ग्रेटर नोएडा जोन

निजी अस्‍पताल में हादसा : निजी हित के लिए सात जिंदगियों को दांव पर लगाया, लापरवाही या मनमानी, जिम्‍मेवार कौन ? क्‍या हुई कार्रवाई ?

Seven lives were put at risk for personal gain, was it negligence or deliberate action? Who is responsible? What action has been taken?

डॉ देवेन्‍द्र कुमार शर्मा

24 (ग्रेटर नोएडा) : ग्रेटर नोएडा स्थित सेक्‍टर गामा-वन स्थित एक फैलिक्‍स अस्‍पताल में उस समय सात जिंदगियां एक साथ दांव पर लग गई जब शाम को टैंक की खुदाई के दौरान गड्ढे में काम करने के दौरान मजदूरों के ऊपर अस्‍पताल की बाउंंड्री वॉल गिर गई। हादसे में सभी मजदूर दब गए। मौके पर मौजूद लोगों ने सभी मजदूरों को मलबे से निकाला और उपचार के लिए करीब के अस्‍पताल में भर्ती कराया। सूचना पाकर सेक्‍टर बीटा-वन कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस के अनुसार हादसे में पांच लोगों को चोटें आई हैं।शेष दो लोगों को सकुशल बचा लिया गया था। घायलों की स्थित सामान्‍य है। हादसे में घायल हुए समरेश, लखीराम, संजय बिसरसा, सेवालाल और सुनील बसके झारखंड के रहने वाले हैं जबकि अखिलेश चौधरी और लक्ष्‍मण बिहार के रहने वाले हैं।

गनीमत रही कि हादसे में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। वहीं, पुरानी घटनाओं से कोई भी सबक नहीं लेते हुए इस प्रकार के निर्माण कार्य में लापरवाही और मनमानी अभी भी लगातार जारी है। या फिर यह माना जाए कि निजी लाभ के सामने मानवीय जीवन की कोई कीमत नहीं रह गई है। पुलिस के अनुसार एक निजी अस्‍पताल फैलिक्‍स में अस्‍पताल की बाउंडरीवाल और अस्‍पताल की इमारत के बीच एक टैंक के निर्माण के लिए गड्ढा खोदा जा रहा था। हालांकि गड्ढे की अधिकांश खुदाई जेसीबी मशीन से हुई थी। शाम को मजदूरों की मदद से शेष बारीक काम को किया जा रहा था। इसी दौरान यह भीषण हादसा हुआ।

टैंक की खुदाई अस्‍पताल की बाउंड्रीवाल के काफी करीब हो रही थी। ऐसे में अस्‍पताल प्रबंधन अथवा टैंक निर्माण करने वाले ठेकेदार ने इस विषय पर विचार नहीं किया अथवा नजरअंदाज कर दिया कि इस टैंक खुदाई के प्रभाव से बाउंड्रीवाल गिर सकती है जिसकी चपेट में आने से वहां काम करने वाले मजदूर भी आ सकते हैं ? सवाल यह भी उठता है कि ऐसी क्‍या जल्‍दबाजी थी कि शाम के बाद मजदूरों को गहरे टैंक में काम करना पड़ा रहा था ? क्‍या निजी लाभ के लिए मजदूरों की जिंदगी को दांव पर लगाया गया था ? निर्माण कार्य के दौरान मजदूरों की सुरक्षा के उपाय क्‍यों नहीं किए गए थे ? इस पूरे प्रकरण में किसकी गलती है ? यह लापरवाही का मामला है अथवा जानबूझकर की गई गलती है ? क्‍या इस घटना के लिए लापरवाही को कारण मानकर पल्‍ला झाड लिया जाना उचित होगा अथवा मामले की जांच कर जिम्‍मेवार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि खबर लिखे जाने तक पुलिस ने मामले में जांच अथवा कार्रवाई शुरू नहीं हुई है।

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