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उदयपुर कन्‍हैयालाल हत्‍याकांड़ : हत्‍यारा रियाज मोहम्‍मद जयपुर में कराना चाहता था सीरियल बम धमाके

udaipur kanhaiyalal murder case: killer riyaz mohammed wanted to have serial bomb blasts in jaipur

Panchayat24 : उदयपुर के कन्‍हैयालाल हत्‍याकांड़ में एनआईए जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे वैसे हत्‍याकाड़ में शमिल हत्‍यारों से जुड़े चौकाने वाले राज सामने आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन दोनों हत्‍यारों के तार कई आतंकवादी संगठनों से जुड़े हुए थे। हत्‍याकांड़ में शामिल रियाज मोहम्‍मद हाल ही में अलसूफा नामक संगठन से जुड़ा हुआ था और वह पांच सालों से जयपुर तथा आसपास के इलाकों में सक्रिय था। वह मुजीब नामक आतंकवादी के अंडर काम करता था। मुजीब के जेल जाने के बाद रियाज मोहम्‍मद ही असूफा को कमंड कर रहा था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बीते 30 मार्च को चित्‍तौड़ के निम्‍बाहेडा में 3 आतंकवादियों को 12 किलो विस्‍फोटक के साथ बरामद किया था। विस्‍फोक का प्रयोग जयपुर में सीरियल बम धमाकों में किया जाना था। रियाज लगातार विभिन्‍न माध्‍यमों से आईएसआईएस के सम्‍पर्क में था। बता दें कि दोनों हत्‍यारों का सम्‍बन्‍ध कराची से ऑपरेट होने वाले दावत ए इस्‍लाम नामक कट्टरपंथी सुन्‍नी संगठन होने की पुष्टि जांच एजेंसी तथा राजस्‍थान सरकार द्वारा की जा चुकी है।

क्‍या है अलसूफा ?

दरअसल, अलसूफा संगठन का गठन मध्यप्रदेश के रतलाम में साल 2012 में हुआ था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एनआईए ने साल 2015 में अलसूफा के मुखिया अमजद सहित छह लोगों को हिरासत में भी लिया था। 2017 में रतलाम के तरुण सांखला हत्याकांड में जुबैर और अल्तमस सहित आठ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई। जिसके बाद प्रतीत हुआ कि अलसूफा समाप्‍त हो गया है, लेकिन यह फिर से सक्रिय हो गया।

आईएस के स्‍लीपर सेल बनाने की जिम्‍मेवारी, राजस्‍थान में आतंक फैलाने की सजिश का हिस्‍सा

दोनों हत्‍यारे राजस्‍थान में आतंक फैलाने की बड़ी साजिश का थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रियाज मोहम्‍मद और गौस मोहम्‍मद को राजस्‍थान में आतंक फैलाने की खतरनाक साजिश का हिस्‍सा थे। इन्‍हें आईएसआईएस के लिए स्‍लीपर सेल बनाने की जिम्‍मेवारी सौंपी गई थी। दोनों उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, राजसमंद, टोंक, बूंदी, बांसवाड़ा,जोधपुर जिलों में गरीब और बेरोजगार युवाओं को उकसा कर स्लीपर सेल से जोड़ रहे थे। दोनों इन युवाओं को अपने वॉटसअप ग्रुप से जोड़ते थे। इसके बाद कट्टटवाी और जेहादी वीडियो डालकर इन युवाओं के जहन में दूसरे धर्म के लोगों के प्रति जहर भरते थे। युवाओं से कहा जाता था बलदा लो, या फिर चूडियां पहन लो  बता दें कि राजस्‍थान सरकार और और पुलिस दोनों हत्‍यारों के पाकिस्‍तान के कराची में ट्रेनिंग लेने और फंड एकत्रित करने के लिए नेपाल, पाकिस्‍तान और अरब देशाें की यात्रा भी की थी। यहां उनकी मुलाकात अबु इब्राहिम और सलमान से हुई जो पहले से ही दावत ए इस्‍लाम से जुड़े हुए थे।

सऊदी अरब से मिल रहे थे दिशा निर्देश

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दोनों हत्‍यारों को साऊदी अरब में रहने वाले इनके साथी अबू इब्राहिम और सलमान से नुपुर शर्मा के बयान पर कुछ ऐसा करने के दिशा निर्देश मिल रहे थे कि लोग लंबे समय तक याद रखें। इसके बाद ही दोनों ने उदयपुर में एक बैठक कर कन्‍हैयालाल की हत्‍या की योजना बनाई। यह भी पता चला है कि दोनों हत्‍यारे अजमेर शरीफ पहुंचकर सोशल मीडिया पर एक और वीडियो अपलोड़ करने वाले थे। इसके पीछे इनका मकसद केवल और केवल दूसरे धर्म के लोगों के मन में भय और आतंक पैदा करना था। बता दें कि जांच में यह बात भी सामने आई है कि दोनों आरोपी पाकिस्‍तान और अरब देशों के 8 से 10 नम्‍बरों के सम्‍पर्क में थे।

खुद बनाया था धारदार हथियार

नुपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्‍ट करने के लिए कन्हैया को 15 जून से ही मारने की धमकियां मिल रही थीं। पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाने पर पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय दोनों पक्षों के बीच समझौता कराते हुए कहा की अब कोई चिंता की बात नहीं है। इसके बाद से ही दोनों आरोपियों ने कन्‍हैया की हत्‍या की योजना बनाई थी। वह लगातार प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष तरीके से कन्‍हैयालाल पर निगाह रख रहे थे। डर के मारे उसने 6 दिनों तक दुकान नहीं खोली थी। कन्‍हैया की हत्‍या करने के लिए गौस मोहम्‍मद ने खुद गंडासे जैसा धारदार हथियार बनाया था।  28 जून को रियाज और गौस ने कन्हैयालाल की हत्या कर दी। दोनों ने हत्या का भी वीडियो बनाया।

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