सीईओ साहब, यीड़ा क्षेत्र के सेक्टर-20 में बनी नाली कल लात मारने से टूट गई थी, लेकिन आज नाली बदल गई ?
CEO Sir, the drain built in Sector-20 of Yida area was broken yesterday due to kicking, but today the drain was changed?

डॉ देवेन्द्र कुमार शर्मा
Panchayat 24 : टेलीविजन पर एक सीमेंट कंपनी का विज्ञापन दिखाया जाता है। सीमेंट से बनी दीवार को तोड़ने का हर संभव प्रयास किया जाता है, लेकिन दीवार टूटती नहीं है। दीवार दोड़ने में जुटे लोग हार थक कर बस एक ही बात पूछते हैं, यह दीवार टूटती क्यों नहीं ? वैसे आजकल लोग लात मारकर नाली भी तोड़ रहे हैं। यदि आप समझ रहे है कि नाली को लात मारकर लोग अपनी शक्ति का अनुभव अथवा प्रदर्शन कर रहे होंगे, आप गलत है। फिर नाली को तोड़ने के पीछे किसी की क्या मंशा हो सकती है ?
दरअसल, कुछ लोगों ने नालियों की गुणवत्ता मापने के लिए लातमार नामक नई तकनीक को विकसितकिया है। नालियों की गुणवत्ता में रूचि रखने वाले कुछ क्वालिटी कंट्रोलरों द्वारा यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के क्षेत्र के आच्छेपुर एवं पारसौल गांवों की जमीन पर बसे सेक्टर-20 स्थित एल ब्लॉक में बन रही नालियों की गुणवत्ता जांचने के लिए इस तकनीक का उपयोग किया गया है। इस तकनीक का प्रयोग करने वाले व्यक्ति के अनुसार नालियां लात की टक्कर नहीं झेल सकी हैं और क्वालिटी कंट्रोल परीक्षण में फेल हो गई। बता दें कि इस नाली का निर्माण साल 2018-20 में हुए टेंडर के जरिए कराया गया था। किसानों द्वारा विरोध के चलते निर्माण कार्य रूक गया था।
मामला यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के सीईओ राकेश कुमार सिंह के दरबार में भी पहुंच गया। सीईओ साहब ने शिकायतकर्ता की शिकायत और उनके द्वारा नालियों की क्वालिटी जांचने के लिए विकसित की गई नई लात मार तकनीक का पूरा सम्मान करते हुए इस परीक्षण को अपनी आंखों से देखने की इच्छा जाहिर कर दी। सीईओ साहब ने शिकायतकर्ता को आश्वस्त किया यदि आपकी तकनीक पर नालियों की गुणवत्ता फेल हो गई है तो जिम्मेवार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
संबंधित वीडियो यहां देखें : रात में ही शिकायतकर्ता की शिकायत की जांच करती यीडा की टीम।
शिकायतकर्ता के साथ मौके पर एक टीम भेजी गई। बाकायदा, शिकायतकर्ता द्वारा लात मार तकनीक से नालियाें की गुणवत्ता परीक्षण की वीडियोग्राफी के भी आदेश दिए गए। मौके पर पहुंचकर नालियों की गुणवत्ता जांच शुरू हुई। यह क्या हुआ ? शिकायतकर्ता द्वारा नाली में जोरदार लात मारने के बाद भी नाली नहीं टूटी। फिर एक के बाद एक करके नाली को कई लात मारी गई। फिर भी नाली नहीं टूटी। शिकायकर्ता ने कहा, जिस नाली पर उसने अपनी विश्वसनीय लात मार तकनीक का सफल परीक्षण किया था, वह दूसरे स्थान पर है।
प्राधिकरण टीम शिकायतकर्ता द्वारा बताए गए स्थान पर बनी नाली के पास पहुंची। इस नाली की गुणवत्ता की भी उसी लातमार तकनीक से जांच शुरू हुई, लेकिन नाली नहीं टूटी। अब शिकायतकर्ता की विश्वसनीय लात मार तकनीक पर सवालिया निशान खड़े हो रहे थे। तभी गंभीर मुद्रा में खड़े शिकायतकर्ता ने चिंतन मनन मे बाद टीम को बताया कि जिस नाली पर उसने अपनी तकनीक का सफल परीक्षण किया था, वह नाली यहां नहीं है। लेकिन वह यह नहीं बता सका कि वह नाली सेक्टर-20 में किस स्थान पर है ?
सीईओ साहब को टीम ने वापस लौटकर बताया कि सारा घटनाक्रम बताया। उन्हें घटना का वीडियो भी दिखाया गया। सीईओ साहब ने कहा कि यह अच्छी बात है कि लोग प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य की निगरानी और गुणवत्ता की जांच कर रहे हैं। क्षेत्र के लोगों की शिकायतों का निवारण और उनकी समस्याओं का निस्तारण प्राधिकरण की प्राथमिकता है। लेकिन जब तक शिकायतों के बारे में वह स्वयं आश्वस्त न हो, झूठी शिकायत न करें। इससे लोगों की सुनवाई के कीमती समय और शिकायतकर्ताओं के विश्वास को हानि पहुंचती है।