ग्राहक है। बाजार में होने वाली असुविधा के कारण ग्राहक ही बाजार से मुँह मोड़ने लगेंगे तो नुकसान दादरी नगर में होने वाले व्यापार और व्यापारी वर्ग का ही होगा। अतः आवश्यक है कि अतिक्रमण मुक्त माहौल बनाकर बाजार की ओर ग्राहक को आकर्षित किया जाए। दादरी नगर के व्यापारी संगठनों को भी गाजियाबाद की तुराबनगर मार्किट के व्यापारी संगठनों से सीख लेनी चाहिए, जिन्होंने महानगरपालिका एवं स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर बाजार की मुख्य सड़क को न केवल अतिक्रमण मुक्त बनाया है, बल्कि सड़क के चौड़ीकारण में भी सहयोग दिया है।