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आवासीय समितियो में सब्सीक्वेंट मेंबर को भी अब मिल सकेगा मालिकाना हक

Panchayat 24 : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने शनिवार को एक और अहम निर्णय लेते हुए आवासीय समितियो में सब्सीक्वेंट मेंबर (काबिजदारों) के नाम रजिस्ट्री की अनुमति दे दी है, जिससे इन आवासीय समितियो में सब्सीक्वेंट मेंबरों को भी संपत्ति पर मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ हो गया है। दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एरिया में सीनियर सिटीजन सोसाइटी और एयरफोर्स नेवल हाउसिंग बोर्ड समेत कई ऐसी आवासीय समितियां हैं, जिनमें कंपलीषन न होने के कारण संपत्तियों का हस्तांतरण नहीं हो पा रहा। खरीदार पावर ऑफ अटॉर्नी पर इन संपत्तियों की खरीद-बिक्री कर रहे हैं। एक संपत्ति पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर एक से अधिक बार बिक चुकी है, लेकिन रजिस्ट्री न हो पाने के कारण उनको मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा और इसी वजह से अन्य संपत्तियों की तुलना में इनकी बाजार कीमत भी कम होती है। इन संपत्तियों के खरीदार परेशान हैं और प्राधिकरण से रजिस्ट्री के लिए गुहार लगा रहे हैं। प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की पहल पर आवासीय समिति विभाग की तरफ से बोर्ड के समक्ष प्रस्ताव रखा गया, जिसे बोर्ड ने मंजूर कर लिया है। इसके लिए कुछ शर्तें भी निर्धारित की गईं हैं। मसलन, आवासीय समिति के पदाधिकारियों की तरफ से शपथ पत्र देना होगा कि वर्तमान में सब्सीक्वेंट मेंबर का ही आवंटित भवन पर कब्जा है। साथ ही सभी सदस्यों के पक्ष में सबलीज डीड कराने के लिए अलग-अलग एनओसी जारी करना अनिवार्य होगा। काबिजदारों को भी शपथ पत्र देना होगा कि किसी तरह की आपत्ति आने पर पूरी जिम्मेदारी काबिजदारों की होगी। 100 रुपये के स्टांप पेपर पर इंडेमनिटी बॉन्ड देना होगा कि भविष्य में किसी प्रकार की देयता होने पर काबिजदार भुगतान करेगा और किसी तरह का वाद कोर्ट में दायर नहीं करेगा। आवासीय समिति की सूूची में मूल सदस्य के बाद अंतिम काबिजदार तक प्राधिकरण से तय ट्रांसफर चार्जेस का भुगतान अंतिम काबिजदार को देना होगा। इस नीति के अंतर्गत सिर्फ उन्हीं प्रकरणों पर विचार किया जाएगा, जो भवन आवासीय समिति की कार्यपूर्ति से पूर्व खरीदे गए हैं। सब्सीक्वेंट मेंबर्स को प्रति सदस्य के अनुसार ट्रांसफर शुल्क देना होगा। बोर्ड ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।

निर्मित फ्लैटों की स्कीम जल्द, ऑक्शन से होगा आवंटन

ग्रेटर नोएडा में अपने आषियाने की चाहत जल्द पूरी हो सकती है। प्राधिकरण सेक्टर ओमीक्रॉन वन में स्थित बहुमंजिला आवासीय इमारतों के फ्लैटों की स्कीम जल्द लाने की तैयारी कर रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने शनिवार को इस स्कीम के ब्रोशर व नियम-शर्तों पर अप्रूवल दे दी है। इस स्कीम के लिए ऑनलाइन आवेदन होगा। ई-ऑक्शन के जरिए आवंटन होगा।कॉरपस फंड से ग्रेनो के इंफ्रा का रखरखाव

–ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने दी मंजूरी

–शहर के रखरखाव के लिए पैसों की कमी नहीं होगी

ग्रेटर नोएडा की पहचान मजबूत इंफ्रास्ट्रचर और हरियाली से होती है। इसे बरकरार रखने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने पहल की है। ग्रेटर नोएडा के रखरखाव के लिए कॉरपस फंड बनाया गया है। बोर्ड ने भी शनिवार को कॉरपस फंड पर अपनी सहमति दे दी है। इस फंड का इस्तेमाल ग्रेटर नोएडा के इंफ्रास्ट्रक्चर के रखरखाव पर खर्च किया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि अगर भविष्य में प्राधिकरण की आमदनी कम हो जाती है तो इस फंड से शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर, मसलन सड़क, सीवर, नाली, विद्युत, उद्यान आदि का रखरखाव आसानी से हो सकेगा। यह फंड किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में सुरक्षित रखा जाएगा। इस फंड में लीज रेंट, क्रय योग्य एफएआर शुल्क, रेस्टोरेशन चार्जेस, टाइम एक्सटेंशन चार्ज आदि से प्राप्त होने वाली धनराशि को इस फंड में रखा जाएगा। इस फंड का उपयोग बोर्ड के अप्रूवल से सीईओ की अनुमति के बाद ही किया जा सकेगा।

ग्रेटर नोएडा में ई-साइकिल के संचालन की खुली राह

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में ई-साइकिलिंग को संचालित करने के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी है। बीओटी (बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर) के माध्यम से इस परियोजना को मूर्त रूप दिया जाएगा। बोर्ड के समक्ष रखे गए प्रस्ताव में बताया गया कि ई-निविदा से चयनित एजेंसी को साइकिल स्टेशन बनाने के लिए निर्धारित समयावधि के लिए अलग-अलग जगहों पर 25 वर्ग मीटर जगह उपलब्ध कराया जाएगा। इसका पूरा खर्च निविदाकार ही वहन करेगा। ग्रेटर नोएडा में बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए यह कदम काफी महत्वपूर्ण है। इससे सड़कों पर वाहनों का दबाव भी कम होगा। निवासियों का लास्ट माइल कनेक्टिीविटी के रूप में यह विकल्प मिल जाएगा। इसके इस्तेमाल से आवागमन पर खर्च में कमी आएगी और प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।सामाजिक कार्यों के लिए सामुदायिक केंद्रों की बुकिंग शुल्क में छूट

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने प्राधिकरण से निर्मित सामुदायिक केंद्रों में सामाजिक कार्यों के लिए बुकिंग धनराशि में छूट की मांग को भी मान लिया है। मसलन, सामूहिक विवाह, स्वास्थ्य शिविर का आयोजन, जैसे कार्यों के लिए बुकिंग धनराशि में छूट दी जा सकती है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के चेयरमैन के अन्य निर्देश

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के चेयरमैन दीपक कुमार ने शिक्षा प्राप्त करने के लिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा आने वाले छात्रों को रहने के लिए छात्रावास की सुविधा विकसित करने के निर्देश दोनों प्राधिकरण को दिए हैं, जिसमें छात्रों को शिक्षण कार्य से जुड़ी सभी सुविधाएं उपलब्ध हों। मसलन, लाइब्रेरी, कॉन्फ्रेंस हाल, कंप्यूटर लैब आदि। इसके अतिरिक्त वर्किंग महिलाओं के लिए भी वुमेंस हॉस्टल बनाने को कहा है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा को सेफ सिटी के रूप में विकसित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को कहा है।

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