जिस महिला की 12 साल पूर्व हो चुकी है मौत, उसके नाम का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया, किया बड़ा खेल, क्या है पूरा मामला ?
A fake certificate was made in the name of a woman who had died 12 years ago, a big game was played, what is the whole matter?

Panchayat 24 : बिसरख कोतवाली में फर्जीवाड़े का एक अजब गजब मामला दर्ज हुआ है। इस प्रकरण में कुछ लोगों ने एक महिला का फर्जी तरीके से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर जमीन कब्जाने के लिए प्रयोग किया है। आरोप है कि मृत्यु प्रमाण पत्र के बिसरख सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा जारी किया गया है। पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा एक आरटीआई से हुआ है। पीडित ने पुलिस से मामले की शिकायत की थी। पुलिस द्वारा मामले में उचित कार्रवाई नहीं किए जाने पर पीडित ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश किया। न्यायालय ने पीडित का पक्ष सुनने के बाद बिसरख कोतवाली पुलिस को आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच का आदेश दिया।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, मामला बादलपुर कोतवाली क्षेत्र के छपरौला गांव से जुड़ा हुआ है। पुलिस द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार छपरौला गांव निवासी जितेन्द्र चौधरी तथा उनकी पत्नी गीता चौधरी ने छपरौला गांव के ही रहने वाले प्रेमचन्द त्यागी के साथ मिलकर साल 2022 में गांव के खसरा संख्या 986 प्लॉट का फर्जी बैनामा कराने के लिए झूठे दस्तावेज तैयार करा लिए। पीडित ने फर्जीवाड़े की शिकायत सक्षम अधिकारियों से की तो आरोपियों ने प्रेमचन्द त्यागी की मां कपूरी देवी के नाम का एक फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर 25 जनवरी 2024 को फर्जी शपथ पत्र दिया। इस शपथ पत्र में बताया गया था कि कपूरी देवी की मृत्यु 28 दिसंबर 2023 को हुई है।
फर्जी दस्तावेज तैयार करने में कई जोगों ने किया सहयोग
पीडित के अनुसार आरोपियों द्वारा तैयार किए गए फर्जी दस्तावेजों को तैयार करने में कई लोगों ने इनका सहयोग किया। पीडित के अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रदीप शर्मा द्वारा इस संबंध में एक संस्तुति पत्र लिखा गया। एएनएम शशिभूषण से भी इस संबंध में संस्तुति प्राप्त की गई। पीडित का कहना है कि जिस कपूरी देवी के नाम का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र आरोपियों ने पेश किया, उसका नाम साल 2016 में कराई गई एक सर्वे रिपोर्ट तथा परिवार रजिस्टर से काटा जा चुका था। आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों पर गांव के ही कुछ लोगों के हस्ताक्षर भी करा लिए। इतना ही नहीं छपरौला ग्राम विकास समिति का एक फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कराकर बिसरख सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पेश किया। इसमें कई अहम तथ्यों को छिपाया गया। पीडित का आरोप है कि बिसरख स्वास्थ्य केन्द्र ने बिना जांच पड़ताल किए 25 जनवरी 2024 को ही मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया। पीडित का कहना है कि जिस महिला की मृत्यु के प्रमाण पत्र को बनाने के लिए यह पूरा फर्जीवाड़ा किया गया उसकी मौत 12 साल पूर्व ही हो चुकी है।
आरटीआई से कई अहम जानकारियों मिली
पीडित रजनीश यादव का कहना है कि जब उन्हें इस बारे में पता चला तो उन्होंने कुछ अहम जानकारियों प्राप्त करने के लिए संबंधित विभागों से आरटीआई के अन्तर्गत जानकारियों प्राप्त की। इन जानकारियों से पूरे फर्जीवाड़े के बारे में पता चला। उन्होंने कहा कि आरोपियों ने निजी हित साधने के लिए फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कराकर सक्षम अधिकारियों को भ्रमित करने का प्रयास किया है। इस पूरे प्रकरण में कई लोगों की मिलीभगत है। कई अहम साक्ष्यों एवं तथ्यों को छिपाया गया है।
इनके खिलाफ हुआ मामला दर्ज
बिसरख कोतवाली पुलिस ने इस फर्जीवाड़े में कोर्ट के आदेश पर प्रेमचंद त्यागी, प्रेमराज त्यागी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रदीप शर्मा और जितेन्द्र चौधरी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने इस प्रकरण में 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
मामला बिसरख कोतवाली पर दर्ज हुआ है। मामले की जांच की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
हृदेश कठेरिया, एडीसीपी, सेंट्रल नोएडा