घोटाला : 17 करोड़ के बजट की बंदरबांट का परिणाम है रन्हेरा गांव की त्रासदी ! मामला लखनऊ दरबार पहुंचा
Scam: The tragedy of Ranhera village is the result of misappropriation of 17 crore budget! The matter reached Lucknow court

Panchayat 24 : जेवर क्षेत्र के रन्हेरा गांव में आई बाढ़ त्रासदी के मूल में बड़े भ्रष्टाचार की बात सामने आ रहा है। रन्हेरा तथा आसपास के गांवों को बाढ़ जैसी त्रासदी से बचाने के लिए निर्माण कार्य के लिए 17 करोड़ रूपये आवंटित हुए थे। इतनी भारी भरकम रकम खर्च करने के बावजूद रन्हेरा गांव को मानव निर्मित इस आपदा से जूझना पड़ रहा है। प्रथम दृष्टया पूरे मामले में बड़ा घोटाला होने का आभास हो रहा है। प्रतीत हो रहा है कि संबंंधित विभागों और संस्थाओं के अधिकारियों ने बंदरबांट करके 17 करोड़ रूपये हजम किए हैं। निर्माण कार्य की गुणवत्ता और मानकों के साथ समझौता हुआ है। कुछ ऐसी ही बात स्थानीय विधायक धीरेन्द्र सिंह ने भी एक वीडियो जारी करके सवाल उठाए हैं। मामला अब लखनऊ दरबार पहुंच चुका है। मामले की उच्चस्तरीय जांच की बात कही जा रही है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, जेवर क्षेत्र के जिन गांवों की जमीन का नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहण किया गया है, उनमें से रन्हेरा गांव भी एक है। रन्हेरा गांव के पास से एक पथवाये नाला गुजरता है। यह नाला बरसात के मौसम में अधिक सक्रिय होता है। इससे होकर दनकौर क्षेत्र के धनौरी से यहां तक पहुंचता है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की साइट निर्माण के कारण इस नाले को रन्हेरा गांव के पास बंद कर दिया गया। हालांकि सिंचाई विभाग की ओर से एक वैकल्पिक नाले का निर्माण किया गया है। बारिस के मौसम में दनकौर एवं रबूपुरा क्षेत्र का पानी नाले में जमा हो गया। इससे वैकल्पिक नाले के निर्माण की भी पोल खुल गई। इस नाले के निर्माण में मानकों का पालन नहीं किया गया जिसके कारण ढलान सही नहीं होने के कारण बरसात का पानी रन्हेरा गांव में भर गया। पिछले लगभग दो सप्ताह से भी अधिक समय से रन्हेरा गांव पानी में डूबा हुआ है। गांव में औसतन तीन फीट पानी घुसा हुआ है। घरों में पानी घुस गया है। गांव में काफी बड़ी मात्रा में खाद्यान्न नष्ट होने के कारण खाद्य संकट पैदा हो गया है। मवेशियों को लेकर भारी नुकसान हुआ है। स्कूल पानी में डूब गए हैं। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। गांव का दूसरे स्थानों से संपर्क कट गया है। जलभराव के कारण संक्रमण का खतरा पैरा हो गया है। घरों में जहरीले जीव विचरण कर रहे हैं। सांप के कांटने से करिश्मा नामक एक महिला की रन्हेरा में मौत हो चुकी है। लोग काफी डरे हुए हैं। हालांकि जिला प्रशासन गांव में आई त्रासदी से पार पाने के लिए सभी उपाय कर रहा है, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण राहत कार्य में बाधा आ रही है। मोटर पम्प लगाकर गांव में पानी निकासी की व्यवस्था की गई है लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है।
आखिर 17 करोड़ के निर्माण पर कैसे फिर गया पानी ?
जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में वह कह रहे हैं कि सिंचाई विभाग द्वारा जिस नाले को डिजाइन किया गया, उसमें भारी लापरवाही एवं उदासीनता बरती गई है। इस नाले के निर्माण पर 17 करोड़ रूपये खर्च हुए हैं। इसके संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह मैंने वार्ता की गई। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जिन भी अधिकारियों ने लापरवाही बरती है। उनकी जांच कराई जाएगी। रन्हेरा गांव की स्थिति की जांच कराई जाएगी। मुख्यमंंत्री के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल के कार्यालय में बुलाकर सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष (सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग) को बुलाकर उनसे कहा गया कि आखिर जो 17 करोड़ रूपये सरकार ने इस नाले को डिजाईन करने के लिए स्वीकृत किए थे, यह रकम किस तरह से खर्च किया गया था? नाले के निर्माण में क्या खामियां बरती गई ? इसकी जांच के लिए एक राज्यस्तरीय एक टीम रन्हेरा गांव एवं आसपास के क्षेत्रों का दौरा करेगी। जिन भी लोगों ने इस पूरे प्रकरण में लापरवाही बरती है, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सभी विभागों को एक्टिव कर दिया गया है। शासनस्तर से सभी प्रबंध किए जा रहे हैं।
जेवर विधायक ने लखनऊ दरबार को स्थिति से कराया अवगत
जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने लखनऊ पहुंचकर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन मनोज कुमार सिंह को पूरे प्रकरण से अवगत करया है। उन्होंने कहा कि बरसात से पूर्व ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त नहीं किए गए, जिसकी वजह से जल भराव की स्थिति उत्पन्न हुई। यदि समय रहते नालों की साफ सफाई हो गई होती तो, यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती।
जेवर क्षेत्र के गांवों के विकास के बड़े बड़े दावों की खुल गई पोल
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट एवं अन्य विकास परियोजनाओं के लिए जेवर क्षेत्र के की जमीन अधिग्रहण के बाद किसानों एवं स्थानीय लोगों के कल्याण के लिए बड़े बड़े वायदे किए गए थे। यमुना प्राधिकरण ने क्षेत्र के गांवों को मॉडल गांव बनाने की घोषणा की थी। स्थानीय प्रतिनिधि भी जेवर क्षेत्र में विकास की बहती हुई गंगा की झलकियां सोशल मीडिया पर पोस्ट करके इस विकास का श्रेय अपने खाते में जोड़ने से पीछे नहीं हटते थे। लेकिन महज कुछ दिनों की बारिश के कारण रन्हेरा गांव की जो स्थिति हुई है उसने जेवर क्षेत्र के गांवों के विकास के बड़े बड़े दावों की पोल खोल दी है।
क्षेत्र में हो रहे अन्य विकास कार्यों पर भी उठे सवाल
जेवर क्षेत्र के रन्हेरा गांव में जिस तरह से नाले के निर्माण में 17 करोड़ रूपये के घोटाले और बंदरबांट का मामला प्रकाश में आया है, उसके बाद क्षेत्र में हो रहे अन्य विकास कार्यों पर भी सवाल उठने लगे है। एक नाले के निर्माण में बरती गई अनियमित्ताओं और लापरवाही के कारण रन्हेरा गांव के लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। ऐसे में इस बात की भी संभावना प्रबल हो रही है कि दूसरे निर्माण कार्यों में यदि इस तरह की अनियमित्ता एवं उदासीनता अथवा भ्रष्टाचार हुआ होगा तो अन्य गांवों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में यही उचित है कि क्षेत्र में हो रहे दूसरे विकास कार्यों की भी जांच एक निष्पक्ष संस्था से कराई जाए। जिससे भविष्य में कोई अन्य गांव रन्हेरा गांव बनने से बच जाए।