राजनीति

गैरों को कांग्रेस पर और कांग्रेस के अपने पर नहीं भरोसा, पार्टी ने आचार्य प्रमोद कृष्‍णम को 6 साल के लिए पार्टी से किया निष्‍कासित

The foreigners do not trust Congress and the Congress does not trust itself, the party expelled Acharya Pramod Krishnam from the party for 6 years.

Panchayat 24 : देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस वर्तमान में बहुत बुरे दौर से गुजर रही है। कांग्रेस पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सहयोगी तलाश रही है। सत्‍ता विरोधी दलों में भी कांग्रेस को भाव नहीं मिल रहा है। वहीं, कांग्रेस पार्टी के अंदर मुखर होकर बेबाक अंदाज में अपनी बातें रखने वाले नेताओं को पार्टी शक की निगाह से देख रही है। ऐसे नेताओं पर पार्टी को विश्‍वास नहीं है। ऐसे एक नेता आचार्य प्रमोद कृष्‍णम हैं। कांग्रेस पार्टी ने आचार्य प्रमोद कृष्‍णम को 6 साल के लिए पार्टी से निष्‍कासित कर दिया है। पार्टी के खिलाफ बयानबाजी एवं अनुशासनहीता के चलते उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्‍व ने उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रस्‍ताव पर यह कार्रवाई की है। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पत्र जारी कर इस बात की पुष्टि की है।

दरअसल, आचार्य प्रमोद कृष्‍णम कांग्रेस पार्टी के अंदर और बाहर हिन्‍दुत्‍व एवं सनातन का समर्थन बिना लाग लपेट के करते आ रहे है। उन्‍होंने कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और भाजपा नीतियों की कई बार प्रशंसा भी की थी। अयोध्‍या में श्रीराम मंदिर निर्माण एवं श्रीरामलला प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी द्वारा आमंत्रण पत्र ठुकराए जाने की सार्वजनिक तौर पर आलोचना तक की है। आचार्य प्रमोद कृष्‍णम कांग्रेस के अकेले ऐसे नेता है जिन्‍होंने पार्टी में रहते हुए इंडिया गठबंधन की व्‍यवहारिकता पर सवाल उठाए थे। गठबंधन बनाने के लिए साथ आए दलों के एक एक कर कांग्रेस का साथ छोड़ने पर उन्‍होंने इन दलों को परिंदे और कांग्रेस को डूबता हुआ जहाज कहा था। उन्‍होंने कांग्रेस के सनातन एवं हिन्‍दुओं के प्रति अतिवादी दृष्टिकोण रखने को लेकर आलोचना भी की थी। बिहार में इंडिया गठबंधन की टूट पर कहा था कि नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन का अंतिम संस्‍कार कर दिया है। जल्‍द ही जयंत चौधरी इसका श्राद्ध करेंगे।

भाजपा नेताओं से मुलाकात कांग्रेस को चुभ गई

दरअसल, आचार्य प्रमोद कृष्‍णम ने कल्‍की धाम के एक कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, स्‍मृति ईरानी और उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ सहित भाजपा के कई बड़े नेताओं से मुलाकात कर आमंत्रित किया था। कांग्रेस पार्टी के फैसलों पर लगातार सवाल उठाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्‍णम पार्टी नेताओं के निशाने पर थे। भाजपा नेताओं से उनकी मुलाकात ने आग में घी का काम किया।

आचार्य प्रमोद कृष्‍णम के भाजपा में शामिल होने की चर्चा 

पिछले कुछ समय से जिस प्रकार आचार्य प्रमोद कृष्‍णम कांग्रेस की लाइन से हटकर न केवल बयान दे रहे थे, बल्कि कांग्रेस के नेताओं के राजनीतिक आचरण पर सवाल भी उठा रहे थे। इसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था। यहां तक कहा जाने लगा था कि आचार्य प्रमोद कृष्‍णम एक संत है और कांग्रेस की लाइन पर चलकर वह सनातन का अतार्किक विरोध नहीं करेंगे। जरूरत पड़ी तो वह पार्टी छोड़कर भाजपा में अपनी आगे का राजनीतिक सफर शुरू कर सकते है। कांग्रेस पार्टी से निष्‍कासित किए जाने के बाद इस बात की आशंकाएं प्रबल हो गई है कि वह देर सवेर भाजपा में शामिल हो सकते हैं। भाजपा नेताओं से मुलाकात के बाद उत्‍तर प्रदेश की राजनीति में चर्चाओं का दौर गरम है।

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