सुन्दर भाटी गिरोह के शार्प शूटर संदीप नागर पर कार्रवाई, पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने दिया बड़ा संकेत
Action taken against Sundar Bhati gang's sharp shooter Sandeep Nagar, Police Commissioner Laxmi Singh gave a big hint

Panchayat : ग्रेटर नोएडा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सुन्दर भाटी गिरोह के शार्प शूटर संदीप नागर सहित चार सदस्यों को गिरफ्तार कर जिले में संगठित अपराध के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस कार्रवाई के बाद गौतम बुद्ध पुलिस ने कई सवालों का जवाब दे दिया है। कुछ लोग जिले में संगठित अपराध के प्रति पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह द्वारा अपनाई जा रही जीरो टोलरेंस की नीति पर भी सवाल उठाने लगे थे। ऐसे लोगों का सवाल था कि केवल रवि काना गिरोह पर ही ताबड़तोड़ कार्रवाई क्यों ? अर्थात दूसरे अपराधिक गिरोह के प्रति पुलिस की त्वरित कार्रवाई में उस तरह की आक्रमकता का अभाव दिखता है। इस कार्रवाई के बाद पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह की ओर से अपराध और अपराधियों को लेकर बड़ा और स्पष्ट संकेत दे दिया है।
क्या है पूरा मामला ?
डीसीपी ग्रेटर नोएडा जोन साद मिया खां ने बताया कि ईकोटेक-वन और स्वाट टीम ने सुन्दर भाटी गिरोह के सक्रिय सदस्य नितिन बढपुरा, रिंकु नरौली और दिनेश घंघौला को अवैध हथियारों के गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इनके पास से तीन अवैध पिस्टल और चार तमंचे बरामद किए थे। पूछताछ में आरोपियों से पुलिस को पता चला कि यह हथियार उनके पास सुन्दर भाटी गिरोह के शार्प शूटर संदीप नागर निवासी जुनैदपुर की मढैया से मिले हैं। पुलिस ने सूचना के आधार पर संदीप नागर के घर पर दबिश देकर उसकोभारी विरोध के बाद गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके घर से ही उसके एक अन्य साथी अशोक शर्मा निवासी रिठौरी को भी गिरफ्तार कर लिया। मौके से पुलिस को एक बुलेट प्रूफ कार, एक पिस्टल, एक रायफल और एक एयरगन पिस्टल बरामद हुई।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार संदीप नागर को गिरफ्तार करने पहुंची एसटीएफ, दनकौर और ईकोटेक-वन कोतवाली पुलिस को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। पुलिस टीम पर संदीप नागर के समर्थकों ने पथराव और फायरिंग भी की। पुलिसकर्मियों ने हमले से बचने के लिए खेतों में छिपकर अपनी जान बचाई। पुलिस के अनुसार संदीप नागर पर हत्या, हत्या का प्रयास, रंगदारी, और अपहरण जैसे लगभग 30 संगीन मामले दर्ज हैं। पुलिस ने बताया कि संदीप नागर और उसके बेटे पुनीत उर्फ आशीष उर्फ आशु के खिलाफ साल 2020 में मारपीट करने, जान से मारने की धमकी देने और रंगदारी मांगने का मामला दर्ज है। इस मामले में दोनों पिता और पुत्र फरार चल रहे थे। न्यायालय ने इनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर धारा-82 की कार्रवाई के आदेश दिए थे।
पुलिस के अनुसार उत्तर प्रदेश पुलिस से बर्खास्त संदीप नागर के खिलाफ पुलिस ने कई बार कार्रवाई करने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीणों के सहयोग से वह बच निकलने में कामयाब रहा था। इस बार एसटीएफ की स्थानीय शाखा ने पुलिस के साथ मिलकर पूरी तैयारी से कार्रवाई को अंजाम दिया था। हालांकि पुलिस की कार्रवाई की संदीप के समर्थकों को भनक लग गई और फायरिंग एवं पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस की गाडियां भी क्षतिग्रस्त हुई है। पुलिस ने कार्रवाई को बाधित करने वालों को भी चिंन्हित करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है।
रवि काना के बाद सुंदर भाटी गिरोह लक्ष्मी सिंह के निशाने पर !
