अयोध्या में नाबालिग से बलात्कार के आरोपी सपा नेता की सम्पत्ति पर गरजा बुलडोजर, अखिलेश यादव ने कर दी बड़ी मांग
Bulldozer roared on the property of SP leader accused of raping a minor in Ayodhya, Akhilesh Yadav made a big demand

Panchayat 24 : अयोध्या में नाबालिग से गैंग रेप मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। सरकार ने मुख्य आरोपी सपा नेता मोईद खान की बेकरी पर बुलडोजर चला दिया है। सरकार आरोपी के घर सहित कुछ अन्य संपत्तियों पर भी बुलडोजर चलाने की तैयारी कर रही है। आरोपी की बेकरी का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है। बता दें कि अयोध्या में नाबालिग से गैंगरेप मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में उठाकर समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला था। पीडिता की मां ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। मुलाकात के 24 घंटे बाद ही सरकार ने आरोपी के खिलाफ बड़ा एक्शन शुरू कर दिया है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, अध्योध्या के कलंदर कोतवाली क्षेत्र के अन्तर्गत एक 12 साल की नाबालिग से दुष्कर्म के बाद वीडियो बनाया था। आरोपियों ने पीडिता को वीडियो वायरल करने की धमकी देकर बार बार बलात्कार किया। नाबालिग के दो महीने की गर्भवती होने पर मामले का खुलाया हुआ। पीडिता के परिवार में चार बहने हैं। पिता की मौत हो चुकी है। चारों बहनों द्वारा मजदूरी के बाद मिलने वाले पैसों से ही परिवार का गुजारा चलताव है। पीडित पक्ष के अनुसार पक्ष के अनुसार लगभग तीन महीने पूर्व नाबालिग खेतों से मजदूरी करके घर लौट रही थी। इसी बीच राजू नामक एक व्यक्ति उसको रास्ते में मिला। उसने नाबालिग से कहा कि मोईद खांं उसको बेकर में बुला रहा है। बेकरी में मोईद ने नाबालिग से दुष्कर्म किया और राजू ने उसका वीडियो बनाया। बाद में राजू ने भी नाबालिग से बलात्कार किया। पीडित पक्ष का आरोप है कि शिकायत के बावजूद पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस ने पीडित पक्ष पर शिकायत में मोईद खान के नाम को शामिल नहीं करने के लिए दबाव बनाया। बाद में निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं और हिन्दुवादी संगठनों के हस्तक्षेप के बाद पुलिस मामले में कार्रवाई करने को तैयार हुई और भदरसा से समाजवादी पार्टी के नगर अध्यक्ष मोईद खां और बेकरी में काम करने वाले राजू को गिरफ्तार किया। पीडित परिवार आरोपियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग कर रहा है।
पीडित परिजनों ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात, मिला न्याय का आश्वासन
अयोध्या की गैंगरेप की पीडिता के परिजनों ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। उनके साथ अयोध्या की बीकापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ अमित सिंह चौहान भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने पीडित परिजनों को आश्वासन दिया कि आरोपियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। आरोपियों के प्रति कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। पीडिता को हर कीमत पर न्याय दिलवाया जाएगा।
तालाब की जमीन पर बनी थी बेकरी, आरोपी के घर पर भी चलेगा बुलडोजर
नाबालिग से गैंगरेप के मुख्य आरोपी मोईद की बेकरी तालाब की लगभग तीन हजार वर्ग मीटर जमीन पर अतिक्रमण करके बनाई गई थी। शनिवार को राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पैमाईश की। राजस्व विभाग की टीम की जांच में पता चला कि आरोपी ने कब्रिस्तान की जमीन पर भी कब्जा किया हुआ है। खाद्य विभाग की टीम ने भी आरोपी की बैकरी पर पहुंचकर नमूने लिए। बेकरी को सील कर दिया गया। वहीं, आरोपी के घर पर भी बुलडोजर चलाने की तैयारी की जा रही है। आरोपी की अन्य सम्पत्ति को भी चिन्हित किया गया है।
पीडित परिवार को अस्पताल पहुंचकर धमकाने वालों के खिलाफ मुकादमा दर्ज
वहीं, इस पूरे प्रकरण में पुलिस ने समाजवादी पार्टी के दो अन्य नेताओं सहित तीन आरोपियों के खिलाफ पीडिता के परिजनों को धमकाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि अस्पताल में भर्ती पीडिता से मुलाकात करने के लिए भरदसा के नगर पंचायत के चैयरमैन मोहम्मद राशिद, सपा नेता जयसिंह राणा और एक अन्य पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पीडित परिवार पर मामले में सुलह एवं समझौता करने का दबाव बनाया था। इनकार करने पर आरोपी भड़क गए और जान से मारने की धमकी दी।
संजय निषाद ने अखिलेश यादव और पीडीए पर खड़े किए सवाल
योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री संजय निषाद भी पीडिता से मिलने अस्पताल पहुंचे थे। अस्पताल से बाहर निकलकर वह रो पड़े। उन्होंने अखिलेश यादव एवं पीडीए पर हमला बोलते हुए कहा कि अखिलेश यादव का पीडीए झूठा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे अपराधियों के सहारे ही उनकी जीत हुई है।
अखिलेश यादव ने आरोपियों की डीएनए जांच की मांग की
वहीं, पूरे प्रकरण के बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने एक्स पर पोस्ट करते हुए बड़ी मांग की है। उन्होंने लिखा है कि कुकृत्य के मामले में जिन पर भी आरोप लगे हैं उनका डीएनए टेस्ट कराकर इंसाफ का रास्ता निकाला जाना चाहिए न कि केवल आरोप लगाकर सियासत की जाए। जो भी दोषी हो, उसे कानून के हिसाब से सजा दी जाए। यदि डीएनए टेस्ट के बाद आरोप झूठे साबित हुए तो सरकार के संलिप्त अधिकारियों को भी न बख्शा जाए। यही न्याय की मांग है।