मायावती ने घोषित किया अपना उत्तराधिकारी, जानिए कौन है मायावती का उत्तराधिकारी ? बसपा के पुराने दिनों लौटाने की रखता है क्षमता ?
Mayawati declared her successor, know who is Mayawati's successor? Does BSP have the ability to bring back its old days?

Panchayat 24 : बहुजन समाजवादी पार्टी की प्रमुख मायावती ने आखिरकार अपने उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा कर दी है। पिछले कुछ समय से राजनीति में मायावती की सक्रियता तेजी से कम हो रही थी। परिणामस्वरूप बसपा का राजनीतिक ग्राफ तेजी से नीचे गिरा। यहां तक कि बसपा का गढ़ माने जाने वाले उत्तर प्रदेश में साल 2022 में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी को केवल एक सीट ही हासिल हो सकी। इसको लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि मायावती जल्द ही पार्टी को अपना उत्तराधिकारी सौंप सकती हैं।
कौन है मायावती का उत्तराधिकारी ?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में हुई एक बैठक में बड़ी घोषणा करते हुए अपने भतीजे आकाश को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। इस बैठक में मायावती ने पार्टी के सभी राष्ट्रीय और राज्यों के बड़े पदाधिकारियों को बुलाया था। आकाश मायावती के छोटे भाई आनन्द के पुत्र हैं। आकाश की प्राथमिक पढ़ाई गुरूग्राम में हुई थी। इसके बाद उन्होंने लंदन से एमबीए की पढ़ाई की थी।
साल 2017 में राजनीति की पिच पर आकाश की हो चुकी हैं लांचिंग
आकाश की यह ताजपोशी कोई अचानक नहीं हुई है। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में मायावती ने आकाश का राजनीतिक मंच से परिचय कराया था। उसी वक्त राजनीतिक जानकार भविष्य में बसपा में आकाश की भूमिका को अहम मानकर चल रहे थे। वर्तमान में आकाश पार्टी के कोआर्डिनेटर भी हैं। हाल ही में सम्पन्न हुए पांच राज्यों के मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलांगना और मिजोरम में सम्पन्न हुए चुनाव में आकाश काफी सक्रिय दिखाई दिए थे।
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने आज लखनऊ में हुई बैठक में बड़ा ऐलान करते हुए पार्टी के नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। हाल ही में हुए राजस्थान मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में आकाश आनंद बेहद सक्रिय भूमिका में थे। वहीं उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में उनका अभी बहुत दखल नहीं होगा।
आकाश के सामने बसपा को फिर से खड़ा करने की चुनौती
मायावती द्वारा आकाश को अपना उत्तराधिकारी घोषित किए जाने के बाद कई तरह की राजनीतिक चर्चाएं चल रही है। कुछ लोग मायावती के इस दांव को सही मान रहे हैं। ऐसे लोगों का मानना है कि मायावती अपने नेतृत्व में आकाश को राजनीतिक प्रशिक्षण देना चाहती है। आगामी लोकसभा चुनाव में मायावती आकाश को प्रशिक्षित कर पार्टी के केडर एवं राजनीतिक दांव पेंच से परिचित कराना चाहती है। मायावती के इस कदम को लोग आकाश की राजनीतिक पिच पर लॉंचिंग भी मान रहें हैं। वहीं, कुछ लोग आकाश की राजनीतिक क्षमता को लेकर कई तरह की चर्चा कर रहे हैं। ऐसे लोगों का मानना है कि जिस परिस्थिति में बसपा वर्तमान में खड़ी हैं, वहां से पार्टी को निकालकर उसके पुराने दिनों में ले जाना आकाश के लिए बड़ी चुनौती हैं। ऐसे में आकाश के कंधों पर पार्टी की अपेक्षाओं का भार बहुत अधिक होगा। देखना होगा कि आकाश इस भार को कैसे वहन करते हैं।
अनुभवी चेहरों को पीछे कर आकाश को उत्तराधिकारी चुनना बसपा में विद्रोह पैदा कर सकता है
हालांकि मायावती द्वारा आकाश को अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने की घोषणा के बाद अभी तक पार्टी के अंदर किसी भी तरह के विरोध की बातें सामने नहीं आई हैं। लेकिन राजनीतिक प्रतिक्रिया बहुत जल्दी नहीं आती है। जिन परिस्थितियों में मायावती ने पार्टी के अनुभवी चेहरों को पीछे छोड़कर अपने भतीजे को ही पार्टी में अपना उत्तरािधकारी चुना गया है उससे देर सवेर विरोध ओर विद्रोह होने की संभावना से इंकर नहीं किया जा सकता है। जिस समय बसपा सुप्रीमो ने यह फैसला लिया है, उस समय पार्टी अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुकी है। ऐसे में पार्टी से नेताओं को जोड़े रखना मायावती के लिए एक चुनौती है। भविष्य में भी पार्टी के पास कोई चमत्कार की संभावना नहीं है। सूत्रों की माने तो भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए पार्टी के नेता दूसरे दलों में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले यदि कई बड़े नेता पार्टी छोड़कर दूसरे दलों में शामिल हो जाए तो इसमें काई आश्चर्यचकित होने की बात नहीं है। वहीं आकाश को उत्तराधिकारी बनाकर मायावती ने राजनीति में परिवारवाद की परंपरा को ही आगे बढ़ाया है। इसको लेकर मायावती पार्टी के नेताओं के निशाने पर आ सकती हैं।