सेंट्रल नोएडा जोन

चमत्‍कार : दस साल पूर्व लापता हुआ था सात साल का बच्‍चा, परिवार ने खो दी थी उम्‍मीद, पुलिस ने बच्‍चे को खोज निकाला

Miracle: A seven year old child went missing ten years ago, the family had lost hope, the police found the child

Panchayat 24 : किसी बच्‍चे का लापता होना परिवार के लिए कभी न भूलने वाला दर्द होता है। दस साल बाद तक लापता बच्‍चे की बरामदगी न होने पर परिवार की उम्‍मीदें भी टूट जाती है। ऐसे में यदि दस साल बाद परिवार को बिछड़ा हुआ बच्‍चा मिल जाए तो यह किसी चमत्‍कार से कम नहीं है। ऐसा ही एक चमत्‍कान गौतम बुद्ध नगर में हुआ है। सेंट्रल नोएडा पुलिस ने दस साल पूर्व लापता बच्‍चे को बरामद कर लिया है। जिस समय यह बच्‍चा लापता हुआ था, उसकी उम्र सात साल थी। पुलिस के प्रयासों से बच्‍चा अपने परिवार से मिल सका है। लापता बच्‍चे से मिलकर मिलकर परिवार के लोग काफी प्रसन्‍न है। वहीं, पुलिस के इस सराहनीय कार्य की प्रसंशा की जा रही है। डीसीपी ने बच्‍चे को बरामद करने वाली टीम को 25 हजार रूपये के नकद ईनाम की घोषणा की है। मामला फेस-2 कोतवाली क्षेत्र का है।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, एक दशक पूर्व मूलरूप से उत्‍तर प्रदेश के मैनपुरी जिले का रहने वाला एक परिवार नोएडा के गेझा गांव में रहता थाा। परिवार मेहनत मजदूरी करता था। परिवार का सात साल का बच्‍चा 6 नवंबर 2015 को अचानक गायब हो गया था। परिवार द्वारा पुलिस को मामले की सूचना दी कि उनका बच्‍चा गांव के मंदिर पर भंडारे में गया था। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर बच्‍चे की तलाश की लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। लगातार कई वर्षों तक प्रयास के बावजूद कोई सुराग न मिलने पर 20 दिसम्बर 2022 को विवेचना के आधार पर अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी।

लापता बच्‍चे का दस साल पूर्व ऐसे लगा पता

डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्‍थी ने बताया कि हरियाणा के फरीदाबाद जिले में सूरजकुंड कोतवाली में बीती 28 मई को एक बालक के अपहरण की एफआईआर दर्ज हुई थी। फरीदाबाद पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए मंगल कुमार नामक एक व्‍यक्ति को गिरफ्तार करते हुए अपहत बच्‍चे को सकुशल बरामद कर लिया था। पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि उसके पास एक और बच्‍चा है। इस बच्‍चे को वह दस साल पूर्व नोएउज्ञ से लेकर आया था। अभी वह बच्‍चे को नाम बदलकर अपने पास रखे हुए है। फरीदाबाद पुलिस ने यह जानकारी गौतम बुद्ध नगर पुलिस से साझाा की। सझन जांच में पता चला कि यह मामला फेस-2 कोतवाली क्षेत्र का है।

नाम बदलने से पुलिस को मामले की जांच में हुई कठिनाई

डीसीपी सेंट्रल नोएडा के अनुसार इस बच्‍चे का वर्तमान में नाम प्रियांशु है जबकि उसके बचपन का नाम हिमांशु था। बच्चे के बदले नाम के कारण पूर्व की किसी भी गुमशुदगी या अपहरण से उसका मिलान नहीं हो पाया। कोतवाली फेस-2 पुलिस ने तत्परता से बच्चे को अपने थाने बुलाया और समझा-बुझाकर पूछताछ की गई। पूछताछ से स्पष्ट हुआ कि बालक का नाम बदला गया था। जबकि मुकदमा किसी अन्य नाम से दर्ज है। बच्चे की वास्तविक पहचान जानने के लिए कोतवाली फेस-2 पुलिस द्वारा 10 वर्षों के अपराध रजिस्टर, याददाश्त रजिस्टर व गुमशुदा रजिस्टर का अवलोकन किया गया। अभिलेखों का लगातार 6 घंटे तक गहन अध्ययन किया गया। परिणामस्वरूप यह तथ्य उजागर हुआ कि यह वही बच्चा है जिसकी गुमशुदगी दस साल पूर्व फेस-2 कोतवाली क्षेत्र के गेझा गांव से हुई थी।

बच्‍चे की कटी हुई  उंगली और शरीर पर चोट के निशानों से हुई पहचान

डीसीपी शक्ति मोहन अवस्‍थी के अरुसार बरामद बच्चे को अपने माता-पिता का नाम तो ज्ञात था परंतु पता इत्यादि की जानकारी नही थी, जिससे बालक के परिजनों से संपर्क किया जा सके। ऐसे में उसके माता पिता तक पहुंचने में परेशानियां आ रही थी। दस साल पूवै फेस-2 कोतवाली पर पंजीकृत एफआईआर में दर्ज मोबाइल नंबर बच्चे के पिता के मित्र का था। वह पहले नोएडा में रहते थे। वर्तमान में वह आगरा में रहते है। बच्‍चे के पिता के इस मित्र से पुलिस ने संपर्क कर माता-पिता के मूल निवास की जानकारी प्राप्त कर उन्हें बच्चे मिलने की सूचना दी गई। अचानक 10 वर्षों बाद अपने बेटे के मिलने की सूचना से माता-पिता को विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने बच्चे की शारीरिक पहचान पूछी गई। उन्होंने बताया कि उनके बेटे की दाहिने हाथ की एक ऊँगली कटी हुई है और बायीं आँख के नीचे चोट का निशान है। इन निशानों की पुष्टि होने पर परिजनों को विश्वास हुआ। उन्होंने बड़े बेटे, चाची और जीजा को थाना फेस-2 भेजा। परिजनों ने बच्चे को देखते ही पहचान लिया और भावुक होकर गले से लिपट गए। बरामद बालक ने भी इतने वर्षों बाद तुरंत अपने बड़े भाई को पहचान लिया। माता-पिता को भी सूचना देकर मैनपुरी से नोएडा बुलाया गया।

बच्‍चे को परिवार को सौंपने से पूर्व होगा डीएनए परीक्षण

पुलिस के अनुसार बच्‍चे को परिवार को सौंपने से पूर्व बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। न्यायालय के समक्ष भी उसके बयान दर्ज कराया जाएगा। न्यायालय से विधिसम्मत अनुमति प्राप्त कर बरामद बच्‍चे एवं उसके पिता का डीएनए मिलान नियमानुसार कराया जाएगा। पुलिस के अनुसार हरियाणा पुलिस द्वारा आरोपी से की गई पूछताछ में पता चला है कि उसका अपनी पत्‍नी से तलाक हो गया था। इस लिए वह बच्‍चे को भविष्‍य में अपना सहारा बनाने के लिए अपहरण कर अपने साथ रखता था। हालांकि पुलिस आरोपी की बात की जांच करने की बात कह रही है। डीसीपी शक्ति मोहन अवस्‍थी के अनुसार विधिसंगत तरीके से आरोपी से जेल में पूछताछ की जाएगी।

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