सपा और आरएलडी के बीच बयानबाजी शुरू, जानिए अखिलेश यादव के बयान पर जयंत चौधरी का पलटवार
Rhetoric begins between SP and RLD, know Jayant Chaudhary's counterattack on Akhilesh Yadav's statement

Panchayat 24 : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी और सपा के बीच हुए गठबंधन के बाद अचानक आरएलडी के एनडीए में शामिल होने की खबरों ने जोर पकड़ा है। माना जा रहा है कि जल्द ही आरएलडी एनडीए का हिस्सा बन जाएगी। आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी और भाजपा नेताओं के बीच हुई बैठक में सबकुछ तय हो चुका है। दावा यहां तक किया जा रहा है कि भाजपा ने आरएलडी के सामने लोकसभा की तीन सीटें देने का प्रस्ताव रखा था जिसको जयंत चौधरी ने स्वीकार कर लिया है। इन सभी चर्चाओं के बीच समाजवादी पार्टी और आरएलडी के बीच बयानों का दौर शुरू हो गया है।
आरएलडी के एनडीए में शामिल होने पर क्या बोले अखिलेश यादव ?
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि आरएलडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी को वह अच्छी तरह जानते हैं। वह पढ़े लिखे और सुलझे हुए व्यक्ति हैं। वह राजनीति को जानते हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि किसानों की लड़ाई के लिए जारी संघर्ष को वह कमजोर नहीं होने देंगे। कुछ ऐसा ही बयान डिंपल यादव ने दिया है। बता दें कि शिवपाल यादव ने भी अपने बयान में इस खबर को भाजपा के लोगों द्वारा उड़ाई गई अफवाह बताते हुए कहा कि जयंत चौधरी उनके साथ हैं। वह कहीं नहीं जा रहे हैं।
जयंत चौधरी ने अखिलेश यादव के बयान के जवाब में क्या कहा ?
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा दिए गए बयान के जवाब में जयंत चौधरी ने कहा है कि हमारे किसान
भोले हैं, मुर्ख नहीं हैं। वे बहुत समझदार हैं और सशक्त हैं। जयंत चौधरी के इस बयान को राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के एक्स पर पोस्ट किया गया है।
कुछ इस तरह पटरी से उतर गई सपा-आरएलडी गठबंधन की रेल
दरअसल, समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में आरएलडी के सहारे भाजपा को टक्कर देना चाहती है। वहीं, भाजपा मुस्लिम एवं जाट बाहुल्य क्षेत्रों में पार्टी की जीत का परचम फहराना चाहती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन के दो अहम घटक दलों सपा और आरएलडी के बीच सबसे पहले उत्तर प्रदेश में सीट शेयरिंग हुई थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सात सीटें आरएलडी के खाते में गई थी। लेकिन सपा ने कैराना, मुजफ्फरनगर और बिजनौर लोकससभा सीट पर आरएलडी के सिंबल पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार लड़ाने की शर्त रख दी। जबकि आरएलडी हर हाल में चाहती है कि मुजफ्फरनगर सीट पर उनकी पार्टी का उम्मीदवार चुनाव लड़े। वहीं, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच मुजफ्फरनगर और हाथरस सीट पर पेंच फंस गया जो दोनों दलों के बीच दूरियां पैदा करने का कारण बन गया। सूत्रों की माने तो इसी बीच भाजपा ने इसका लाभ उठाते हुए जयंत चौधरी से संपर्क कर राष्ट्रीय लोकदल-भाजपा के बीच गठबंधन की बात कही। हालांकि अभी तक इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।