दादरी विधानसभा

किसान आन्‍दोलन के बीच स्‍थानीय लोगों के लिए अच्‍छी खबर, एनटीपीसी ने गांवों के विकास बजट को बढ़ाकर किया दो गुना, पूरे होंगे कई कार्य

Good news for local people amidst the farmers' agitation, NTPC has doubled the development budget of villages, many works will be completed

Panchayat 24 : एनटीपीसी दादरी ने किसान आन्‍दोलन के बीच आसपास के गांवों के लिए बड़ा फैसला किया है। एनटीपीसी के इस फैसले के बाद किसानों और स्‍थानीय लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। एनटीपीसी ने गांवों के विकास पर खर्च होने वाले बजट को बढ़ाकर लगभग दो गुना कर दिया है। इस बजट से जिन गांवों की जमीन का एनटीपीसी के लिए अधिग्रहण किया गया था, वहां विकास कार्य किए जाएंगे। बता दें कि एनटीपीसी के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे जमीन अधिग्रहण से प्रभावित गांवों के लोगों की मांगों में  क्षेत्र के विकास की बड़ी मांग भी शामिल थी। यह जानकारी एनटीपीसी दादरी के मुख्‍य महाप्रबंधक के सी मुरलीधरन ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान दी। कार्यक्रम के दौरान महाप्रबंधक (ओएंडएम) जी गुरु प्रसाद सिंह, महाप्रबंधक (अनुरक्षण एवं ईधन प्रबंधन) एन एन सिन्हा, एनटीपीसी अस्पताल से डॉक्टर आलोक कुमार, अपर महाप्रबंधक (राख उपयोगिता) धर्मेंद्र लाल, अपर महाप्रबंधक (ईएमजी) वाणीश कुमार झा, कार्यापालक (नैगम सामाजिक दायित्व) सुश्री निधि मेहरा सहित अन्य विभागाध्यक्ष एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन रबेका जरारड़, कार्यपालक (नैगम संचार) ने किया एवं उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन) श्री ऋतेश भारद्वाज ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, एनटीपीसी दादरी परियोजना के लिए लगभग चार दशक पूर्व दादरी क्षेत्र के रसूलपुर, प्‍यावली, ऊंचागांव, सीदीपुर, खंगौड़ा मुठियानी तथा कुछ अन्‍य गांवों की जमीन का  अधिग्रहण किया गया था। पिछले कुछ सालों से अधिग्रहण से प्रभावित किसानों द्वारा मुआवजा बढ़ोत्‍तरी तथा रोजगार सहित विकास की कुछ मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन एवं आन्‍दोलन किया जा रहा है। किसानों की जिला प्रशासन की उपस्थिति में कई बार एनटीपीसी प्रबंधन से वार्ता हो चुकी है। एनटीपीसी प्रबंधन किसानों की गांवों के विकास जैसी मांगों को लेकर एनटीपीसी ने सहमति दे दी है। वहीं, कुछ मांगों पर अभी पेंच फंसा हुआ है। बता दें कि एनटीपीसी द्वारा जमीन अधिग्रहण से प्रभावित गांवों के विभिन्‍न विकास कार्यों को कर रही है। इसके बावजूद जिन विकास कार्यों को किसानों एवं स्‍थानीय लोगों द्वारा प्रमुखता से उठाया गया है, उनके लिए एनटीपीसी ने स्‍वीकृति प्रदान कर दी है। इसके लिए एनटीपीसी ने इन गांवों के विकास कार्यों पर खर्च होने वाले बजट को भी बढ़ा कर लगभग दो गुना कर दिया है।

