
Panchayat 24 (गाजियाबाद) : गाजियाबाद विकास प्राधिकरण आमदनी बढ़ाने के लिए ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की राह पर चल रहा है। जिस तरह अतिक्रमण की शिकार, कब्जाई गई और गुमनाम सम्पत्तियों को निकलकर नीलामी के माध्यम से ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने कर्ज के जाल से निकलकर कोष को लगभग 8 हजार करोड़ तक पहुंचा दिया है। कुछ इसी प्रकार जीडीए भी सम्पत्तियों की नीलामी कर अच्छी खासी रकम जुटा रहा है। सोमवार को महज पांच सम्पत्तियों की नीलामी से जीडीए को 7.04 करोड़ की आय हुई है।
दरअसल, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) को अपर सचिव की अध्यक्षता में विभिन्न योजनाओं के रिक्त आवासीय और व्यवसायिक भूखण्डों की नीलामी पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार सोमवार को लोहिया नगर स्थित हिंदी भवन में आयोजित की गई। इस दौरान कौशाम्बी योजना के ब्लॉक-ए में स्थित चार आवासीय भूखण्डों की नीलामी से करीब 6.71 करोड़ रुपये की संभावित प्राप्ति हुई। वहीं, यूपी बॉर्डर क्षेत्र के पॉकेट-ए में स्थित एक दुकान भूखण्ड से लगभग 33 लाख रुपये की आय आंकी गई है। इस तरह कुल मिलाकर नीलामी से 7.04 करोड़ रुपये की राशि प्राधिकरण के खाते में आने की संभावना है।
इसके अतिरिक्त नीलामी कार्यक्रम में केवल आवासीय और दुकान भूखण्ड ही नहीं, बल्कि कन्वीनियेंट शॉपिंग, मिक्स लैंड यूज, शिक्षण संस्थान, अस्पताल/नर्सिंग होम से जुड़े भूखण्डों को भी शामिल किया गया। इसके साथ ही शास्त्रीनगर योजना में स्थित लाल बहादुर हॉकी स्टेडियम (हॉकी ग्राउंड एवं नेट प्रैक्टिस एरिया) के तीन वर्षों के संचालन के लिए लीज/अनुबंध की नीलामी भी कराई गई।
बता दें कि ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के वर्तमान सीईओ एनजी रवि कुमार और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष अतुल वत्स एवं वर्तमान उपाध्यक्ष नंदकिशोर कलाल के सामने प्राधिकरणों को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने के साथ ही आर्थिक स्थिति को भी बेहतर बनाने की कठिन चुनौती थी। एनजी रवि कुमार ने प्राधिकरण की बरसो से फंसी हुई एवं विवादित संपत्तियों को चिन्हित किया। उनका समाधान कर नीलामी के माध्यम से ऊंची दरों पर इनका निवेशकों के लिए आवंटन किया। लगभग दो सालों में उन्होंने प्राधिकरण को लगभग कर्जमुक्ति के साथ आठ हजार करोड़ का खजाना भी कोष में जमा करने में कामयाबी हासिल की है।
कुछ इसी तरह खस्ताहाल कोष को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने न केवल लगभग 11 सौ करोड़ तक पहुंचाया। वहीं, जीडीए के वर्तमान उपाध्यक्ष नंदकिशोर वत्स ने भी कोष के खजाने को बढ़ाकर 4 हजार करोड़ तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही थी। सोमवार को पांच भूखंडों की एवज में नीलामी के माध्यम से अर्जित की जा रही 7 करोड़ से अधिक की धनराशि लक्ष्य के प्रति उनके प्रयास को चरितार्थ करती है।



