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दिल्ली से अभी भी दूर देहरादून : दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर गाजियाबाद में फंसा पेंच, जानिए क्या है नई अड़चन?

Dehradun still far from Delhi: The Delhi-Dehradun Expressway is facing a hurdle in Ghaziabad; find out what the new obstacle is?

Panchayat 24 : दिल्ली से देहरादून तक का सफर अब भी सुगम नहीं हो पा रहा है। लंबे समय से चर्चित दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन गाजियाबाद में सर्विस लेन के निर्माण पर पेंच फंस गया है। मामले ने कोर्ट में दस्‍तक दी है। इसी वजह से इस हाई-प्रोफाइल प्रोजेक्ट का पूरा उद्घाटन एक बार फिर टल सकता है।

गाजियाबाद में एक्‍सप्रेस-वे के निर्माण से जुडा विवाद

एक्सप्रेसवे की सर्विस लेन बनाने के लिए गाजियाबाद के मंडोला क्षेत्र में करीब 50 मीटर जमीन पर विवाद चल रहा है। बताया जा रहा है कि एक मकान से जुड़ा यह मामला अब अदालत में पहुंच चुका है। यह जमीन आवास विकास परिषद द्वारा नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को उपलब्‍ध करानी है। एनएचएआई ने उम्‍मीद जताई है कि कोर्ट के फैसले के बाद जमीन का हस्तांतरण और मुआवजा प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, जिससे अड़चन दूर हो सकेगी। अधिकारियों के अनुसार, सर्विस रोड छोड़कर एक्सप्रेसवे का बाकी काम पूरा हो चुका है। एनएचएआई ने हाल ही में एक्सप्रेसवे पर भारी वाहनों से कई दिनों तक भारी वाहन चलाकर भार परीक्षण भी किया था। परीक्षण में सड़क की मजबूती और संरचना पूरी तरह सुरक्षित पाई गई।

कई बार टल चुकी हैं डेडलाइनें

दिल्‍ली के अक्षरधाम से शुरू होकर देहरादून तक बनने वाले लगभग 210 किमी लंबी यह सड़क परियोजना एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। इस परियोजना को साल 2023 में पूरी होनी थी, लेकिन बार-बार विभिन्‍न कारणों से समय-सीमा बढ़ाई गई। पहले 31 मार्च, फिर 15 मई और 15 अगस्त की नई तारीखें तय की गईं, पर निर्माण कार्य अब भी अधूरा है। अब एनएचएआई का लक्ष्य है कि एक्सप्रेसवे को दिसंबर 2025 तक आम लोगों के लिए खोल दिया जाए।

तीन घंटे में दिल्ली से देहरादून

इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद दिल्ली से देहरादून की लगभग 210 किलोमीटर की दूरी केवल ढाई से तीन घंटे में तय की जा सकेगी। एक्‍सप्रेस-वे को इस रूट पर पड़ने वाले महत्‍वपूर्ण सड़क मार्गों से भी जोड़ा गया है। दिल्ली के अक्षरधाम से शुरू होकर यह मार्ग मंडोला एनबीसीसी टाउनशिप, बागपत के मवीकला गांव से होते हुए ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जोड़ा गया है। इस संपूर्ण एक्सप्रेसवे को कई हिस्सों में बांटा गया है, जिनमें से दो प्रमुख खंड 32 किलोमीटर लंबे हैं। दिल्ली का 17 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड मार्ग है, जबकि गाजियाबाद और बागपत जिले में 15 किलोमीटर का जमीनी हिस्सा है।

लोगों को मिलेगी बड़ी राहत

फिलहाल दिल्ली से देहरादून जाने वाले वाहन चालकों को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और मुजफ्फरनगर होते हुए सफर करना पड़ता है, जहां कई जगहों पर जाम की समस्या रहती है। एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद न केवल यात्रा का समय घटेगा, बल्कि यातायात दबाव भी काफी कम होगा। हालांकि, मंडोला की यह 50 मीटर जमीन का विवाद अब भी सबसे बड़ा रोड़ा बना हुआ है। जब तक यह कानूनी पेंच नहीं सुलझता, तब तक दिल्ली से देहरादून की राह पूरी तरह ‘एक्सप्रेस’ नहीं बन पाएगी। अत: अभी भी दिल्‍ली से देहरादून दूर ही नजर आ रहा है।

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