दादरी विधानसभा

दादरी नगरपालिका परिषद के सभासदों के त्‍याग पत्र प्रकरण में नया मोड़, जानिए क्‍या है पूरा मामला ?

New twist in the resignation letter issue of Dadri Municipal Council members, know what is the whole matter?

Panchayat 24 : दादरी नगरपालिका परिषद में चल रहे सभासद त्‍याग पत्र प्रकरण ने नया मोड़ ले लिया है। अपनी मांगों को लेकर सभासदों ने  28 फरवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल और धरना शुरू करने का निर्णय लिया है। सभासदों ने इस संबंध में एक ज्ञापन जिलाधिकारी के नाम उनके कार्यालय को भी सौंपा है। अभी तक मान मनुव्‍वल के दौर से गुजर रहा नगरपालिका परिषद अध्‍यक्ष गीता पंडित, अधिशासी अधिकारी दीपिका शुक्‍ला और सभासदों का टकराव एक कदम आगे बढ़ गया है। सभासदों के इस फैसले ने नगर की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, जिले की एक मात्र नगरपालिका परिषद दादरी में पिछले साल हुए नगर निकाय चुनाव के बाद भाजपा प्रत्‍याशी गीता पंडित ने जीत दर्ज की थी। चुनाव में नगरपालिका परिषद के 25 वार्डों से सभासद भी चुनकर आए थे। चुनाव के बाद से ही नगरपालिका परिषद राजनीति का अखाड़ा बनी हुई है। सभासद नगरपालिका में भ्रष्‍टाचार का आरोप लगाते हुए नगरपालिका अध्‍यक्ष और अधिशासी अधिकारी पर मनमानी करने की बात कह रहे हैं।

इनका आरोप है कि नगर में हो रहे विकास कार्यों में भ्रष्‍टाचार व्‍याप्‍त है। वहीं, नगरपालिका परिषद अध्‍यक्ष गीता पंडित इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए किसी भी जांच एजेंसी अथवा वरिष्‍ठ अधिकारी से जांच कराने की बात कह चुकी हैं। सभासदों की मांग है कि एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन नगरपालिका में किया जाए जो नगरपालिका में हो रहे विकास कार्यों पर नजर रखे। वहीं, नगरपालिका अध्‍यक्ष का कहना है कि नगरपालिका में आज तक इस तरह की कोई भी मॉनिटरिंग कमेटी नहीं बनी है।

यदि किसी भी सभासद को लगता है कि नगरपालिका में भ्रष्‍टाचार व्‍याप्‍त है तो सरकार, शासन एवं प्रशासन के स्‍तर पर मामले की शिकायत कर कसते हैं। इसके बावजूद जहां तक मॉनिटरिंग कमेटी बनाए जाने की बात है तो सभासद बोर्ड बैठक में इस प्रस्‍ताव को पास कराएं। नगरपालिका इस प्रस्‍ताव को शासन के पास भेजेगी। यदि शासन स्‍तर से इसकी स्‍वीकृति मिलती है तो कमेटी का गठन कर दिया जाएगा। गीता पंडित ने भी सभासदों की नीयत पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि सभासद विकास कार्यों में अड्ंगेबाजी कर करते हैं।

नगरपालिका की बैठकों में उपस्थित नहीं होते हैं। बाद में हंगामा करते हैं। ऐसे में दोनों पक्ष अपनी बात पर अड़े हुए हैं। बीते दिनों 15 सभासदों ने अपना त्‍याग पत्र मुख्‍यमंत्री पोर्टल पर डाला था। जिलाधिकारी मुनीष कुमार वर्मा को भी इसकी सूचना दी थी। त्‍याग पत्र देने वालों में कई सभासद भाजपा से आते हैं।

दादरी तहसील परिसर में शुरू करेंगे सभासद अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल एवं धरना

दादरी नगरपालिका परिषद के वार्ड संख्‍या 16 के सभासद आदेश चौधरी ने बताया कि सभासदों की मांगों पर नगरपालिका परिषद द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। आला अधिकारियों के स्‍तर पर भी मामले की शिकायत की जा चुकी है। ऐसे में अंतिम विकल्‍प के तौर पर सभासद अपनी मांगों को लेकर दादरी तहसील परिसर में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल एवं धरने पर बैठेंगे। उन्‍होंने बताया कि भूख हड़ताल पर वह स्‍वयं बैठेंगे। उनके साथ वार्ड संख्‍या 2 से हरीश रावल भी साथ रहेंगे। शेष 13 सभासद अनिश्चितकालीन धरने में शामिल रहेंगे। इनकी प्रमुख मांग है कि नगरपाकिा परिषद में सभासदों की कमेटियों का गठन किया जाए, नगर में राजस्‍व भूमि पर कब्‍जा करने वाले भूमाफियाओं पर कार्रवाई की जाए और दादरी नगरपालिका के भ्रष्‍टाचार की जांच हो।

परदे के पीछे से लिखी जा रही है पटकथा ?

