दादरी क्षेत्र के लिए अच्छी खबर : ऐतिहासिक महत्व की सड़क की बदलेगी दशा, सड़क के चौड़ीकरण का काम शुरू
Good news for Dadri area: The condition of the road of historical importance will change, work of widening the road has started

Panchayat 24 (दादरी) : दादरी क्षेत्र के लिए लोगों को जिस दिन का बेसब्री से इंतजार था, वह घड़ी आखिरकार आ ही गई। क्षेत्र की सबसे पुरानी सड़कों में शुमार होने वाली और ऐतिहासिक महत्व रखने वाले सड़क मार्ग के चौड़ीकरण का काम शुरू हो गया है। लोक निर्माण विभाग सड़क ने सड़क के चौड़ीकरण के लिए खुदाई का काम शुरू कर दिया है। सड़क के चौड़ीकरण के लिए दोनों ओर खुदाई की जाएगी। लगभग पांच किमी लंबे चौड़ीकरण एवं नाले के निर्माण कार्य के लिए सड़क के किनारे पर बने कुछ अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण को भी गिराया जाएगा।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, दादरी एवं चिटेहरा गांव के बीचों बीच से होकर पुराना जी टी रोड़ होकर गुजरता है। सड़क का यह हिस्सा भारत के सबसे लंबा सड़क मार्ग कहा जाने वाले इसके देखरेख का जिम्मा नेशनल हाईवे अथॉरिटी के जिम्मे था। वाहनों की बढ़ती संख्या के चलते दादरी एवं चिटेहरा के उत्तरी छोर से बाइकपास का निर्माण बनाया गया है। इसके बाद इस सड़क के देखरेख की जिम्मेवारी लोक निर्माण विभाग के जिम्मे आ गई है। इस सड़क पर दादरी नगर एवं आसपास के गांवों और छोटे वाहन होकर गुजरते हैं। पिछले एक साल में इस सड़क मार्ग पर ट्रेफिक तेजी से बढ़ा है। सड़क के आसपास अतिक्रमण और अवैध निर्माण के कारण समस्या विकट हुई है। इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। वर्तमान में यह सड़क किसी गांव का साधारणसा दिखने वाला मार्ग ही प्रतीत होता है। कई स्थानों पर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। लोगों की समस्याओं को देखते हुए सरकार ने लगभग 35 करोड़ से अधिक खर्च करके लगभग 2.5 किमी लंबे इस सड़क मार्ग के चौड़ीकरण का निर्णय लिया है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी एवं स्थानीय विधायक तेजपाल सिंह नागर के प्रयासाों से चौड़ीकरण का काम शुरू हो चुका है।
दादरी क्षेत्र से होकर गुजरने वाली इस सड़क का ऐतिहासिक महत्व
दादरी क्षेत्र की यह सड़क भारत की ऐतिहासिक महत्व रखने वाले सड़क मार्ग का हिस्सा है। इस ऐतिहासिक महत्व को जीटी रोड़ (ग्रांड ट्रंक रोड़) के नाम से जाना जाता है। यह सड़क मार्ग दक्षिण एशिया के सबसे पुराने और सबसे लंबे सड़क मार्गों में से एक रहा है। लगभग दो शताब्दियों तक यह सड़क मार्ग भारतीय उपमहाद्वीप के पूर्वी एवं पश्चिमी भागों को आपस में जोड़ता रहा है। यह हावड़ा के पश्चिम में स्थित बंगलादेश के चटगांव से शुरू होकर पाकिस्तान के लाहौर से होते हुए अफगानिस्तान के काबुल तक जाता था। इसको पुराने समय में उत्तर पथ, शाह राह ए आजम, सड़क ए आज और बादशाही सड़क के नामों से जाना जाता था। हालांकि इस मार्ग का अस्तित्व मौर्य साम्राज्य के दौरान अस्तित्व में आया। इसका विस्तार गंगा के मुहाने से होकर मौर्य साम्राज्य के उत्तर पश्चिमी सीमा तक हुआ करता था। आधुनिककाल से पूर्वर्ती इस सड़क का पुन:निर्माण शेर शाह सूरी ने कराया था। सड़क का काफी हिस्सा 1833 से लेकर 1860 के बीच ब्रिटिश शासन में उन्नत कराया गया था। हर काल में यह मार्ग व्यापारिक, आर्थिक एवं सामरिक दृष्टि से बहुत महत्व का रहा है।
लगभग एक साल में पूरा होगा सड़क चौड़ीकरण का काम
दादरी भगत फार्म से शुरू होकर चिटेहरा गांव से होते हुए दादरी बाईपास तक लगभग 2.5 किमी लंबे इस सड़क मार्ग का चौड़ीकरण किया जाएगा। सड़क के दोनों और किनारों से 12 मीटर ( लगभग 40 फीट) तक चौड़ीकरण, पटरी एवं नाले का निर्माण किया जाएगा। इस जमीन पर स्थित बिजली के खंबों को हटाने के लिए विद्युत विभाग को निर्देशित किया गया है। इस काम पर आने वाला खर्च भी विद्युत विभाग को दे दिया गया है। जल्द ही नए खंबों को लगाने और पुराने खंबों को हटाने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। फिलहाल सड़क के दोनों और खुदाई शुरू हो चुका है। सड़क के चौड़ीकरण, खंबों को स्थानांतरण और दोनों ओर नालों के निर्माण के कारण इस प्रोजेक्ट में लगभग एक साल का समय लगने की संभावना जताई जा रही है।