यमुना प्राधिकरणस्पेशल स्टोरी

राकेश कुमार सिंह ने संभाला यमुना प्राधिकरण का कार्यभार, अवसरों की भरमार, चुनौतियाँ भी कम नहीं

Rakesh Kumar Singh took over the charge of Yamuna Authority, opportunities abound, challenges are also not less

Panchayat 24 : यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के नए सीईओ के तौर पर राकेश कुमार सिंह ने पदभार मंगलवार को कार्यालय पहुंचकर पड़भार ग्रहण कर लिया। उन्होंने अधीनस्थ अधिकारी के साथ काफ़ी देर तक विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
राकेश कुमार सिंह की छवि एक ईमानदार और परिश्रमी अधिकारी की है। वह गौतम बुद्ध नगर में बतौर एसडीएम और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में एसीईओ के पद पर तैनात रह चुके हैं।

वह गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, पिखुआ- हापुड़ विकास प्राधिकरण, लखनऊ विकास प्राधिकरण और मुरादाबाद बिकास प्राधिकरण में वीसी के पद पर काम चुके हैं। गाजियाबाद और मुरादाबाद जिलों के जिलाधिकारी भी रहे हैं। उनके अनुभव के कारण ही यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण जैसी महत्वपूर्ण संस्था की बागडोग सौंपी गई है।

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण तेजी से विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। पूर्व सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह के काल में प्राधिकरण ने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया हैँ। इंटरनेशनल एयरपोर्ट, इंडस्ट्रियल पार्क, इंडस्ट्रियल क्लस्टर उद्योग यहाँ प्रस्तावित हैं। कई उद्योग काम कर रहे हैं।अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म सिटी का शिलान्यास भी प्रस्तावित है। कई महत्वपूर्ण योजनाएं जल्फी आने वाली हैं।

यहां राकेश कुमार सिंह के सामने अवसरों की भरमार है। पूर्व सीईओ द्वारा तैयार किए गए प्लेटफाम पर गाड़ी को आगे बढ़ाते हुए गति देना है। इसके बावजूद उनके रास्ते में चुनौतियाँ भी कम नहीं हैं। सबसे बड़ी चुनौती नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की शुरुआत कराना है। कई बार इसके उद्घाटन की तारीख तैयारियों के अभाव में टल चुकी है।

एक अन्य बड़ी चुनौती फ़िल्म सिटी के शिलान्यास की भी है। फ़िल्म सिटी का शिलान्यास भी कई बार टला है। इसकी तारीख को बढ़ाकर नौ अगस्त कर दिया गया है। दरअसल सबसे बड़ी चुनौती प्रस्तावित लेंड यूज़ के अनुसार फिल्‍म सिटी का निर्माण कराना है। फ़िल्म सिटी के शिलान्यास को लेकर हो रही देरी कई सवालखडे कर रही है।

किसानों की समस्याएं, लंबित जाँच प्रकारण, बिल्डर-बायर समस्या, आवंटित भूखंडों पर जल्द से जल्द काम शुरू कराना, बिल्डर लॉबी की मनमानी पर लगाम लगाना, महंगी होती जमीन की कीमतों के प्राधिकरण द्वारा बसाए जा रहे सपनों के शहर में गरीब और मजदूरों के लिए स्थान और ग्रामीण विकास जैसी समस्याएं राकेश कुमार सिंह के सामने बड़ी चुनौतियाँ भी हैं।

पिछले नौ सालों में पूर्व सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने इस चुनौतियों का समाधान अपने तरीके से खोजने का प्रयास किया है। उनकी अपनी एक कार्यशैली रही है। लोगों से संवाद का तरीका रहा है। भविष्य में यमुना एक्‍सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का भविष्‍य ओर स्‍वरूप इन समस्याओं और चुनौतियों के प्रतिनए सीईओ राकेश कुमार सिंह के नजरिये पर निर्भर करेगा।

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