साल दर साल बढ़ रहा है गांवों पर खर्च होने वाला बजट 

एनटीपीसी की ओर आसपास के गांवों के लिए किए गए विकास कार्यों के बारे में जानकारी दी। इस बीच बताया गया कि एनटीपीसी ने सीएसआर के माध्‍यम से साल 2021-22 में गांवों के विकास के लिए 333.27 लाख रूपये स्‍वीकृत किए। वहीं, साल 2022-23 इस रकम में कुछ कमी आई और 321.77 लाख रूपये ही गांवों के विकास के लिए स्‍वीकृत हुए। अगले साल 2023-24 में एनटीपीसी ने गांवों के विकास के लिए बजट को बढ़ाकर 369 लाख कर दिया। इस बजट में साल 2024-25 में एकदम से लगभग दो गुना कर 694 लाख कर दिया गया। जानकारों की माने तो इस बजट में लगभग दो गुने की वृद्धि होने के पीछे किसान आन्‍दोलन के दौरान उठाई गई कई विकास कार्यों की मांगों को पूरा करने से जोड़कर देखा जा रहा है।

पर्यावरण को लेकर एनटीपीसी का ट्रेक रिकार्ड बेहतर

इस दौरान एनटीपीसी की ओर से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए जा रहे कार्यों के बारे में  बताया। एनटीपीसी ने इस साल 35 हजार पौधे लगाने का लक्ष्‍य रखा है। बताया गया कि एनटीपीसी इस लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के काफी करीब है। पिछले साल एनटीपीसी ने लगभग 30 हजार पौधे लगाए थे। वहीं, सर्दी के मौसम की शुरूआत से दिल्‍ली एनसीआर में छाने वाली धंध को लेकर भी एनटीपीसी काफी संवेदनशील दिखी। मुख्‍य महाप्रबंधक के अनुसार आईआईटी कानपुर की एक टीम ने दादरी एनटीपीसी के आसपास के क्षेत्र का सर्वे किया। आईआईटी टीम की रिपोर्ट में पता चला कि एनटीपीसी के कारण पर्यावरण पर किसी भी तरह का कोई नकारात्‍मक प्रभाव नहीं है। इसके अतिरिक्‍त उन सभी बतों का पूरा ध्‍यान रखा जाता है जिससे प्रदूषण को फैलने से रोका जाए।

कोयले में पराली तथा अन्‍य कचरे से बनी पेलट का उपयोग

एनटीपीसी के अनुसार कोयले से बिजली उत्‍पादन के लिए कोयले के साथ पराली तथा अन्‍य कूड़े से बनने वाली पेलट के रूप में ईंधन का उपयोग करना आवश्‍यक हो गया है। इसकी मात्रा सरकार द्वारा तीन प्रतिशत की गई है। एनटीपीसी दादरी वर्तमान में औसत 4 प्रतिशत का उपयोग कर रहा है। इसको बढ़ाकर 5 प्रतिशत करने का लक्ष्‍य किया गया है।

रिन्‍यूवल एनर्जी के क्षेत्र में एनर्जी तेजी से बढ़ रही है 

मुख्‍य महाप्रबंधक के सी मुरलीधरन ने बताया कि दादरी एनटीपीसी में जमीन की उपलब्‍धता नहीं होने के कारण सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बहुत अधिक काम नहीं किया जा सका है। हालांकि इसके बावजूद यहां पर 5 मेगावॉट बिजली का उत्‍पादन किया जा रहा है। भविष्‍य में सौलर तथा रिन्‍यूवल एनर्जी के अन्‍य स्रोत्र के माध्‍यम से एनटीपीसी भी बड़ी मात्रा में बिजली उत्‍पादन करेगा। उन्‍होंने बताया कि बिजली उत्‍पादन के क्षेत्र में कई प्राइवेट प्‍लेयर पहले से ही काम कर रहे हैं। उनके द्वारा उपभोक्‍ताओं को सस्‍ती दरों पर बिजली उपलब्‍ध कराई जा रही है। व्‍यापारिक नजरिए से इनके द्वारा एनटीपीसी के सामने चुनौतियां पेश की जा रही है। एनटीपीसी भी रिन्‍यूवल एनर्जी के क्षेत्र में आने वाले पांच से छ: सालों में तेजी से आगे बढ़ेगा। इसके बाद एनटीपीसी के उपभोक्‍तओं को भी संभवत: सस्‍ती दरों पर बिजली उपलब्‍ध हो सकेगी।

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