ग्रेटर नोएडा जोन

परिवारिक विवादों के समाधान के लिए गौतम बुद्ध नगर पुलिस की टूलकिट का अहम हिस्‍सा बन गया है ‘ परिवार विवाद समाधान क्लिनिक’

'Family Dispute Resolution Clinic' has become an important part of Gautam Budh Nagar Police's toolkit for resolving family disputes

Panchayat 24 : परिवार को समाज का मूल बीज माना गया है। यह कई संबंधों के संयुक्‍त होने से बना है। अपराध समाज के संबंधों के स्‍वरूप को प्रभावित करता है। वहीं, परिवार में होने वाले विवाद समाज की जड़ों को दीमक की तरह कमजोर करते हैं। भारतीय समाज के परिप्रेक्ष में यह बात कहीं अधिक सार्थक है। ऐसे में समाज को बचाने के लिए अपराधों और परिवारिक विवादों का उपचार बहुत ही अनिवार्य है। गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट इस बात को महसूस कर रही है।

पुलिस कमिश्नर लक्ष्‍मी सिंह के नेतृत्‍व में पुलिस समाज से अपराध और परिवार से विवाद के उपचार पर काम कर रही है। पुलिस अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई रही है। परिवारों को टूटने से बचाने के लिए परिवार विवाद समाधान क्‍लीनिक ( एफडीआरसी) के माध्‍यम से सकारात्‍मक प्रयास कर रही है। पुलिस के प्रयासों के परिणाम भी सामने आ रहे हैं। परिवार पुरूष एवं महिला, दोनों के अस्तित्‍व के लिए अहम है। महिला की भूमिका परिवार को संजोकर रखने में पुरूष की तुलना में महत्‍वपूर्ण है। एक महिला होने के नाते पुलिस कमिश्नर लक्ष्‍मी सिंह परिवार के महत्‍व को भलीभांति समझती हैं। समाज से अपराध को मिटाने के लिए वह जितना सख्‍त रूख अपनाती हैं, उतना ही नरम रूख परिवारिक विवादों के प्रति रखती हैं। पता चलता है कि परिवारिक संबंधों की संरचना का उन्‍हें अच्‍छे से बोध है।

हाल ही में शारदा विश्‍वविद्यालय के सहयोग से नॉलेज पार्क में परिवार विवाद समाधान क्लीनिक (एफडीआरसी) के चौथे स्थापना दिवस कार्यक्रम लक्ष्‍मी सिंह ने जो बात कही, वह इसका प्रमाण है। उन्‍होंने कहा कि महिलाओं को ध्यान देना चाहिए कि जितना त्याग, बलिदान और मेहनत आप कर रहे हो उतना ही पुरुष कर रहे है, अगर ये बात दोनों को समझ आ गई तो ऐसी समस्या नही आएगी। अगर परिवार टूटता है तो सभी पर असर पड़ता है,चाहे वो महिला हो या पुरुष। एफआईआर करना और नामजद लोगों को जेल भेजना पुलिस के लिए बहुत आसान काम है।

उन्‍होंने परिवारिक विवादों के निपटारे के लिए परिवार विवाद समाधान क्‍लीनिक (एफडीआरसी) को खूब प्रोत्‍साहित किया है। एफडीआरसी की सफलता का ही परिणाम है कि वर्तमान में नोएडा, सेंट्रल नोएडा और ग्रेटर नोएडा जोन में इनका संचालन किया जा रहा है। परिणामस्‍वरूप गौतम बुद्ध नगर पुलिस का  परिवारिक विवादों के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव आया है। एफडीआरसी में विशेषज्ञों ने काउंसलिंग की मदद से पिछले तीन सालों में 942 परिवारों को टूटने से बचाया गया है। एफडीआरसी में साल 2024 में आए 210 पारिवारिक विवाद के मामलों में से सफलता पूर्वक 161 मामलों में परिवार टूटने से बचाने में सफलता पायी है। अभी 49 मामलों में सुलह समझौते के प्रयास जारी हैं जबकि मात्र 11 मामलों में ही एफआईआर दर्ज करने की नौबत आई है जिनमें दोनों पक्ष किसी भी प्रकार झुकने को तैयार नहीं थे।

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