उत्तर प्रदेश में हार के बाद भाजपा में शुरू होने वाला है इस्तीफों का दौर, जानिए किस किस पर गिरने वाली है गाज ?
After the defeat in Uttar Pradesh, a wave of resignations is going to start in BJP, know who all are going to be affected?

Panchayat 24 : लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में मिली हार का असर पार्टी संगठन पर पड़ना तय है। भातीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व प्रदेश में पार्टी की हार की समीक्षा में जुटा है। दिल्ली में मैराथन बैठकों में मंथन का दौर चल रहा है। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश भाजपा संगठन के कई लोगों पर हार की गाज गिर सकती है। जानकारों की माने तो पार्टी के कई बड़े नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश भाजपा में जल्द ही इस्तीफों का दौर शुरू हो सकता है। इस कड़ी में पहला नाम उत्तर प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी का नाम सामने आ रहा है। उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने त्याग पत्र देने की पेशकश की है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में भाजपा के लचर प्रदर्शन के कारण केन्द्र बनने वाली एनडीए की सरकार में भाजपा की स्थिति पूर्व की दो सरकारों की अपेक्षा कमजोर रही है। यहां की 80 लोकसभा सीटों में से साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को 62 सीटों पर सफलता मिली थी। इस बार भाजपा सभी 80 सीटों पर जीत का दावा कर रही थी। लेकिन चुनाव परिणामों ने भाजपा को निराश कर दिया है। भाजपा को महज 33 सीटें हासिल हुई है। पार्टी के कई बड़े चेहरे भी चुनाव हार गए हैं। अयोध्या में भाजपा की हार को लेकर पूरे देश में भाजपा पर हमले किए जा रहे हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी के पक्ष में 37 सीटें गई हैं। परिणामस्वरूप भाजपा को केन्द्र में अपने दम पर सरकार नहीं बना सकी है। हालांकि अभी भी भाजपा नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन ही सरकार बनाने की स्थिति में है।
उत्तर प्रदेश में भाजपा की करारी हार के बाद इस बाद की अटकलें शुरू हो गई थी कि उत्तर प्रदेश भाजपा में फेरबदल होगा। उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने नैतिक तौर पर प्रदेश में पार्टी की हार की जिम्मेवारी ली है। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस्तीफे की पेशकश की है। पार्टी सूत्रों की माने तो भूपेन्द्र सिंह चौधरी के अलावा उत्तर प्रदेश में भाजपा के संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह पर भी पार्टी की हार की गाज गिर सकती है। वहीं, जानकारों का मानना है कि प्रदेश में पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्षों की भी समीक्षा हो रही है। ऐसे में कुछ क्षेत्रीय अध्यक्ष भी इस्तीफों की चपेट में आ सकते हैं। कुछ जिलों के जिलाध्यक्ष और जिला संगठन के पदाधिकारियों पर भी हार की गाज गिरनी तय है। वहीं, जानकार यह भी बता रहे हैं कि कुछ समय बाद उत्तर प्रदेश में हुए नुकसान की भरपाई के लिए भाजपा संगठन और मंत्रीमंडल में भी बदलाव कर सकती है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में भाजपा को सीटों के लिहाज से लोकसभा चुनाव में बड़ी क्षति हुई है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने इस हार की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए पार्टी नेतृत्व को अपने त्याग पत्र की पेशकश की है। उन्होंने कहा है कि वह प्रदेश में पार्टी का नेतृत्व कर रहा था। उन्होंने कहा है कि वह विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए अपना समय देना चाहते हैं। दरअसल, महाराष्ट्र में एनडीए गठबंंधन के घटक दलों एकनाथ शिंदे वाली शिव सेना को 7 और अजीत पावार की एनसीपी को महज 1 सीट सहित कुल 17 सीटें मिली हैं। वहीं, इंडिया गठबंधन को 30 सीटें मिली है।