ग्रेटर नोएडा में मियावाकी पद्धति से पौधरोपण, तीन साल बाद शहर में दिखेगा जंगल जैसा नजारा
Plantation using Miyawaki method in Greater Noida, after three years the city will look like a forest

Panchayat 24 : ग्रेटर नोएडा के सैनी गांव के निकट सेक्टर 10 में मियावाकी पद्धति से पौधरोपण किया गया। कार्यक्रम में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएसबतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रही। उन्होंने कैच फाउंडेशन व कोवेस्ट्रो इंडिया के प्रतिनिधियों ने पौधे लगाए। अगले तीन साल में यह पौधे बड़े हो जाएंगे जिसके बाद शहर में जंगल जैसा नजारा दिखेगा। 130 मीटर रोड के किनारे स्थित करीब दो एकड़ एरिया में बनी यह ग्रीन बेल्ट माउंटेन के आकार में दिखेगी। इसमें लगभग 15 हजार पौधे लगाए गए हैं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के डीजीएम संजय कुमार जैन ने बताया कि मियावाकी पद्धति के अंतर्गत इस ग्रीन बेल्ट में तीन लेयर, जैसे केनोपी लेयर, ट्री लेयर और सब ट्री लेयर में पौधरोपण किया गया है। केनोपी लेयर में नीम, शीशम, बरगद, करंज, आम, पारस पीपल, कचनार, पीपल आदि प्रजाति के पौधे लगाए गए हैं।
ट्री लेयर में महोगनी, कैथल, आमला, बेल, जामुन, इमली, अर्जुन, अमलतास, पिलखन, गुलमोहर आदि प्रजाति के पौधे लगाए गए हैं और सब ट्री लेयर में जामफल, कड़ी पत्ता, सीताफल, नींबू, करौंदा, बंबू, टिकोमा, पारिजात के पौधे लगाए गए हैं। इन पौधों को सुरक्षित रखने के लिए जालीदार बाउंड्री बना दी गई है।
पेड़ों की सिंचाई के लिए ड्रिप पद्धति का इस्तेमाल किया गया है। इसके अंतर्गत पौधों की कतार के बीच से पाइप डाली गई है। उनमें बने छिद्र से पानी का रिसाव होकर पौधों की जड़ों तक पहुंचता रहेगा। इस पद्धति से पानी की खपत भी कम होती है। सहायक निदेशक उद्यान बुद्ध विलास ने बताया कि मियावाकी पद्धति के अंतर्गत फलदार पौधे रोपित किए गए हैं।
बायो-डायवर्सिटी के लिए ये बहुत अच्छे हैं। कार्बन डाई ऑक्साइड को शोषित करने में ये बहुत कारगर हैं। पौधरोपण के दौरान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के उप निदेशक नथोली सिंह, प्रबंधक मिथलेश कुमार, कैच फाउंडेशन व कोवेस्ट्रो इंडिया की तरफ से भरत सिसोदिया, अंकिता शाह व अन्य मौजूद रहे।