गाजियाबाद में अवैध दूतावास का भंडाफोड़, चंद्रास्वामी और अन्तर्राष्ट्रीय हथियार डीलर के संपर्क में रहा है गिरफ्तार आरोपी
Illegal embassy busted in Ghaziabad, arrested accused was in contact with Chandraswami and international arms dealer

Panchayat 24 : उत्तर प्रदेश एसटीएफ (विशेष कार्य बल) की नोएडा यूनिट ने मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद के कविनगर क्षेत्र में संचालित एक फर्जी अन्तर्राष्ट्रीय दूतावास का भंडाफोड़ किया। एसटीएफ ने इस मामले में हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया है। वह कविनगर के केबी-35 पते पर किराए के मकान में कथित रूप से अवैध दूतावास चला रहा था। उसका पूर्व में चंद्रास्वमी और अन्तर्राष्ट्रीय हथियार डीलर से भी संपर्क था।
इस संबंध में कविनगर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है। पुलिस का कहना है कि यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े अपराधों से संबंधित हो सकता है। इसकी जांच इंटरनेशनल एजेंसियों से भी कराई जा सकती है।
खुद को बताता था कई देशों का एम्बेसडर
पुलिस के अनुसार, हर्ष वर्धन खुद को वेस्ट आर्कटिक, साबोर्गा, पोल्विया और लोडोनिया जैसे देशों काएम्बेसडर बताता था। वह अपनी पहचान को वैध दिखाने के लिए डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी गाडियों का प्रयोग करता था। कई फोटोशॉप की गई तस्वीरों में खुद को प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य हस्तियों के साथ दिखाया।
हवाला और दलाली के बड़े रैकेट का खुलासा
जांच में यह भी सामने आया है कि हर्ष वर्धन विभिन्न कंपनियों और निजी व्यक्तियों को विदेशों में काम दिलाने के नाम पर बिचौलिये की भूमिका निभाता था। साथ ही, वह शेल कंपनियों के माध्यम से हवाला नेटवर्क भी चला रहा था। अधिकारियों के अनुसार, उसका पूर्व में चंद्रास्वामी और कुख्यात अन्तर्राष्ट्रीय हथियार डीलर अदनान खगोशी से भी संपर्क था।

साल 2011 में हर्षवर्धन के पास मिला था अवैध सेटेलाइट फोन
पुलिस के अनुसार साल 2011 में भी हर्ष वर्धन के पास से अवैध सैटेलाइट फोन बरामद हुआ था, जिसके संबंध में कविनगर थाने में मुकदमा दर्ज है। एसटीएफ की छापेमारी में हर्षवर्धन के ठिकाने से भारी मात्रा में फर्जी और संदिग्ध सामग्री बरामद की गई है। इसमें, डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी चार लग्ज़री गाड़ियाँ, 12 माइक्रोनेशन देशों के डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, विदेश मंत्रालय की मुहर लगी कूटरचित दस्तावेज, दो फर्जी पैन कार्ड, विभिन्न देशों और कंपनियों की 34 सील एवं मुहरें, दो फर्जी प्रेस कार्ड, 44.70 लाख नगद राशि, कई देशों की विदेशी मुद्रा, कंपनियों व संस्थाओं के कई दस्तावेज, 18 अलग-अलग डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट शामिल हैं।