ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

ग्रेटर नोएडा में एसटीपी की होगी ऑनलाइन निगरानी, तीन पर सिस्‍टम हुआ शुरू, अगले महीने एक और सिस्‍टम होगा चालू

STP will be monitored online in Greater Noida, system started at three places, one more system will be started next month

Panchayat 24 :  ग्रेटर नोएडा में बने सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बादलपुर के बाद अब ईकोटेक-2 व 3 के एसटीपी पर भी ऑनलाइन कंट्रोल मॉनिटरिंग सिस्टम (ओसीएमएस) लगा दिया है। अब कासना स्थित 137 एमएलडी एसटीपी ही बचा है, जिस पर ओसीएमएस नहीं लगा है। एक माह में यहां भी ओसीएमएस लग जाएगा। इन एसटीपी की निगरानी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) भी अपने ऑफिस में बैठकर कंप्यूटर पर कर सकेंगे।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, नमामि गंगा परियोजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी एसटीपी को ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम से लैस किया जा रहा है। इससे एसटीपी से सीवरेज के ट्रीटमेंट की ऑनलाइन मॉनिटरिंग हो सकेगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने सीवर विभाग को ग्रेटर नोएडा के सभी एसटीपी में ऑनलाइन कंट्रोल मॉनिटरिंग सिस्टम तत्काल लगाने के निर्देश दिए हैं। सीवर विभाग ने बादलपुर स्थित दो एमएलडी क्षमता के एसटीपी पर सबसे पहले इसे लागू किया और फिर एक माह में दो और एसटीपी सेक्टर इकोटेक-दो व इकोटेक-3 पर ओसीएमएस लगा दिया। कासना स्थित 137 एमएलडी ही शेष है, यहां भी प्राधिकरण की ओसीएमएस जल्द लगाने की योजना है।

एसटीपी क्षमता

बादलपुर –2 एमएलडी, कासना –137 एमएलडी, ईकोटेक-2 –15 एमएलडी, ईकोटेक-3 –20 एमएलडी

कैसे होगी ऑनलाइन निगरानी

सेक्टर ईकोटेक-दो की क्षमता 15 एमएलडी और ईकोटेक-3 की क्षमता 20 एमएलडी की है। एक एसटीपी पर ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने में लगभग 30 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं, जिसे प्राधिकरण वहन कर रहा है। वरिष्ठ प्रबंधक विनोद शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम से लैस होने के बाद प्राधिकरण के सीवर विभाग के अधिकारी ऑफिस में बैठकर नजर रख सकेंगे। सीवर शोधन से पहले और बाद में बीओडी-सीओडी व अन्य पैरामीटर की मात्रा कितनी हैं, यह जानकारी कार्यालय में मिल सकेगी। इस सिस्टम से छह मोबाइल-लैपटॉप कनेक्ट हो सकते हैं। प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक, प्रबंधक, कॉन्ट्रैक्टर, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व नमामि गंगे परियोजना से जुड़ी अथॉरिटी भी इसकी मॉनिटरिंग करेंगी।

सभी एसटीपी को ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम से लैस करने की योजना पर काम चल रहा है। बादलपुर, ईकोटेक-दो और इकोटेक-3 के एसटीपी पर इसे लगाया जा चुका है। कासना स्थित एसटीपी पर भी ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने की तैयारी चल रही है। इससे एसटीपी का संचालन और गुणवत्ता पर नजर रखने में आसानी होगी। अगर किसी व्यक्ति को सिंचाई व निर्माण कार्यों के लिए भी ट्रीटेड वाटर प्राप्त करना चाहता है तो सीवर विभाग संपर्क कर मामूली शुल्क देकर प्राप्त कर सकता है।

प्रेरणा सिंह, एसीईओ, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण

सिंचाई व निर्माण कार्य में लिया जा रहा ट्रीटेड वाटर

एसटीपी से सीवरेज को शोधित करने से प्राप्त पानी का इस्तेमाल सिंचाई और निर्माण कार्यों में किया जा रहा है। एनटीपीसी भी बिजली उत्पादन के लिए इसी पानी का इस्तेमाल करने पर विचार कर रहा है। इस योजना पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और एनटीपीसी के बीच बातचीत चल रही है। इसके अतिरिक्त अगर किसी को सिंचाई या फिर निर्माण कार्यों के लिए पानी की जरूरत है तो इसका भी इंतजाम है। सीवर विभाग के मोबाइल नंबर 9211 825 118 पर संपर्क कर 7 रुपये प्रति किलोलीटर की दर से ट्रीटेड वाटर प्राप्त कर सकता है।

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