दादरी विधानसभा

भक्ति की शक्ति : बोतलों के कांच के ढेर पर लेटकर कांवड संग तय कर रहे 15 किमी का सफर

Power of Bhakti : Traveling 15 km with Kanvad lying on a pile of bottles

Panchayat 24 : सांवन के पवित्र महीने में सड़कों पर कांवडियों का सैलाब नजर आ रहा है। हर कांवडिया महादेव के प्रति  अपनी भक्ति और श्रद्धा का अनोखे अंदाज में प्रदर्शन कर रहा है। कई कांवडियांं जिस तरह से शारारिक कष्‍ट सहन कर कांवड़ ला रहे हैं, उन्‍हें देखकर लोग दांतों तले अंगुली दबा रहे हैं। कुछ लोग इसे अंधविश्‍वास कह सकते हैं,  लेकिन भक्ति में लीन लोग इसे भक्ति का ही रूप मानते हैं। नोएडा के घोड़ी बछैड़ा गांव निवासी एक ऐसे ही महादेव के भक्‍त है सुभाष रावल। सुभाष रावल गोमुख से कांवड़ ला रहे हैं। इतना ही नहीं वह चिटेहरा गांव स्थित शिव मंदिर से बोतलों के कांच के ढेर पर लेट लेटकर गांव तक कांवड़ लेकर जा रहे हैं। रास्‍ते में जो भी उनकी इस भक्ति और आस्‍था को देख रहा है, वह आश्‍चर्यचकित हो रहा है।

जानकारी के अनुसार घोड़ी बछैड़ा गांव निवासी किशन रावल के चार पुत्र हैं। सुभाष रावल भाईयों में दूसरे नम्‍बर पर आते हैं। घोड़ी बछैड़ा गांव निवासी विक्‍की ने बताया कि सुभाष रावल के मन में बचपन से ही महादेव के प्रति श्रद्धा और भक्ति थी। बचपन से ही वह पूजा पाठ तथा अर्चना करते रहे हैं। तपस्‍या करते हैं। गांव में वह महादेव के भक्‍त के रूप में चर्चित है। सुभाष के दो बेटे और दो बेटियां है। उन्‍होंने बीती 17 जुलाई को उत्‍तराखंड के गोमुख से गंगाजल उठाकर पैदल कांवड़ यात्रा शुरू की थी। 25 जुलाई को वह यात्रा का बड़ा पड़ाव पूरा करके दादरी क्षेत्र में जीटी रोड़ स्थित चिटेहरा गांव के शिव मंदिर पहुंचे थे। यहां पर उन्‍हें ने अपनी भक्ति और श्रद्धा का जो प्रदर्शन किया वह सबको आश्‍चर्यचकित करने वाला था।

उन्‍होंने यहा अपने दो बेटों सोनू और कपिल की मदद से 62 कांच की बोतलों को तोड़कर एक बिछौने पर ढेर एकत्रित कर लिया। इसके बाद इस बिछौने को जमीन पर बिछाकर कांच के ढेर पर लेटकर अपनी लम्‍बाई की बराबर दूरी तय की। चिटेहरा से घोड़ी बछैड़ा गांव तक की लगभग 15 किमी की दूरी को वह इसी प्रकार कांच के ढेर पर लेटकर तय करेंगे। इस पूरी यात्रा के दौरान उनका शरीर अर्धनग्‍न है। उनके साथ साथ चल रहे विक्‍की ने बताया कि दोपहर बाद तक वह गांव के मंदिर पर पहुंच जाएंगे। मंगलवार को शुभ महुर्त में वह महादेव के शिवलिंंग पर जलाभिषेक करेंगे।

महादेव के गीतों में लीन होकर नांचते गाते पूरी कर रहे हैं यात्रा

सुभाष रावल चिटेहरा गांव से घोड़ी बछैड़ा गांव तक की दूरी को पूरी करने में महादेव के भक्ति गीतों में लीन दिखाई दिए। उनके साथ एक डीजे चल रहा है। डीजे पर महादेव के गीत बज रहे हैं।

इन गीतों की ताल पर सुभाष मस्‍त होकर कांच के ढेर पर कभी लेट लेटकर नृत्‍य कर रहे हैं, तो कभी कांच पर उछल उछलकर महादेव के प्रति अपनी भक्ति को प्रदर्शित कर रहे है। आश्‍चर्य की बात यह है कि नुकीले और धारदार कांच से सुभाष रावल के शरीर पर खरौंच तक नहीं आ रही है।

चौथी बार ला रहे हैं इस तरह से कांवड़

विक्‍की के अनुसार सुभाष रावल पूर्व में भी कई बार कांवड़ ला चुके हैं। लेकिन इस तरह की यह उनकी चौथी कांवड़ यात्रा है। हालांकि बीच में कोविड के कारण लगे लॉकडाउन के कारण वह इससे वंचित रह गए थे। लेकिन इस बार वह अपनी चौथी कावड़ यात्रा पूर्ण कर रहे हैं।

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