दिल्लीराजनीति

अरविन्‍द केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अन्‍ना हजारे ने कह दी बड़ी बात, जानिए क्‍या कहा अन्‍ना हजारे ने ?

Anna Hazare said a big thing on the arrest of Arvind Kejriwal, know what Anna Hazare said?

Panchayat 24 : दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविन्‍द केजरीवाल ने शराब नीति में भ्रष्‍टाचार से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। अरविन्‍द केजरीवाल की गिरफ्तारी पर उनके गुरू अन्‍ना हजारे ने बड़ी बात कही है। अन्‍ना हजारे ने अरविन्‍द केजरीवाल की नीयत पर भी सवाल उठाया है। बता दें कि अन्‍ना हजारे के नेतृत्‍व में अरविन्‍द केजरीवाल तथा अन्‍य लोगों ने राजनीतिक सुचिता के लिए आन्‍दोलन चलाया था। इसके बाद वह अन्‍ना हजारे से अलग हो गए और आम आदमी पार्ट का गठन किया। आन्‍दोलन के प्रति जनता के भावनात्‍मक समर्थन का लाभ उठाया और चुनाव लड़ा। चुनाव में बंपर जीत हुई और दिल्‍ली की सत्‍ता पर आसीन हो गए। बाद में शराब नीति में बदलाव कर भ्रष्‍टाचार एवं मनी लांड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं के दामन पर दाग लगे। इस प्रकरण में अभी तक दिल्‍ली के उपमुख्‍यमंत्री मनीष सिसौदिया, राज्‍यसभा सांसद संजय सिंह और अब मुख्‍यमंत्री अरविन्‍द केजरीवाल जेल जा चुके हैं।

अन्‍ना हजारे ने क्‍या कहा ?

अन्‍ना हजारे ने कहा है कि अरविन्‍द केजरीवाल जैसे आदीम ने मेरे साथ काम किया था। हमने शराब के खिलाफ आवाज उठाई थी। आज वह शराब नीति बना रहा है। मुझे इस बात का दुख है। अरविन्‍द केजरीवाल अपने कृत्‍य के कारण गिरफ्तार हुए है। यदि वह कुछ गलत नहीं करते तो गिरफ्तारी का कोई मतलब नहीं था। अब गिरफ्तार हुए हैं तो कानून के तौर पर जो होना है होगा। सरकार इसको देखेगी। इस बारे में सोचेगी।

क्‍या है शराब नीति घोटाला ?

दरअसल, दिल्‍ली सरकार ने 17 नवंबर 2023 को सरकार के राजस्‍व को बढ़ाने के उद्देश्‍य से नई शराब नीति बनाई थी। जुलाई 2022 को दिल्‍ली के तत्‍तकालीन मुख्‍य सचिव ने आबकारी नीति में अनियमितता बरते जाने की जानकारी देते हुए उपराज्‍यपाल वीके सिन्‍हा को एक रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में दिल्‍ली के उपमुख्‍यमंत्री मनीष सिसौदिया पर शराब कारोबारियों पर अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए उपराज्‍यपाल ने इस प्रकरण में सीबीआई जांच की सिफारिस की थी। सीबीआई की जांच के आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था। सीबीआई एवं ईडी का भी आरोप है कि शराब नीति में अनियमित्‍तापूर्ण बदलाव करके लाइसेंसधारकों को अनुचित तरीके से आर्थिक लाभ दिया गया है। इससे सरकार को 144.36 करोड़ का नुकसान हुआ है। बाद में दिल्‍ली सरकार ने जुलाई 2022 को दिल्‍ली सरकार ने इस विवादित शराब नीति को वापस लेते हुए पुरानी शराब नीति को बहाल कर दिया।

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