दुखद घटना : शारदा विश्वविद्यालय के गर्ल्स हॉस्टल में बीडीएस की छात्रा ने फांसी लगाकर दी आत्महत्या, छात्रों ने किया हंगामा
Tragic incident: BDS student committed suicide by hanging herself in Sharda University's girls hostel, students created ruckus

Panchayat 24 : ग्रेटर नोएडा स्थित नॉलेज पार्क के शारदा विश्वविद्यालय में बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या की ली। घटना विश्वविद्यालय के ही गर्ल्स हॉस्टल की है। मृतका ने एक सुसाइड नोट में आत्महत्या के लिए शारदा विश्वविद्यालय प्रबंधन एवं अध्यापकों को जिम्मेवार ठहराया है। छात्रा द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटना की खबर एवं सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। घटना के बाद शारदा विश्वविद्यालय के छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आरोपी अध्यापकों की गिरफ्तारी की मांग की।
पीडित परिजन भी मौके पर पहुंच गए। इस दौरान कॉलेज फेकल्टी के साथ छात्रों एवं परिजनों द्वारा हाथापाई की प्रयास किया। मौके पर मौजूद पुलिस ने छात्रों पर बल प्रयोग कर उन्हें वहां से हटाया। बाद में पुलिस अधिकारियों ने छात्रों को समझा बुझाकर शांत किया। फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने पीडित परिजनों की तहरीर पर छ: लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस मामले में विधिक कार्रवाई कर रही है।
क्या है पूरा मामला ?
जानकारी के अनुसार मूलरूप से हरियाणा के भिवानी निवासी रमेश वर्तमान में परिवार सहित गुरूग्राम में रहते हैं। उनकी बेटी ज्योति (21) ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय में बीडीएस की पढ़ाई कर रही थी। आरोप है कि विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर ने छात्रा का मानसिक तौर पर शोषण किया था। इसका जिक्र छात्रा ने फांसी लगाने से पूर्व लिखे अपने सुसाइड नोट में भी किया है जिसमें छात्रा ने शोषण और अपमानित किए जाने की बात लिखी है। उसने अपनी मौत के लिए प्रोफेसर शार्ग मैम और एक पुरूष एसोसिएट प्रोफेसर महेन्द्र सर को जिम्मेवार ठहराते हुए लिखा है कि जिस तरह से वह लंबे समय से तनाव के दौर से गुजरी है, उन लोगों को भी इसका अहसास होना चाहिए। घटना की खबर और सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया जिसके बाद छात्रों का आक्रोश फूट पड़ा। विश्वविद्यालय परिसर में जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गए जो शनिवार के दिन घटे पूरे घटनाक्रम के बारे में पता चलता है।
एडीसीपी सुधीर कुमार का कहना है कि पीडित परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। शुक्रवार रात हुई घटना के बाद से ही छात्र आंदोलनरत हो गए। छात्रों एवं पीडित परिजनों में विश्वविद्यालय के प्रति भारी आक्रोश था। छात्रों एवं परिजनों ने घटना की जांच जल्द से जल्द कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। आक्रोशित छात्रों को देखते हुए एहतियातन विश्वविद्यालय परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। मौके पर फिलहाल शांति है। पुलिस ने पीडित परिजनों की तहरीर पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने इनके खिलाफ दर्ज किया है मुकदमा
जानकारी के अनुसार पुलिस ने असिस्टेंट प्रोफेसर शार्ग मैम, एसोसिएट प्रोफेसर महेंद्र, प्रोफेसर अनुराग अवस्थी, एसोसिएट प्रोफेसर सुरभी, डीन डॉ. एम सिद्धार्थ और एचओडी आशीष चौधरी व अन्य अज्ञात के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। वहीं, पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के दौरान तुरंत गिरफ्तारी की मांग को देखते हुए सैरी मैडम और महेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है।
विश्वविद्यालय प्रबंधन ने आरोपियों के खिलाफ की निलंबन की कार्रवाई