सुन्दर भाटी गिरोह के सक्रिय सदस्य और शार्प शूटर संदीप नागर की गिरफ्तारी के बाद गौतम बुद्ध नगर पुलिस ने संगठित अपराध पर कार्रवाई को लेकर स्पष्ट संकेत दे दिए हैं। पुलिस ने स्क्रैप माफिया रवि काना पर जिस तरह से कानूनी कार्रवाई कर गिरोह के सदस्यों पर गैंगस्टर की कार्रवाई करते हुए दनादन गिरफ्तारियां की। गिरोह के सदस्यों की लगभग दो सौ करोड़ से अधिक की चल अचल संपत्ति को जब्त किया गया। यहां तक की पुलिस को चकमा देकर विदेश भाग चुके रवि काना को डिपोट कराकर गिरफ्तार भी किया गया। इसके बाद पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के संगठित अपराधियों के प्रति इरादे स्पष्ट हो गए थे। पुलिस जांच में रवि काना गिरोह से कुछ सफेदपोशों और दूसरे जिम्मेवार पेशों से जुड़े लोगों के नाम भी सामने आए थे। इसके बाद रवि काना गिरोह पर लक्ष्मी सिंह की कार्रवाई पर कुछ लोग प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष सवाल उठा रहे थे। ऐसे लोगों का कहना था कि पुलिस कमिश्नर जिले के दूसरे संगठित गिरोह के प्रति उस प्रकार का नजरिया नहीं अपना रही है जिस तरह की ताबड़तोड़ कार्रवाई रवि काना गिरोह पर की जा रही है। अर्थात ऐसे लोगों जिले में दूसरे सक्रिय सुन्दर भाटी गिरोह की ओर ही इशारा कर रहे थे। ऐसे लोग यह भी कहने लगे थे कि रवि काना गिरोह के सफाए के बाद खाली हुए स्थान का लाभ सुन्दर भाटी गिरोह उठाएगा। दो दिन पूर्व पुलिस द्वारा सुन्दर भाटी गिरोह के अहम सदस्य संदीप नागर सहित अन्य सदस्यों पर कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया है। इससे पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कई लोगों के सवालों का जवाब देते हुए संगठित अपराध के प्रति अपने इरादे भी स्पष्ट कर दिए हैं।
दो गिरोह पर एक साथ बड़ी कार्रवाई नहींं करना पुलिस रणनीति का हिस्सा ?
जानकारों की माने तो पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह द्वारा गौतम बुद्ध के संगठित अपराध के प्रति विशेष रणनीति रही है। गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर के पद पर आसीन होने के बार उन्होंने कुछ महीनों तक यहां के अपराध के पैटर्न को अच्छे से स्टडी किया। वहीं, संगठित अपराध के प्रति लड़ाई को कमजोर कर सकने वाले विभाग के अंदर बैठे विभीषणों का भी धीरे धीरे उपचार किया। परिस्थितियां पूरी तरह अपने अनुकूल होने के बाद रवि काना गिरोह को निशाने पर लिया। रवि काना गिरोह पर जिस तरह से लक्ष्मी सिंह ने कार्रवाई की उस तरह की कार्रवाई पूर्व में किसी भी संगठित गिरोह के खिलाफ जिले में नहीं हुई। रवि काना गिरोह की रीढ तोड़ने के बाद सुन्दर भाटी गिरोह के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। रवि काना और सुन्दर भाटी गिरोह पर एक साथ कार्रवाई नहीं करना पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह की रणनीति का हिस्सा ही प्रतीत होता है। यदि दोनों गिरोह पर एक साथ कार्रवाई की जाती तो पुलिस को उम्मीद के अनुरूप सफलता नहीं मिलती। वहीं, संगठति अपराध के खिलाफ पुलिस की इस लड़ाई में कहीं अधिक ऊर्जा और संसाधन बर्बादी का भी जोखिम बना रहता।