समीक्षा बैठक में अखिलेश यादव के सामने जमकर हुआ हंगामा, गौतम बुद्ध नगर के सपाईयों ने एक दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप, डॉ महेन्द्र सिंह नागर ने लूट ली महफिल
There was a huge uproar in the review meeting in front of Akhilesh Yadav, Samajwadi Party members of Gautam Buddha Nagar made serious allegations against each other, Dr. Mahendra Singh Nagar stole the show

Panchayat 24 : लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार को लेकर समाजवादी पार्टी का घड़ा रविवार को लखनऊ में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की उपस्थिति में हुई समीक्षा बैठक में फूट गया। समीक्षा बैठक में गौतम बुद्ध नगर समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों एवं वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का एक दूसरे के प्रति गुस्सा जमकर फूटा। लोकसभा चुनाव की हार के लिए एक दूसरे को जिम्मेवार ठहराया। परिणामस्वरूप समीक्षा बैठक में अखिलेश यादव के सामने जमकर हंगामा और आरोप प्रत्यारोप लगाए गए। सूत्रों की माने तो हंगामे का स्तर इतना बढ़ गया था कि कुछ लोगों ने एक दूसरे के प्रति पार्टी लाइन से हटकर निजी आरोप प्रत्यारोप भी लगाए। अखिलेश यादव ने पूरे घटनाक्रम को बहुत बारीकी से देखा। माना जा रहा है कि रविवार को समीक्षा बैठक में जिस प्रकार का हंगामा हुआ है उसकी गाज जिला संगठन पर गिर सकती है। वहीं, इस सबके बीच समाजवादी पार्टी के गौतम बुद्ध नगर लोकसभा चुनाव प्रत्याशी डॉ महेन्द्र सिंह नागर ने महफिल लूट ली। हालांकि समीक्षा बैठक में डॉ महेन्द्र सिंह नागर को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा दी गई तवज्जो जिला संगठन के कई पदाधिकारियों और वरिष्ठ नेताओं को चुभ सकती है। इस समीक्षा बैठक में गौतम बुद्ध नगर जिले से 50 से अधिक समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता, संगठन पदाधिकारी एवं वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है। इसके बावजूद गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर पार्टी प्रत्याशी डॉ महेन्द्र सिंह नागर पूरे प्रदेश में सबसे अधिक वोटों से चुनाव हार गए थे। चुनाव परिणाम के बाद से ही समाजवादी पार्टी में जिला संगठन और पार्टी के कुछ अन्य नेताओं के बीच मतभेदों की खबरें सामने आ रही थी। जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव में डॉ महेन्द्र सिंह नागर की हार के लिए कुछ पार्टी जिला संगठन के पदाधिकारी उन्हें स्वयं हार के लिए जिम्मेवार ठहरा रहे थे। वहीं, डॉ महेन्द्र सिंह नागर तथा उनके समर्थक इस हार के लिए पार्टी जिला संगठन के कुछ पदाधिकारियों एवं नेताओं को जिम्मेवार ठहरा रहे थे। जिला संगठन शहरी मतदाताओं के बीच पार्टी उम्मीदवार को वोट दिलवाने का आश्वासन देता रहा। लेकिन चुनाव परिणाम से स्पष्ट हो गया कि समाजवादी पार्टी प्रत्याशी डॉ महेन्द्र सिंह नागर को शहरी मतदाताओं, विशेषकर हाईराइज हाऊसिंग सोसायटियों में वोट नहीं मिले थे। चुनाव परिणाम के बाद से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि लोकसभा चुनाव की हार की समीक्षा बैठक हंगामेदार होगी।
