यूपी कैबिनेट से नई औद्योगिक आस्थान प्रबंधन नीति को स्वीकृति के बाद ड्रॉफ्ट तैयार, प्रदेश की उम्मीदों को लगेंगे पंख
After the approval of the new Industrial Establishment Management Policy from the UP Cabinet, the draft is ready, the hopes of the state will get wings

Panchayat 24 : उत्तर प्रदेश की औद्योगिक विकास दर को तेज कर अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के उद्देश्य से योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम औद्योगिक आस्था प्रबंधन नीति को स्वीकृति के बाद डॉफ्ट भी तैयार कर लिया है।
सरकार इसके अन्तर्गत उद्योगों को आसान और पारदर्शी भूमि आवंटन, आधुनिक सुविधाओं और बेहतर प्रबंधन द्वारा उद्योगों को बढ़ावा देना है। नई नीति में निवेशकों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और पारदर्शी प्रक्रियाएं उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान हैं। सरकार नीति के माध्यम से प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करना चाहती है।
लीज और ई-ऑक्शन से होगी भूखंड आवंटन की पारदर्शी प्रक्रिया
नई नीति में औद्योगिक आस्थानों में उपलब्ध भूमि, शेड और भूखंडों का आवंटन लीज अथवा रेंट पर नीलामी या ई-ऑक्शन के माध्यमसे किया जाएगा। लीज अथवा रेंट की अवधि आयुक्त एवं निदेशक, उद्योग द्वारा तय की जाएगी, जबकि नीलामी पोर्टल का चयन भी आयुक्त एवं निदेशक के अधिकार क्षेत्र में होगा। इसके माध्यम से 20 प्रतिशत तक क्षेत्र का उपयोग व्यावसायिक, सेवा अथवा कार्यों के लिए किया जा सकेगा।
क्षेत्रवार आरक्षित कीमतें तय
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए औद्योगिक भूखंडों की आरक्षित कीमतें तय की गई हैं। इसके अंतर्गत मध्यांचल में 25 सौ रूपये प्रति वर्गमीटर, पश्चिमांचल में 20 प्रतिशत अधिक, अर्थात तीन हजार रूपया प्रति वर्गमीटर, बुंदेलखंड और पूर्वांचल में 20 प्रतिशत कम अर्थात 2 हजार रूपये प्रति वर्गमीटर, कीमत तय की गई हैं।
इन दरों में प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल को 5 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि होगी। यदि किसी औद्योगिक आस्थान में एंकर इकाई स्थापित होने से एमएसएमई इकाइयों में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है, तो शासन विशेष दर पर भूखंड आवंटन का निर्णय ले सकेगा।
भुगतान की लचीली व्यवस्था
ई-ऑक्शन में सफल बोलीदाता को आरक्षित मूल्य का 10 प्रतिशत अर्नेस्ट मनी देना होगा। शेष राशि एकमुश्त, 1 वर्ष या 3 वर्ष में चुका सकते हैं। वहीं, तत्काल भुगतान पर उन्हें 2 प्रतिशत छूट मिलेगी। इसी तरह किस्त योजना में 12 अथवा 36 समान मासिक किश्तें देय होंगी, जबकि विलंब पर जुर्माने के रूप में अतिरिक्त ब्याज लगाया जाएगा।
एससी-एसटी वर्ग के उद्यमियों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण
नई नीति के अन्तर्गत आरक्षण की भी व्यवस्था की गई है। कुल भूखंड अथवा शेड का 10 प्रतिशत एससी-एसटी वर्ग के उद्यमियों को आवंटित होगा। यदि कोई योग्य आवेदक न मिले, तो भूखंड अन्य वर्ग को दिए जाने का प्रावधान है जिससे विकास में रुकावट न आए।
सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर
औद्योगिक आस्थानों में सामान्य सुविधा केंद्र, विद्युत उपकेंद्र, अग्निशमन केंद्र, महिला हॉस्टल, डॉरमेट्री, क्रेच, पर्यावरण हितैषी पार्क, प्रशिक्षण संस्थान व स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
पारदर्शिता और एसओपी
आयुक्त एवं निदेशक, उद्योग भूमि आवंटन, संपत्ति हस्तांतरण, पुनर्जीवीकरण, सबलेटिंग, विभाजन और सरेंडर आदि के लिए मानक गाइडलाइंस (एसओपी) लागू करेंगे।
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