भाजपा संगठन चुनाव : पर्चा लीक कराने में जुटे महानगर और जिलाध्यक्ष पदों के दावेदार
BJP organization elections: Candidates for the posts of Metropolitan and District President are busy leaking the form

Panchayat 24 (राजेश बैरागी) : उत्तर प्रदेश और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के महानगर और जिलाध्यक्ष पदों पर चल रही चुनाव प्रक्रिया में क्या विशेष है? आंतरिक लोकतंत्र का दावा करने के बावजूद इन पदों पर नामांकन करने वाले दावेदारों में से किसी एक का चयन शीर्ष नेताओं के आशीर्वाद पर निर्भर है। ऐसे में नामांकन करने वाले दावेदारों द्वारा पर्चा लीक कराने की जुगत बैठाई जा रही है। इससे चुनाव का सस्पेंस समाप्त होगा और न चुने जाने वाले प्रत्याशियों के दिल की धड़कनों पर पड़ रहा दबाव भी थम जाएगा।
पिछले लगभग दो महीने से भारतीय जनता पार्टी में चल रहे सांगठनिक चुनावों में इस समय महानगरों और जिलाध्यक्षों के चुनाव का दौर चल रहा है। इसके लिए बनाए गए चुनाव अधिकारियों और पर्यवेक्षकों के समक्ष इन पदों पर आसीन होने के इच्छुक पार्टी कार्यकर्ताओं ने आवेदन कर दिया है। सभी दावेदारों के नामांकन पत्रों को लखनऊ पार्टी मुख्यालय भेजा जा रहा है। यह चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा है।
हालांकि जिसे चुनाव कहा जा रहा है, उसमें चुनाव जैसा कुछ है नहीं। महानगर या जिला इकाइयों के कार्यकर्ताओं द्वारा अपना नेतृत्व चुने जाने की कोई व्यवस्था नहीं है। दावेदारों के नाम पर विचार लखनऊ स्थित राज्य पार्टी मुख्यालय में होना है। इन पदों पर चयनित होने के लिए निर्धारित अघोषित योग्यता में स्थानीय विधायक, सांसद, क्षेत्रीय अध्यक्ष आदि लोगों का समर्थन हासिल होना आवश्यक है। इसके लिए अच्छे संबंधों के साथ साथ धनबल की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार इन पदों के लिए नामांकन करने वाले गंभीर प्रत्याशी यहां से लखनऊ तक अपने तार जोड़े हुए हैं। नाम घोषित होने तक दावेदारों के दिल की धड़कनें बढ़ी रहेंगी। इसलिए गंभीर और गैर गंभीर प्रत्याशी घोषणा से पहले ही पर्चा लीक कराना चाहते हैं। दरअसल पर्चा लीक कराने का लाभ यह है कि यदि उसके बाद भी पैरवी में गुंजाइश बची हो तो वह और प्रयास कर सकता है जबकि पहले से पता लगने पर चयनित होने वाला प्रत्याशी अपने चयन की रक्षा कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि गौतमबुद्धनगर में नोएडा महानगर और जिलाध्यक्ष पदों के लिए तीन तीन दर्जन से अधिक लोगों ने नामांकन किया है। दोनों ही पदों पर गंभीर दावेदारों की संख्या तीन चार से अधिक नहीं है। हालांकि आश्चर्यजनक रूप से किसी अन्य अनजान से नाम का दाव लगने को लेकर हर कोई चिंतित है। पार्टी के विधायक और सांसद अपने अपने गुट के प्रत्याशियों की भरपूर पैरवी कर रहे हैं। उनके समर्थित प्रत्याशियों को चयनित न होने देने के लिए भी पूरी जोर आजमाइश की जा रही है। इस बीच नये महानगर व जिलाध्यक्ष की टीम में शामिल होने के इच्छुक पार्टी कार्यकर्ताओं ने संभावित दावेदारों से निकटता बढ़ानी शुरू कर दी है।