फॉरेंसिक साइंस और साइबर सिक्योरिटी प्रॉफेशनलस के लिए मौका, वैश्विक स्तर पर तेजी से हो रहे बदलावों को जान सकेंगे
Opportunity for forensic science and cyber security professionals, to be able to know the rapid changes happening globally
Panchayat24 : दुयिान में हर व्यक्ति के जीवन में साइबर सिक्योरिटी और फॉरेंसिक साइंस का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में साइबर और फॉरेंसिक एक्सपर्ट की दुनिया में तेजी से डिमांड बढ़ रही है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर बदलाव बहुत तेजी से हो रहे है। यदि साइबर एक्सपर्टस एवं प्रोफेशनलस इन बदलावों की जानकारी नहीं रखेंगे तो वह इस पिछड़ जाएंगे और उनके सामने इस क्षेत्र में जटिलताएं पैदा हो जाएंगी। इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को ऐसे ही बदलावों से रूबरू कराने के लिए एमिटी ने एक माह का ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है। इस ऑनलाइन सर्टिफिकेट पाठयक्रम का शुभारंभ गोवा के फॉरेसिक सांइस लैबोरेटरी के निदेशक डाॅ एन पी वाघमारे, एमिटी विश्वविद्यालय की फैकल्टी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की डीन डाॅ सुनिता रतन और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फॉरेसिक सांइसेस के एस्सीटेंट प्रोफेसर एवं प्रोग्राम निदेशक डाॅ अमरनाथ मिश्रा द्वारा किया गया। इस अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फॉरेसिक सांइसेस की एस्सीटेंट प्रोफेसर डा ज्योती सिंह और रिसर्च स्कॉलर श्री सौरभ कुमार सिंह भी उपस्थित थे।
इस ऑनलाइन सर्टिफिकेट पाठयक्रम का शुभारंभ के अवसर पर साइबर क्राइम इन्वेस्टीगेशन, डिजिटल फॉरेसिक और साइबर सिक्योरिटी मे हो रही आधुनिक प्रगति की जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि तकनीक ने जितना इंसान का जीवन आसान बनाया है उतना ही इंसान साइबर अपराध से घिर गया है। साइबर अपराधी लोगों को केवल आर्थिक, समाजिक और व्यवसायिक नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं, बल्कि फिजिकल विश्व हो और वर्चुअल विश्व, दोनो स्थानों पर साइबर हमले का खतरा बढ़ा है। इसी लिए साइबर क्राइम इन्वेस्टीगेशन, डिजिटल फॉरेसिक और साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में विशेषज्ञों की डिमांड बढ़ी है।
एमिटी विश्वविद्यालय की फैकल्टी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की डीन डा सुनिता रतन ने कहा कि वर्तमान समय में बढ़ रही साइबर क्राइम में क्राइम इन्वेस्टीगेशन कोई आसान कार्य नही रह गया है। साइबर अपराध से निपटने के लिए नई तकनीकों, उपकरणों की जानकारी होना आवश्यक है। एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फॉरेसिक सांइसेस के एस्सीटेंट प्रोफेसर एवं प्रोग्राम निदेशक डा अमरनाथ मिश्रा ने जानकारी देते हुए कहा कि 15 जून से 14 जुलाई तक चलने वाले इस सर्टिफिकेट पाठयक्रम से प्रतिभागी वास्तविक समय की चुनौतियों को समझने में सक्षम होगें। इस पाठयक्रम के तहत साइबर अपराधों के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी प्रदान करने के लिए विशेषज्ञों-जैसे उत्तरप्रदेश पुलिस के एसपी साइबर क्राइम डा त्रिवेणी सिंह, नई दिल्ली के रिस्क एंड कंप्लायंस के एस्सीटेंट वाइस प्रेसीडेंट प्रो सुधीर थडानी और फॉरेसिक विशेषज्ञ इंस्पेक्टर जॉर्ज विलियम आदि व्याख्यान देगें।