गौतम बुद्ध नगर किसान आन्दोलन : हाई पावर कमेटी की सिफारियों के क्रियान्वयन के लिए पांच अधिकारियों की समिति बनाई गई, एक माह में सौंपेगी रिपोर्ट
Gautam Buddha Nagar Kisan Andolan: A committee of five officers was formed to implement the recommendations of the High Power Committee, will submit the report in a month

Panchayat 24 : गौतम बुद्ध नगर में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा किए गए भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों के आन्दोलन से जुड़ी हुई बड़ी खबर लखनऊ से आ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर किसानों की मांगों पर विचार करने के लिए बनाई गई हाईपावर समिति की सिफारियों के क्रियान्वयन के लिए पांच वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति का गठन किया गया है। यह समिति हाई पावर कमेटी की सिफारिसों का अध्ययन कर बिन्दूवार विचार विमर्श कर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी और एक महीने के अंदर शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
कौन होंगे समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य ?
औद्योगिक विकास विभाग के सचिव अभिषेक प्रकाश ने इस पांच सदस्यीय समिति के गठन के आदेश को मंगलवार देर शाम जारी किया गया। इस समिति का अध्यक्ष अवस्थापना औद्योगिक विकास विभाग उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव अनिल सागर को बनाया गया है। वहीं, इस विभाग के ही विशेष सचिव पीयूष गर्ग को को सदस्य बनाया गया है। इसके अतिरिक्त नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय खत्री, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सौम्य श्रीवास्तव और यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कपिल सिंह को भी समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है।
बता दें कि शासन ने इस समिति के गठन का आदेश उस समय जारी किया जब अपनी मांगों को लेकर गौतम बुद्ध नगर के किसान दिल्ली कूच कर रहे थे। इन किसानों को एक दिन पूर्व पुलिस ने नोएडा दलित स्थल पर रोक दिया था। किसानों ने यहीं अपना डेरा डाल दिया था। पुलिस, प्रशासन एवं प्राधिकरणों के वरिष्ठ अधिकारियों ने किसानों से यहां वार्ता कर उन्हें प्रमुख सचिव से वार्ता कराकर समाधान तलाशने का आश्वासन दिया था। किसानों ने एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद किसान दिल्ली कूच पर अड़े हुए थे। वार्ता के चंद घंटों बाद पुलिस ने न केवल किसानों का धरना दलित प्रेरणा स्थल से जबरन समाप्त कर दिया, बल्कि सैकड़ों किसानों को गिरफ्तार कर लिया। भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने मुजफ्फरनगर के सिसौली स्थित किसान भवन में एक किसान पंचायत का आयोजन किया था। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं किसान नेता राकेश टिकैत इस किसान पंचायत में हिस्सा लिया था। किसान पंचायत के बाद राकेश टिकैत ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर गौतम बुद्ध नगर में किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में ग्रेटर नोएडा के परी चौक अर्थात जीरो प्वाइंट पर किसान पंचायत की घोषणा कर चुके हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि राकेश टिकैत की इस घोषणा के बाद बुधवार अर्थात 4 दिसंबर को दूसरे जिलों एवं राज्यों के किसान भी इस पंचायत में शामिल होंगे।
क्या है हाई पावर कमेटी से जुडा पूरा मामला ?
दरअसल, लोकसभा चुनाव से पूर्व ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य द्वार पर किसानों ने अपीन मांगांं को लेकर लगभग तीन महीने तक धरना प्रदर्शन एवं आन्दोलन किया था। इस दौरान भी पुलिस ने किसान नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद किसान आन्दोलन अधिक तीव्र हो गया था। सभी विरोधी दलों ने किसान आन्दोलन को अपना समर्थन दिया था। लगभग तीन महीने चले इस किसान आन्दोलन का शासन एवं प्रशासन पर लगातार दबाव बन रहा था। बाद में बैकडोर से हुए प्रयासों से किसानों की न केवल जेल से रिहाई हुई बल्कि प्राधिकरण में किसानों और वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में वार्ता हुई थी। इस बैठक में किसानों की मांग पर शासन ने एक हाई पावर कमेटी का गठन की मांग को मान लिय गया था।
कौन थे हाई पावर कमेटी के सदस्य ?
दरअसल, बीती 21 फरवरी 2024 को रेवेन्यू बोर्ड के अध्यक्ष की अध्यक्षता में कमेटी का गठन हुआ था। इसके बाद मई महीने में ग्रेटर नोएडा में कमेटी के साथ किसान संगठनों की बैठक हुई है। बैठक करीब 2 घंटे से ज्यादा चली थी। इस बैठक में कमेटी में रेवेन्यू बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रजनीश दुबे, मेरठ मंडलायुक्त शैलजा कुमारी, गौतमबुद्ध नगर डीएम मनीष वर्मा, तीनों अथॉरिटी के सीईओ और एसीईओ मौजूद रहे थे। कमेटी ने किसानों के साथ मई माह में बैठक कर उनकी मांगों के बारे में जानकारी हासिल की थी।
हाई पावर कमेटी के सामने किसानों ने क्या मांगे रखी थी ?
– किसानों ने कमेटी के सामने सभी किसानों को अधिग्रहित भूमि का 10 प्रतिशत विकसित भूखंड,
– मूल भूखंड का 5 प्रतिशत भूखंड तत्काल दिए जाने
– शेष 5 प्रतिशत भूखंड पर वाणिज्यिक गतिविधियों के संचालन की स्वीकृति किसानों को दिए जाना
– साल 1997 के बाद से सभी किसानों को बढ़ा हुआ अतिरिक्त 64.7 प्रतिशत मुआवजा
– किसान आबादियो का सम्पूर्ण निस्तारण
– किसानों के बीच पुश्तैनी और गैर पुश्तैनी का भेद समाप्त किया जाए।
– जो किसान शत प्रतिशत अपनी जमीन का मुआवजा उठा चुके हैं, उनसे 10 प्रतिशत मुआवजा जमा कराकर उन्हें पात्रता की श्रेणी में लाया जाए।
हाई पावर कमेटी की कुछ सिफारियों से सहमत नहीं हैं किसान
बता दें कि हाई पावर कमेटी ने 28 अगस्त को किसानों की मांगों से संबंधित अपनी सिफारियों को शासन को सौंप दिया था। किसानों ने यह कहते हुए कि उन्हें कमेटी की सिफारिसों के बारे में बताया जाए। इन सिफारियों को सार्वजनिक किया जाए। इससे किसानों को यह पता चल सके कि हाई पावर कमेटी किस दिशा में सरकार को सुझाव एवं प्रस्ताव प्रस्तुत कर रही है। इस मांग को लेकर अक्टूबर महीने में किसानों ने क्लेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन एवं घेराव किया था। इसके बाद हाई पावर कमेटी की सिफारिसों को प्रशासन ने सार्वजनिक किया था। सूत्रों की माने तो किसान हाई पावर कमेटी की कुछ सिफारिसों से सहमत नहीं है। उनका मानना है कि यह सिफारिसे किसानों के खिलाफ हैं। ऐसे में इस बार दिल्ली कूच के लिए निकले किसानों की यह भी मांग है कि हाई पावर कमेटी ने जिन सिफारिसों को किसानों के खिलाफ प्रस्तुत किया हैं, उन पर पुनर्विचार कर किसानों के पक्ष में स्वीकार किया जाए।