घटना के बाद शारदा विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से भी घटना पर अपना बयान जारी किया गया है। विश्वविद्यालय के डायरेक्टर पीआर डॉ. अजित कुमार ने बताया कि यह एक दुखद घटना है। इस घड़ी में विश्वविद्यालय प्रबंधन शोकाकुल परिवार के साथ खड़ा है। आरोपियों को निलबिंत कर दिया गया है। उनके खिलाफ जांच की जा रही है। विश्वविद्यालय के प्रो वीसी डॉ. परमानंद को जांच समिति का प्रमुख बनाया गया है। यह समिति पांच दिन में जांच रिपोर्ट सौंपेगी। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
घटना को लेकर प्रियंका गांधी ने कही यह बात
ग्रेटर नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय में बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा ज्योति द्वारा की गई आत्महत्या की घटना को लेकर राजनीतिक बयान शुरू हो गए हैं। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और वायनाड़ से पार्टी सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है किपहले ओडिशा में एक छात्रा को जान देने पर मजबूर किया गया और अब ऐसी ही दुखद घटना ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में सामने आई है। एक छात्रा ने शिक्षकों पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर खुदकुशी कर ली। क्या हमारे शैक्षणिक संस्थान हमारे बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हैं? जहां जिंदगी ही सुरक्षित न हो, वहां वे बेहतर जिंदगी के सपने कैसे देखेंगे? लड़कियां जीवन के हर पड़ाव पर दोगुना संघर्ष करते हुए आगे बढ़ती हैं। ऐसी घटनाएं देश भर की लड़कियों को हतोत्साहित करने वाली हैं। केंद्र सरकार को इन मामलों का संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए और ऐसे ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि किसी भी कैंपस में ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।
अखिलेश यादव घटना को लेकर साधा भाजपा पर निशाना
वहीं, इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद अखिलेश यादव ने घटना को लेकर भाजपा को घेरा है। उन्होंने शारदा विश्वविद्यालय में छात्रों पर हुई लठी चार्ज की एक वीडियो एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है -पिछले कुछ सालों से मेडिकल छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार का एक विशेष पैटर्न देखा जा रहा है। इसको गंभीरता से लिया जाए और गहरी जाँच-पड़ताल हो। भाजपा युवा-विरोधी पार्टी है, वो अपनी पुलिस को युवाओं के ख़िलाफ़ उतारकर अपना सीना ठोंकती है। भाजपा का हिसाब-किताब युवा ही करेंगे। छात्र कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!
अखिल भारतीय विधार्थी परिषद ने की निष्पक्ष जांच की मांग
घटना को लेकर स्थानीय स्तर पर भी राजनीति तेज हो गई है। छात्र संगठन और राजनीतिक दल मैदान में उतर आए हैं। भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के मेरठ के प्रांत मंत्री गौरव गौड़ ने कहा कि कि विश्वविद्यालय में यह घटना कई सवाल खड़े करती है। उन्होंने प्रबंधन को ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच समिति का गठन कर आत्महत्या के पीछे के वास्तविक कारणों के खुलासे की मांग की है है। उन्होंने छात्र-छात्राओं के मानसिक स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं परामर्श सुविधाओं की निगरानी के लिए एक स्थायी निगरानी एवं सुधार समिति का गठन करने की मांग की है।
सपा छात्र सभा ने जताई हत्या की आशंका
वहीं, घटना को लेकर मुखर दिखाई दे रही समाजवादी पार्टी की छात्र सभा के जिलाध्यक्ष मोहित नागर का कहना है कि यह घटना हत्या हो सकती है जिसको आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई है। उनहोंने घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है। सपा नेताओं ने घटना के बाद विश्वविद्याल के तीन नंबर गेट पर मृतका के परिजनों के साथ धरना दिया। उन्होंने कहा कि प्रो वीसी के साथ हुई बैठक में प्रबंधन ने पांच दिन का समय मांगा है। यदि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है तो पांच दिन बाद दोबारा से धरना प्रदर्शन किया जाएगा।