दादरी विधानसभादिल्ली

पराली का स्‍वच्‍छ ऊर्जा उत्‍पादन के लिए प्रयोग करने पर नेशनल बायोमास कॉन्‍फ्रेंस में एनटीपीसी दादरी को मिला पहला स्‍थान

NTPC Dadri gets first place in National Biomass Conference for using stubble to produce clean energy

Panchayat 24 : दादरी एनटीपीसी के हिस्‍से में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। नेशनल बायोमास कॉन्‍फ्रेंस में एनटीपीसी को पहला स्‍थान प्राप्‍त हुआ है। यह सम्‍मान बेहतर तकनीक से पराली जैसे बायोमास का स्‍वच्‍छ ऊर्जा उत्‍पादन के लिए प्रयोग करने के लिए दिया गया है। इससे दिल्‍ली एनसीआर क्षेत्र में फैल रही प्रदूषण की समस्‍या का सार्थक समाधान हो सकेगा। बता दें कि पराली जलाना देश के लिए एक बड़ी समस्‍या है। विशेष तौर पर पंजाब, हरियाणा, दिल्‍ली और पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश में पराली के कारण प्रदूष का स्‍तर शीर्ष पर पहुंंच जाता है। इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

पराली का बायोमास ईंधन के रूप में प्रयोग किए जाने से न केवल प्रदूषण की समस्‍या का समाधान होगा, किसानों को सकारात्‍मक आर्थिक विकल्‍प भी मिल रहे हैं। साल 2024-25 में एनटीपीसी ने देश में सबसे अधिक बायोमास को फायरिंग करके पर दिल्‍ली में आयोजित नेशनल बायोमास कांन्‍फ्रेंस ऑन एबीसी (Accelerating Biomass Cofiring)  के दौरान इस साल का प्रथम पुरस्‍कार अपने नाम किया है। यह कॉन्फ्रेंस थर्मल पावर प्लांट्स में बायोमास के उपयोग के लिए राष्ट्रीय मिशन (SAMARTH) द्वारा आयोजित की गई थी। इसका उद्देश्य देश भर में ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास के उपयोग को प्रोत्साहन देना है।

कार्यक्रम में एनटीपीसी दादरी को यह सम्‍मान सम्मान विद्युत मंत्रालय के सचिव पंकज अग्रवाल द्वारा एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक एवं परियोजना प्रमुख के. चंद्रमौलि को एनटीपीसी लिमिटेड के अध्‍यक्ष एवं प्रबंधक निदेशक गुरदीप सिंह की उपस्थिति में दिया गया।एनटीपीसी दादरी के अनुसार यहां बायोमास को-फायरिंग को बढ़ावा देने के लिए विशेष तकनीक एवं शानदार प्रयासों से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया जा रहा है।

एनटीपीसी के अनुसार एक टन बायोमास के को-फायरिंग से लगभग 1.2 टन CO₂ उत्सर्जन की बचत होती है। वित्त वर्ष 2024-25 में एनटीपीसी दादरी ने 2.73 लाख मीट्रिक टन बायोमास का उपयोग कर वायुमंडलीय प्रदूषण को कम करके लगभग 3.28 लाख मीट्रिक टन CO₂ उत्सर्जन को रोकने में सफलता हासिल की है। वित्त वर्ष 2025-26 में अब तक 0.589 लाख मीट्रिक टन बायोमास का उपयोग कर 0.7068 लाख मीट्रिक टन CO₂ की बचत की गई है। एनटीपीसी द्वारा उठाए जा रहे यह कदम भविष्‍य में सततीय विकास के लिए महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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