डॉ महेन्द्र सिंह नागर को क्लीनचिट, बढ़ा दिया गया कद
सूत्रों के अनुसार पूरी समीक्षा बैठक में समाजवादी पार्टी के गौतम बुद्ध नगर लोकसभा प्रत्याशी डॉ महेन्द्र सिंह नागर ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के समाने अपना पक्ष रखा। जानकारी मिली है कि उन्होंने अखिलेश यादव के सामने कई ऐसी बातों को प्रस्तुत किया जो चौकाने वाली थी। अखिलेश यादव काफी हद तक डॉ महेन्द्र सिंह नागर की बातों से संतुष्ट दिखे। समीक्षा बैठक में डॉ महेन्द्र सिंह नागर को अखिलेश यादव ने अपने साथ मंच पर बुलाकर बिठाया। मंच पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल, शिवपाल सिंह यादव एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र चौधरी भी उपस्थित रहे। अखिलेश यादव ने डॉ महेन्द्र सिंह यादव की तारीफ करते हुए उन्हें गौतम बुद्ध नगर लोकसभा प्रभारी घोषित करते हुए आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी करने का भी संकेत कर दिया। दरअसल, इस घटनाक्रम में डॉ महेन्द्र सिंह नागर को अखिलेश यादव द्वारा दी गई तवज्जों कई संकेत देती है। पहला, भाजपा के गढ में समाजवादी पार्टी द्वारा लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण में हुए ड्रामे के बावजूद डॉ महेन्द्र सिंह नागर लगभग चार लाख वोट हासिल करने में कामयाब रहे। यह बड़ी बात है। जानकारों की माने तो अखिलेश यादव की इंटरनल फाइंडिंग डाॅ महेन्द्र सिंह नागर की बातों की सत्यता की पुष्टि कर रही थी। यही कारण रहा कि अखिलेश यादव ने डॉ महेन्द्र सिंह नागर पर विश्वास जताया है।
डॉ महेन्द्र सिंह नागर का गौतम बुद्ध नगर समाजवादी पार्टी संगठन में हस्तक्षेव बढेगा ?
लखनऊ में सम्पन्न हुई समीक्षा बैठक में जिस प्रकार से सम्पूर्ण घटनाक्रम घटा है उससे स्पष्ट हो गया है कि अखिलेश यादव का डॉ महेन्द्र सिंह नागर पर विश्वास बढ़ा है। जानकार मान रहे हैं कि वह गौतम बुद्ध नगर में अखिलेश यादव के नए सिपाही होंगे। अखिलेश यादव ने डॉ महेन्द्र सिंह नागर को लोकसभा प्रभारी बनाकर इस बात के संकेत भी दे दिए हैं। ऐसे में गौतम बुद्ध नगर जिला समाजवादी पार्टी संगठन में डॉ महेन्द्र सिंह नागर का हस्तक्षेप बढ़ेगा। पता चला है कि डॉ महेन्द्र सिंह नागर ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ हुई चर्चा में स्पष्ट कहा है कि यदि गौतम बुद्ध नगर में पार्टी की हालत में सुधार करना है तो जिला संगठन को मजबूती से खड़ा करना आवश्यक है। इसके लिए पार्टी संगठन में कई तरह के बदलाव करने आवश्यक हैं। समीक्षा बैठक के बाद से इस बात की आशंका प्रबल हो गई है कि समीक्षा बैठक के बाद जिला संगठन पर गाज गिर सकती है।
क्या है समीक्षा बैठक में पर्ची की चर्चा का सत्य ?
