मोमोज खाने से एक ही परिवार के चार सदस्य फूड पाइजनिंग का शिकार, आप भी तो नहीं हैं मोमोज खाने के शौकीन ?
Four members of the same family fell victim to food poisoning after eating momos, are you also fond of eating momos?

Panchayat 24 : मोमोज खाने का शौक एक परिवार को भारी पड़ गया। मोमोज खाने से परिवार की तीन महिलाओं सहित कुल चार लोग फूड पाइजनिंग का शिकार हो गए। सभी को गंभीर हालत में ग्रेटर नोएडा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सभी का अस्पताल में उपचार चल रहा है। पीडितों की अभी भी हालत गंभीर बनी हुई है। पीडित पक्ष ने जिला खाद्य विभाग को पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई की मांग की है।
क्या है पूरा मामला ?
बादलपुर कोतवाली क्षेत्र के डेरीन स्कनर गांव निवासी संजय भाटी ने बताया कि नोएडा के हाजिपुर में उनकी बेटी पारूल की ससुराल है। वर्तमान में वह अपने पति विनय कसाना के साथ ग्रेटर नोएडा के सेक्टर म्यू-2 में रहती है। बीती 25 मई को ग्रेटर नोएडा स्थित कमर्शियल बेल्ट की स्ट्रीट फूड बेचने वाले एक ठेले से विनय मोमोज पैक कराकर घर ले गया था। विनय, पारूल, विनय की मां मुनीता और बहन दीपिका ने साथ मोमोज खाए थे। मोमोज खाने के कुछ समय बाद उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई। आनन फानन में सभी को ग्रेटर नोएडा स्थित कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जांच के बाद चिकित्सकों ने बताया कि मोमोज खाने से सभी फूड पाइजनिंग का शिकार हुए हैं। पीडित पक्ष का आरोप है कि जिन मोमोज को परिवार के लोगों ने खाया था, उनमें खतरनाक रसायन मिला हुआ था। इसके चलते ही पीडितों को पेट दर्द, बुखार, दस्त एवं आंतों में इंफेक्शन की शिकायत हुई। परिवार के लोगों कहना है कि इस बात की पुष्टि चिकित्सकों की जांच में भी हुई है।
होटल एवं रेस्टोरेंट पर होती है कार्रवाई, स्ट्रीट फूड विक्रेताओं पर नहीं ध्यान
ग्रेटर नोएडा में स्ट्रीट फूड बेचने वाले से मोमोज खरीदकर खाने से एक ही परिवार के चार लोगों की हालत बिगड़ने और अस्पताल में भर्ती होने की घटना से खाद्य विभाग की कार्रवाई पर भी सवाल उठा दिए हैं। घटना के बाद सवाल उठता है कि खाद्य गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर जिला खाद्य विभाग होटलों और रेस्टोरेंटों पर त्वरित कार्रवाई करता है। होटलों और रेस्टोरेंटों में लगातार जांच अभियान चलाता है। जबकि होटलों और रेस्टोरेंटों की अपेक्षा कई गुना लोग स्ट्रीट फूड का सेवन करते हैं। इनकी गुणवत्ता का कोई पैमाना नहीं होता है। इनकी जांच पर कभी कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। परिणामस्वरूप निम्न गुणवत्ता का खाद्य पदार्थ स्ट्रीट फूड में बेचा जाता है। पुराने एवं मिलावटी सामान की भी आसानी से यहां बिक्री की खबरें आती रहती है। ऐसे में स्ट्रीट फूड विक्रेता शहर की बड़ी आबादी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। विभाग का भी इस ओर ध्यान नहीं है।
घटना के संबंध में जिला खाद्य विभाग को लिखित शिकायत मिली है। संबंधित ठेले से मोमोज और सोस के सैंपल लिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने पर मामले में विधिसंगत कार्रवाई की जाएगी। विभाग स्ट्रीट फूड विक्रेताओं, विशेषकर मोमोज विक्रेताओं, की जांच का अभियान चलाएगी।
—– सर्वेश कुमार मिश्रा, जिला खाद्य विभाग अधिकारी