दादरी नगरपालिका परिषद में मे घमासान को लेकर दादरी नगरपालिका परिषद की अध्‍यक्ष गीता पंडित और सभासदों के अपने अपने आरोप, तर्क और दावे हैं। इससे अलग नगर में इस प्रकरण को लेकर कई तरह की चर्चांए भी चल रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि  यह पूरा प्रकरण आर्थिक हितों से जुड़ा है। ऐसे लोग सभासदों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहते हैं कि इनके द्वारा कमिशन हासिल करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। यह सभासदों की दबाव की रणनीति है। वहीं, कुछ लोगों का यह भी कहना है कि दादरी नगरपालिका परिषद में लोगों को परेशान किया जाता है। उनके काम के बदले रिश्‍वत की मांग की जा रही है। नगर में होने वाले निर्माण कार्य में भी भ्रष्‍टाचार की बात कहते हैं। वहीं, नगर में कुछ लोग कहते हैं कि दादरी नगरपालिका परिषद में जो वर्तमान में चल रहा है, उसकी पटकथा नगर निकाय चुनाव से पूर्व ही लिखी जा चुकी थी। उनके अनुसार नगर के लोगोंं का एक धड़ी गीता पंडित से राजनीतिक प्रतिद्वंदिता रखता है। इस धड़े ने गीता पंडित को भाजपा द्वारा दादरी नगरपालिका परिषद के अध्‍यक्ष पद का उम्‍मीदवार बनाए जाने का विरोध किया था। गीता विरोधी गुट भाजपा से जुड़ा है। इसके बावजूद निजी प्रतिद्वंदिता के चलते पार्टी लाइन से हटकर गीता पंडित के विरोधी उम्‍मीदवार का समर्थन किया था। नगर निकाय चुनाव के बाद से ही इस धड़ा गीता पंडित के विरोध में सक्रिय है। इस धड़े का दादरी नगरपालिका परिषद के लिए चुनकर आए काफी सभासदों पर प्रभाव भी है। ऐसे में नगर के लोगों का मानना है कि दादरी नगरपालिका परिषद में जो कुछ भी चल रहा है उसकी पटकथा परदे के पीछे से लिखी जा रही है।

नाराज सभासद रणनीति के तहत बनाना चाहते हैं दबाव

दादरी नगरालिका परिषद के नाराज सभासद अपनी मांगों को लेकर रणनीति बनाकर आगे बढ़ रहे हैं। पहले त्‍याग पत्र दिया जाना और उसके बाद अब अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन तथा भूख हड़ताल की घोषणा इस दिशा की ओर इशारा करती है।  सभासद अपने इस कदम से एक तीर से कई निशाना लगाना चाहते हैं। त्‍याग पत्र देने वाले सभासद अपनी मांगों को मनवाने के लिए नगरपालिका परिषद अध्‍यक्ष गीता पंडित तथा अधिशासी अधिकारी दीपिका शुक्‍ला की घेराबंदी करके दबाव बनाना चाहते हैं। वहीं, लोकसभा चुनाव करीब हैं। कभी भी चुवावों को लेकर अधिसूचना जारी की जा सकती है। ऐसे में अनिश्चितकालीन धरना एवं भूख हड़ताल शुरू करके प्रकरण को राजनीतिक रंग भी देना चाहते हैं। चुनाव के दौरान भाजपा विरोधी दल इस मामले को मुद्दा बनाएंगे। इससे भाजपा पर दोहरा दबाव पड़ेगा। एक तरफ भाजपा के सभासद पार्टी की ही नगरपालिका परिषद के खिलाफ धरने पर बैठे हुए हैं। दूसरा विरोधी दलों के हमले भी झेलने होंगे।

सभासदों की रणनीति में विरोधाभाष

दादरी नगरपालिका परिषद में के 15 सभासदों के द्वारा पहले त्‍याग पत्र देने और उसके बाद अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल एवं धरना प्रदर्शन करने रणनीतिक विरोधाभाष को दर्शा रहा है। दरअसल, त्‍याग पत्र देना एक व्‍यवस्‍था के विरोध का तरीका जरूर है। जानकारों का मानना है कि त्‍याग पत्र दिए जाने के बाद सभासदों ने यह संदेश दिया था कि अब नगरपालिका परिषद के बारे में उनके द्वारा कही गई बातों के पक्ष मेंं इस्‍तीफा देने के अतिरिक्‍त कोई विकल्‍प शेष नहीं बचा था। इस व्‍यवस्‍था से हम खुद को अलग कर रहे हैं। इसके बाद सभासदों ने एक बार फिर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल एवं धरने की बात कहकर अपने त्‍याग पत्र के निर्णय को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। सभासदों की नई घोषणा से साफ हो गया है कि त्‍याग पत्र देने वाले सभासद नगरपालिका से खुद को जोड़े रखना चाहते हैं। अपनी मांगों को लेकर वह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल एवं धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर हुए हैं। ऐसे में सभासदों की रणनीति में विरोधाभाष भी प्रतीत हो रहा है।

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