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जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सफल विमान लेंडिंग का ऐहितहासिक पल और किसान आन्‍दोलन

Historical moment of successful aircraft landing at Noida International Airport being built in Jewar and farmers' protest

डॉ देवेन्‍द्र कुमार शर्मा

Panchayat 24 : आखिरकार वह घड़ी आ ही गई जिसका सभी गौतम बुद्धनगरवासियों सहित प्रदेशवासियों और देशवासियों को बड़ी बेसब्री से इंतजार था। 9 दिसंबर का दिन उस समय इतिहास बन गया जब जेवर में बन रहे एशिया के सबसे बडे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इंडिगो विमान की सफल लैंडिंग हो गई। यह प्रोजेक्‍ट न केवल उत्‍तर प्रदेश की योगी आदित्‍यनाथ सरकार के लिए गौरव बढ़ाने वाला है, बल्कि उन प्रोजेक्‍टस में भी शामिल हो गया है जिनकी आधारशिला प्रधानमंत्री नरेन्‍द्रमोदी द्वारा रखी गई और उनके ही शासनकाल में साकार होते हुए आकार भी हो रहा है। यह प्रोजेक्‍ट यमुना एक्‍सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के लिए संजीवनी साबित हुआ है। एयरपोर्ट के सपनों पर सवार होकर ही प्राधिकरण आज विकास के रास्‍ते पर सरपट दौड़ रहा है। इस ऐतिहासिक क्षण के लिए सभी किरदारों को हार्दिक शुभकामनाएं।

नोएडा एयरपोर्ट पर विमान की सफल लैंडिंग के बाद यह दिन इतिहास के पन्‍नों में दर्ज हो गया है। वहीं, इसका एक दुखद पहलू भी है। जिस समय नोएडा एयरपोर्ट पर विमान की सफल लैंडिंग के लिए लोग खुशी मना रहे थे। तालियां बजा रहे थे। दुर्भाग्‍यवश, ठीक उसी समय इस ऐतिहासिक पल के लिए अहम किरदार निभाने वाले किसान अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान जेल में बंद है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साकार होते सपने के लिए किसानों ने अपनी जमीन देकर नींव की ईंट की भूमिका निभाई है। अफसोस कि हर बार की तरह नींव की ईंट के योगदान को यहां भी भुला दिया गया।

यहां कई अहम सवाल उठते हैं। क्‍या विकास के इस महायज्ञ का किसानों को कोई पुण्‍य कुछ अंश मिलेगा या फिर उनसे केवल संकल्‍प और आहूति ही ली जाएगी ? नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट सहित जिले में हो रहे विकास कार्यों के लिए अपनी जमीन देने वाले किसानों की विकास में कोई हिस्‍सेदारी तय हो सकेगी ? यदि किसानों की जमीन लेकर किया जा रहा विकास भविष्‍य में किसानों के अस्तित्‍व पर सवाल खड़े करने लगेगा तो ऐसे विकास के क्‍या मायने रह जाएंगे ? भारत को किसानों का देश कहा जाता है। गौतम बुद्ध नगर देश के उन जिलो में लगभग शामिल हो चुका है जहां किसानी लगभग समाप्‍त होने के कगार पर है या फिर समाप्‍त हो चुकी है। ऐसे में किसानों के लिए जीवन निर्वहन का साधन क्‍या होगा ? अभी तक का अनुभव तो यही बताता है कि प्रदेश में किसी भी दल की सरकार रही हो, प्राधिकरणों ने किसानों का शोषण ही किया है। क्‍या देश के विकास की कीमत केवल किसान ही चुकाएगा ?

यमुना एक्‍सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमान की सफल लैंडिंग के सपने को साकार करने वाले प्रमुख किरदारों में गिना जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण वाकई में बधाई का पात्र है। इस अतिमहत्‍वाकांक्षी प्रोजेक्‍ट के लिए किसानों से जमीन का अधिग्रहण करके एयरपोर्ट अथोरिटी को प्राधिकरण द्वारा ही सौंपा गया है। ऐसे में किसानों से किए गए वायदों को पूरा करने की जिम्‍मेवारी भी यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ही है। बिना लागलपेट यह बात कही जा सकती है कि यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकराण इस कार्य में अभी तक नाकम ही साबित हुआ है। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में हो रहे किसान आन्‍दोलन इसकी पुष्टि करते हैं। प्राधिकरण क्षेत्र में निवेश के लिए आने वाली कंपनियों और विकास कार्यों की खबरें समाचार पत्रों में जितनी प्रमुखता से दिखाई देती है, किसानों की समस्‍या समाधान को लेकर के लिए किए गए कामों की घोषणा वाली खबरें कभी कभार ही ढूंढने से मिलती हैं। हालांकि यह घोषणाएं जमीन पर कब तक और कितनी उतर पाती हैं, यह किसी से छिपा हुआ नहीं है। दुर्भाग्‍य ही कहा जाएगा कि सरकारों द्वारा समस्‍या समाधान के लिए किसानों को इतने झूठे आश्‍वासन दिए हैं कि इनके प्रति निराशा भाव पैदा हो गया है। प्राधिकरणों में किसानों से होने वाली लूटखसोट के कारण हर अधिकारी में इन्‍हें भ्रष्‍टाचारी नजर आने लगा है। प्राधिकरणों से संबंधित कामों को कराने के लिए किसान दलालों का शिकार हो रहे हैं। परिणामस्‍वरूप भ्रष्‍ट अधिकारी और दलाल मिलकर किसानों को लूट रहे हैं।

कड़वा है मगर सत्‍य है कि बड़ी संख्‍या में किसान परिवार तेजी से हो रहे बदलाव के साथ स्‍वयं को समायोजित करने में सफल नहीं हैं।   वहीं, जमीन अधिग्रहण के बाद इनका पुश्‍तैनी पेशा कृषि भी हाथ से निकल जाएगा। इस जिले में कृषि को बचाने के लिए शासन, प्रशासन और सरकारें कतई भी गंभीर नहीं हैं। किसानों को भय सता रहा है कि यदि प्राधिकरणों ने उनसे किए गए वायदों और उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो हमारे बच्‍चों को गांव छोड़ना पड़ेगा। फिर इस विकास का हमारे लिए क्‍या महत्‍व है? जिस ऐतिहासिक क्षण की जेवर में बन रहे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर खुशिया मनाई जा रही हैं, उनका हमारे लिए क्‍या मोल है ? ऐसे में यमुना एक्‍सप्रेस-वे सहित ग्रेटर नोएडा और नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को किसानों के दर्द को किसान परिवार के सदस्‍य के रूप में महसूस करना चाहिए। उनका हक देने के लिए ईमानदारी से प्रयास किया जाना चाहिए। वास्‍तव में आज का यह ऐतिहासिक पल उस वक्‍त और भी अविस्‍मरणीय होता जब जेल में कैद किसान भी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उपस्थित लोगों के साथ मिलकर यहां लैंड कर रहे पहले विमान के स्‍वागत में तालियां बजा रहे होते। वास्‍तव में किसानों की खुशहाली ही विकास की प्रासंगिकता तय करेगी।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमान की पहली सफल लाइव लेंडिंग देखने के लिए नीचे क्लिक करें :

जेवर के नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हवाई जहाज की लाइव लेंडिंग

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