अधिसूचित क्षेत्र में अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण पर रोक के लिए शासन स्तर पर तैयार हो रहा है ब्लू प्रिंट तैयार, जानिए क्या है पूरा प्लान
A blueprint is being prepared at the government level to prevent illegal construction and encroachment in the notified area. Know what the complete plan is.

डॉ देवेन्द्र कुमार शर्मा
Panchayat 24 : अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण प्रदेशव्यापाी समस्या बन गया है। सरकार भी इस समस्या को लेकर गंभीर है। समस्या के समाधान के लिए शासन स्तर पर पूरे प्रदेश में एकरूपीय नीति बनाने पर चर्चा हो रही है। शासन स्तर पर इस समस्या के समाधान के लिए कए वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति का गठन किया गया है। हालांकि अभी यह प्रक्रिया अभी प्रारंभिक दौर में हैं। अभी इसका प्रारूप तैयार नहीं हुआ है। फिर भी एक परिपूर्ण नीति बनाने पर विचार चल रहा है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में क्षेत्रीय एवं विकास प्राधिकरणों का गठन किया गया है। प्राधिकरणों द्वारा भविष्य की विकास योजनाओं को देखते हुए बड़े पैमाने जमीन को अधिसूचित किया है। हालांकि मास्टर प्लान के अनुसार नियोजित विकास के लिए अधिसूचित जमीन के एक निश्चित हिस्से पर ही विकास परियोजनाओं को शुरू किया गया है। जबकि अधिसूचित क्षेत्र का बड़ा हिस्से पर अभी विकास कार्य शुरू नहीं हो सका है।
प्राधिकरणों के ऐसे अधिसूचित क्षेत्र क्षेत्र पर भूमाफियाओं और कॉलोनाइजरों की नजरें टिक गई है। यहां तेजी से अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण हो रहा है। कई स्थानों पर हालात इतने खराब हो गए हैं कि जब तक प्राधिकरण इस शेष अधिसूचित जमीन पर अपनी भविष्य की योजनाओं के लिए मास्टर प्लान तैयार करेंगे, यह क्षेत्र पूरी तरह अतिक्रमण का शिकार हो चुका होगा।
उदाहरण के तौर पर गौतम बुद्ध नगर में मुख्य रूप से नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण और यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा औद्योगिक विकास के लिए जमीन को अपने अधिसूचित क्षेत्र में शामिल किया है। प्राधिकरणों के मास्टर प्लान के अनुसार आवश्यक जमीन पर प्राधिकरण की विकास योजनाएं धरातल पर उतर रही हैं। वहीं, बड़ी मात्रा में अधिसूचित भूमि ऐसा है जहां अभी विकास कार्य शुरू नहीं हो सका है। भविष्य में अगले चरण में यहां विकास कार्य शुरू होगा अथवा प्राधिकरणों ने सुनियोजित विकास के लिए इस जमीन को संरक्षित रखा है। लेकिन इस जमीन पर बहुत तेजी से अवैध कॉलोनियां एवं अतिक्रण हो रहा हे।
अधिसूचित क्षेत्र में अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण नहीं होगा आसान
वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार हालांकि अधिसूचित क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण को रोकने के लिए शासन स्तर पर बनी समिति को विचार विमार्श करके सरकार को सुक्षाव प्रस्तुत करना है। इसके बाद पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एकरूपीय नीति तैयार की जाएगी। हालांकि प्राधिकरणों के मास्टर प्लान एवं अधिसूचित क्षेत्र के बीच में स्थित बफर जोन अर्थात नगरपालिकाएं, नगरपंचायतें और महानगरपालिकाएं अपने अधिकार क्षेत्र में निर्माण कार्य की स्वीकृति देती हैं। वहीं, प्राधिकरणों के मास्टर प्लान में बिना प्राधिकरणों की अनुमति के कोई भी निर्माण अवैध है।
वहीं, अधिसूचित क्षेत्र, जो अभी तक प्राधिकरणों के मास्टर प्लान का हिस्सा नहीं है। इसको भविष्य में सुनियोजित विकास के लिए रखा हुआ है, लेकिन प्राधिकरणों ने उस जमीन को कास्तकार से क्रय अथवा अधिग्रहण नहीं किया है। वहीं, तैजी से हो रहा अवैध निर्माण हो रहा है। इस क्षेत्र को रोड डवेलपमेंट से जोड़ने के लिए सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। इसके लिए कुछ ऐसी विचार किया जा रहा है, यदि इस अधिसूचित क्षेत्र में कोई आवश्यक निर्माण कार्य होना अनिवार्य है तो उसके लिए संबंधित प्राधिकरण से अनुमति ली जाए। संबंधित प्राधिकरण इस निर्माण कार्य की प्रकृति, अनिवार्यता और वैधता की जांच करे जिसके बाद इसको अनुमति दी जाए। हालांकि इस नीति के बनने के बाद ही इसके वास्तविक स्वरूप के बारे में पूरी तरह से कुछ कहा जा सकता है।

