गौतम बुद्ध नगर कमिश्नरेट में सबसे अधिक मुठभेड़, लखनऊ कमिश्नरेट में सबसे अधिक अपराधी ढेर, मेरठ जोन अव्वल
Gautam Buddha Nagar Commissionerate has the highest number of encounters, Lucknow Commissionerate has the highest number of criminals killed, Meerut Zone is on top

Panchayat 24 : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के आठ साल के कार्यकाल में अपराधों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई हुई है। बड़ी संख्या में मुठभेड़ में अपराधी गिरफ्तार हुए हैं। वहीं, कई दुर्दांत अपराधी मारे भी गए हैं। पुलिस मुठभेड़ के मामले में प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट पहले स्थान पर है। वहीं, लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में सबसे अधिक अपराधी पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुए हैं। डीजीपी के अनुसार पुलिस मुठभेड़ों के गौतमबुद्ध नगर में 1,035 मुठभेड़ों में 9 अपराधी ढेर हुए हैं। वहीं, लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में कुल 126 पुलिस मुठभेड़ों में 11 अपराधी मारे गए हैं। वहीं, कानपुर कमिश्नरेेट में 221 मुठभेड़ों में 4 अपराधी ढेर हुए हैं जबकि राणसी कमिश्नरेेट में 118 मुठभेड़ों में 7 बदमाश, आगरा कमिश्नरेट में 426 मुठभेड़ों में 7 अपराधी और प्रयागराज कमिश्नरेट में 126 मुठभेड़ों में 5 अपराधियों को ढेर किया गया।
दरअसल, योगी सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत प्रदेश में पिछले आठ वर्षों में अपराध और अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड कार्रवाई करते हुए एनकाउंटर में 234 दुर्दांत अपरधियों को मुठभेड़ में ढेर किया गया है। इस दौरान पुलिस ने कुल 14,741 मुठभेड़ की कार्रवाइयां कीं, जिनमें 30,293 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। मुठभेड़ों की कार्रवाई में 9,202 अपराधी घायल हुए। वहीं अपराधियों से लोहा लेते हुए 18 पुलिसकर्मी शहीद हो गये। वहीं 1,700 पुलिसकर्मी घायल हुए।
मुठभेड़ की कार्रवाई में मेरठ जोन ने मारी बाजी, मुठभेड़ में भी प्रदेश में अव्वल
डीजीपी राजीव कृष्णा ने बताया कि प्रदेश में सबसे अधिक मुठभेड़ मेरठ ज़ोन में दर्ज की गईं,। यहां पुलिस ने 4,183 कार्रवाई की। इस कार्रवाई में 7,871 अपराधी दबोचे गये जबकि 2,839 अपराधियों को घायल हुए। वहीं 77 कुख्यात अपराधियों को मौके पर ही मार गिराया गया। इस दौरान 452 पुलिसकर्मी घायल हुए जबकि अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए दो पुलिसकर्मी शहीद हो गये। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ की कार्रवाई में पूरे प्रदेश में मेरठ जोन पहले स्थान पर रहा है।
वाराणसी ज़ोन में 1,041 मुठभेड़ हुईं, जिनमें 2,009 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया जबकि 26 अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। इस दौरान 605 अपराधी और 96 पुलिसकर्मी घायल हुए। पूरे प्रदेश में वाराणसी जोन पुलिस बदमाश मुठभेड़ की कार्रवाई में दूसरे स्थान पर है। प्रदेश में आगरा जोन इस प्रकार की मुठभेड़ की कार्रवाई में तीसरे स्थान पर है। यहां 2,288 मुठभेड़ की कार्रवाई की गईं, जिनमें 5,496 अपराधियों को दबोचा गया। इस दौरान 715 अपराधी घायल हुए जबकि 19 अपराध मार गिराए गए। मुठभेड़ के दौरान 56 पुलिसकर्मी घायल हुए।
डीजीपी ने बताया कि इस प्रकार के आंकड़ों पर नजर डालें तो लखनऊ ज़ोन में 790 मुठभेड़ के दौरान 15 दुर्दांत अपराधियों को मारा गया, वहीं प्रयागराज ज़ोन में 506 मुठभेड़ के दौरान 10 अपराधी मारे गए। बरेली ज़ोन में 1,962 मुठभेड़ों में 15, कानपुर जोन में 657 मुठभेड़ों में 11 और गोरखपुर जोन में 594 मुठभेड़ों में 8 अपराधियों को मारा गया।
अपराध के प्रति सरकार की मंशा के अनुरूप हुई कठोर कार्रवाई
पिछले आठ वर्षों में यूपी पुलिस ने अपराधी या तो जेल में होगा या प्रदेश से बाहर के मंत्र को धरातल पर उतारा। इससे अपराधियों में भय और आम जनता में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। यही वजह है कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था की सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। योगी सरकार की नीति के तहत पुलिस ने संगठित अपराध, माफियागीरी और अवैध वसूली पर सख्त प्रहार किया है। मुठभेड़ों के साथ ही संपत्ति कुर्की, गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई और एनएसए जैसे कानूनों के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है।
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत अपराधियों के खिलाफ चला यह आठ वर्षीय अभियान न सिर्फ आंकड़ों में बल्कि जमीनी हकीकत में भी कानून का राज स्थापित करने में सफल रहा है। पुलिस की त्वरित, कठोर और साहसिक कार्रवाई ने अपराधियों को प्रदेश छोड़ने पर मजबूर कर दिया है और उत्तर प्रदेश अब भयमुक्त और सुरक्षित राज्य के रूप में अपनी पहचान को सशक्त कर रहा है।