समाजवादी पार्टी की समीक्षा बैठक में एक पर्ची की चर्चा भी सामने आ रही है। सूत्रों की माने तो डॉ महेन्द्र सिंह नागर ने एक पर्ची अखिलेश यादव को सौंपी है। समीक्षा बैठक में उपस्थित लोगों के अनुसार डॉ महेन्द्र सिंह नागर इस पर्ची को पढ़ना चाहते थे। लेकिन अखिलेश यादव ने उन्हें बिना पढ़े ही उस पर्ची को ले लिया। अखिलेश यादव ने कहा कि वह इसका संज्ञान अवश्य लेंगे। इसके बाद से ही इस पर्ची की चर्चा चल पड़ी है। कुछ लोगों का मानना है कि इस पर्ची में समाजवादी पार्टी से जुड़े उन लोगों के नाम शामिल हैं जिन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी से भितरघात करते हुए विरोधी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में सहयोग किया। वहीं, कुछ लोग यह भी मान रहे हैं कि इस पर्ची में इस बात का जिक्र है कि लोकसभा चुनाव के दौरान किस किस व्यक्ति के साथ कितना लेनदेन किया गया था। किस व्यक्ति क चुनाव खर्च में किस तरह की भूमिका रही। चूकि इस पर्ची को पढ़ा नहीं गया। ऐसे में समीक्षा बैठक में ओर उसके बाद इस तरह की चर्चांए होने की बात कई लोगों ने स्वीकार की, लेकिन पुष्टि किसी ने भी नहीं की।
मुस्लिम समाज ने किया राजकुमार भाटी का विरोध
सूत्रों के अनुसार मुस्लिम समाज ने समीक्षा बैठक में पार्टी प्रवक्ता राजकुमार भाटी का विरोध किया। अखिलेश यादव के सामने मुस्लिम समाज ने यहां तक कहा यदि इस बार 2027 के विधानसभा चुनाव में राजकुमार भाटी को दादरी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी प्रत्याशी बनाया गया तो मुस्लिम समाज उनके सामने अपना प्रत्याशी उतारेगा। सूत्रों की माने तो समाजवादी पार्टी के कुछ ब्राह्मण कार्याकर्ताओं ने भी राजकुमार भाटी का विरोध किया। जानकारों की माने तो मुस्लिम समाज की ओर से राजकुमार भाटी के विरोध का मुख्य कारण लोकसभा चुनाव 2024 से जुड़ा है। लोकसभा चुनाव के दौरान सिकन्द्राबाद में अखिलेश यादव की चुनावी सभा में मुस्लिम समाज को, विशेषकर दादरी के मुसलमानों को, तवज्जो नहीं दी गई थी। इस घटना के बाद चुनाव के दौरान मुस्लिम समाज से जुड़े समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था। इस घटना के लिए उस समय मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने राजकुमार भाटी एवं पार्टी जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी पर अनदेखी का आरोप लगाया था। हालांकि उस समय मान मनुव्वल के बाद मामला सुलझा लिया गया था। जानकार बताते हैं कि समीक्षा बैठक में पार्टी के मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने इसी घटना के चलते अपने गुस्से का इजहार किया है।
अखिलेश यादव का फैसला तय करेगा गौतम बुद्ध नगर समाजवादी पार्टी की दिशा और दशा
समीक्षा बैठक के बाद तय हो गया है कि अखिलेश यादव द्वारा लिया गया फैसला ही गौतम बुद्ध नगर समाजवादी पार्टी की दिशा एवं दशा तय करेगा। हालांकि समीक्षा बैठक में जिस तरह के संकेत मिलते हैं। इनसे कई बातें स्पष्ट हो जाती है। जिस तरह से कांग्रेस पार्टी छोड़कर सपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले डॉ महेन्द्र सिंह नागर को अखिलेश यादव ने तवज्जो दी उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि गौतम बुद्ध नगर में अखिलेश यादव अपने सिपाही बदलने के मूड में हैं। यदि ऐसा होता है जिले में समाजवादी पार्टी में नए राजनीतिक समीकरण पैदा होंगे। इससे कई बड़े चेहरे इस फैसले की चपेट में आ सकते हैं। पिछले कुछ सालों से समाजवादी पार्टी में युवा कार्यकर्ताबनाम अनुभवी कार्यकर्ता और नया कार्यकर्ताबनाम पुराना कार्यकर्ताको लेकर पार्टी में चर्चा कई तरह की चर्चाओं का दौर चलता रहा है। हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेता और संगठन पदाधिकारी इस तरह की चर्चाओं को नकारते रहे हैं। समीक्षा बैठक के बाद इस प्रकार की चर्चाओं को फिर हवा मिल रही है।