ग्रेटर नोएडावासियों के लिए बड़ी खबर : कर्मचारियों को मिलेगा लाभ, नहीं लगाना पड़ेगा नोएडा का चक्कर और समय भी बचेगा
Big news for Greater Noida residents: Employees will get benefits, they will not have to go to Noida and time will also be saved

Panchayat 24 : ग्रेटर नोएडा के लोगों के लिए अच्छी और बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। ग्रेटर नोएडा तथा आसपास के कर्मचारिों को इस खबर से लाभ होगा। इसके बाद इन कर्मचारियों को नोएडा के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। साथ ही अपने काम के लिए नोएडा स्थित भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में धक्के भी नहीं खाने पड़ेंगे। दरअसल, ईपीएफओ का कार्यलय अब नोएडा में भी खुलने जा रहा है। तैयारियां पूरी हो गई है। जल्द ही यह कार्यालय ग्रेटर नोएडा में भी काम करना शुरू कर देगा।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, ईपीएफओ का कार्यालय नोएडा में स्थित है। कर्मचारियों को कई बार अपना काम करने के लिए नोएडा के चक्कर लगाने पड़ते थे। ऐसे में ईपीएफओ ने ग्रेटर नोएडा में अपना कार्यालय स्थापित करने का फैसला किया था। इसके लिए ईपीएफओ को प्राइम लोकेशन पर किसी इमारत की तलाश थी जिसको किराए पर लेकर कार्यालय की शुरूआत की जा सके। इसके लिए अब ईपीएफओ ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से संपर्क किया।
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने ईपीएफओ को अपने नॉलेज पार्क-4 स्थित नवनिर्मित भवन में ही कार्यालय शुरू करने का प्रस्ताव दिया। ईपीएफओ को यह प्रस्ताव पसंद आया। प्राधिकरण के खाली पड़े बी ब्लॉक के दूसरे, तीसरे और चौथे माले पर ईपीएफओ का कार्यालय बनेगा। इसकी एवज में कारपेट एरिया के आधार पर ईपीएफओ बतौर किराया प्राधिकरण को लगभग दो से ढाई लाख रूपया प्रति माह देगा। इतना ही नहीं, प्राधिकरण के इस भवन में जल्द ही एचडीएफसी बैंक भी अपनी शाखा खोलने का इच्छुक है। बैंक और प्राधिकरण के बीच भी इस संबंध में बातचीत अंतिम चरण में है। किराए के रूप में प्राधिकरण को बैंक से भी लाखों रूपया प्राप्त होंगे।
प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने बताया कि ग्रेटर नोएडा के नए भवन में ईपीएफओ और बैंक की शाखा स्थापित होने के बाद यहां औद्योगिक एवं अन्य संस्थाओं में काम करने वाले कर्मचारियों एवं श्रमिकों को इसका लाभ होगा। वहीं, प्राधिकरण को खाली पड़े हुए भवन से धन अर्जन में भी मदद मिलेगी।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बढ़ रहा है
प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने कहा कि विकास कार्यों और खर्चों की पूर्ति के लिए प्राधिकरण आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बढ़ रहा है। प्राधिकरण ने एसबीआई में लगभग 2.7 करोड़ की एफडी कराई है। इसको दो साल से पूर्व खंडित नहीं किया जा सकेगा। इसकी एवज में प्राधिकरण को हर साल लगभग 3.25 करोड़ रूपया बतौर ब्याज प्राप्त होगा। इस रकम को प्राधिकरण के दैनिक खर्च और विकास के कामों पर खर्च किया जाएगा। ऐसा करने से प्राधिकरण के पास मूल रकम हर समय सुरक्षित रहेगी।