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आ गया हिन्‍डन नदी के लिए बड़ा सरकारी फरमान, जानिए क्‍या हैं सरकारी फरमान के प्रावधान

Big decree has come for Hindon river, know what are the provisions of the decree

Panchayat 24 : सिचाई विभाग द्वारा हिन्‍डन नदी को लेकर बड़ा फरमान जारी किया है। इसके बाद लोगों में हड़कम्‍प मच गया है। इतना ही नहीं विभाग की ओर से स्‍पष्‍ट कहा गया है कि जो भी आदेश की अवहेलना करेगा उसके प्रति कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, सिंचाई निर्माण खंड गाजियाबाद के अधिशासी अभियंता द्वारा जारी फरमान गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर के उन सभी गांवों के लोगों के लिए आदेश जारी किए हैं जो हिन्‍दन के तटवर्ती हैं। अभियंता के फरमान में स्‍पष्‍ट कहा गया है कि हिन्‍डन नदी के डूब क्षेत्र की भूमि में निर्मित प्लांट, हार्ट मिक्स प्लांट, कंक्रीट, रेडी मिक्स प्लांट एवं बदरपुर सैन्ड की धुलाई की होदियां आदि अवैध निर्माण स्थित है। मौसम विभाग की भविष्‍यवाणी के अनुसार इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा होने की सम्भावना है। ऐसे में हिन्‍डन नदी में बाढ़ की तीव्रता अत्यधिक होने की पूर्ण सम्भावना है। बाढ के समय इन अवैध निर्माणों के क्षतिग्रस्त होने से भारी जन-धन की हानि हो सकती है। हिन्‍डन नदी के डूब क्षेत्र में अवैध कॉलोनियां और यहां निर्मित अवैध निर्माण के कारण बाढ के समय सिंचाई विभाग, जिला प्रशासन और शासन द्वारा इतने बड़े पैमाने पर सुरक्षा प्रदान कर पाना संभव नहीं होगा।

बाढ़ से होने वाली क्षतिपूर्ति अवैध निर्माणकर्ताओं से होगी

आदेश में स्‍पष्‍ट कहा गया है कि हिन्‍डन नदी के डूब क्षेत्र में हुए अवैध निर्माण के कारण बाढ़ की स्थिति में बाढ़ को नियंत्रित करना संभव नहीं होगा। ऐसे में बाढ़ के कारण बहुत अधिक क्षति होने की संभावना हैं। ऐसे में बाढ़ से होने वाली क्षति की पूर्ति अवैध निर्माण कार्य करने वालों से की जाएगी। इतना ही नहीं बाढ़ से होने वाली किसी भी तरह की क्षतिपूर्ति शासन अथवा प्रशासन द्वारा नहीं की जाएगी तथा किसी तरह के बाढ़ सुरक्षा कार्य नहींं किए जांएंगे। किसी तरह की राहत भी मुहैया नहीं कराई जाएगी। अत: डूब क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण को निर्माण कर्ता स्‍वत: हटा ले अथवा गिरा दें। विभाग द्वारा लोगों से इस क्षेत्र में किसी तरह का निर्माण कार्य नहीं करने की भी अपील की है। अन्‍यथा प्रशासन द्वारा अवैध निर्माण के खिलाफ की जाने वाली कड़ी कार्रवाई से होने वाली जनधन हानि के लिए स्‍वयं: निर्माणकर्ता ही उत्‍तरदायी होंगे।

आदेश में गाजियाबाद के शा‍मिल स्‍थान

सिंचाई निर्माण खंड गाजियाबाद के अधिशासी अभियंता के इस आदेश में गाजियाबाद के हिण्डन नदी के बायें किनारे पर निर्मित एवं इस खण्ड के नियंत्रणाधीन नन्दग्राम तटवर्ती बंध के निकट ग्राम घूकना, सिहानी, सद्दीकनगर, नूरनगर में तटबंध एवं नदी के मध्य की भूमि तथा मोरटी, करहैडा, मेवला अगरी, असालतपुर, अटौर, भनैडा, नगला फिरोजमोहनपुर एवं शमशेरनगर को शामिल किया गया है। वहीं  हिन्‍डन नदी के दायें किनारे पर निर्मित हिण्डन तटवर्ती बंध के निकट ग्राम-अर्थला एवं महीउद्दीनपुर कनावनी की भूमि हिण्डन नदी के डूब क्षेत्र की परिधि में आती है।

आदेश में गौतम बुद्ध नगर के शामिल स्‍थान

इस आदेश में गौतम बुद्ध नगर में इस खण्ड के नियंत्रणाधीन हिण्डन तटवर्ती एवं रिंग बंध के निकट हिण्डन नदी के डूब क्षेत्र में ग्राम-छजारसी, चोटपुर, यूसूफपुर चकशाहबेरी, बहलोलपुर, गढीचौखंडी, हैबतपुर, परथला खंजरपुर, सौरखा जाहिदाबाद, ककराला, अलावर्दीपुर, जलपुरा, हल्दोनी, कुलेसरा एवं हिण्डन यमुना दोआब बंध के निकट ग्राम-इलाहावास, कुलेसरा, सुथियाना, शहदरा, लखनावली, बेगमपुर, मुबारकपुर, गुर्जरपुर, झटटा, बादौली बांगर, तुगलपुर, कोंडली बांगर, शफीपुर, चूहडपुर एवं मोमनाथल तक हिण्डन नदी के डूब क्षेत्र की परिधि के अन्तर्गत आने वाले सभी स्‍थानों को शामिल किया गया है। वहीं, इसी बंध पर युमना नदी किनारे ग्राम-मोतीपुर, तिलवाडा, मोमनाथल, गढी समस्तीपुर, बादौली खादर, कोंडली खादर, कामबक्शपुर, दोस्तपुर मंगरौली, छपरौली एवं असदुल्लापुर (हरियाणा साईड) ओरंगाबाद, गुलावली, दलेलपुर, याकूतपुर की भूमि डूब क्षेत्र की परिधि में आती है।

शासन प्रशासन के लिए आसान नहीं है हिण्‍डन के डूब क्षेत्र से अतिक्रमण हटाना

दरअसल, जिला गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में हिन्‍डन नदी के डूब क्षेत्र में बड़ी संख्‍या में अवैध निर्माण किया गया है। मुनाफा कमाने के चक्‍कर में  कॉलोनाइजरों ने दिल्‍ली एनसीआर में अपना घर होने का सपना देखने वाले लाखों लोगों को अपने जाल में फंसाकर रफ्फुचक्‍कर हो गए। हालात यहां तक आ गए हैं कि इन दोनों जिलों में हिन्‍डन एक नदी नहीं बल्कि कोई छोटा सा नाला प्रतीत होता है। हिन्‍डन नदी के डूब क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्‍त कराने के प्रयास साल 2009 में भी शासन प्रशासन की ओर से किए गए थे, लेकिन स्‍थानीय लोगों के भारी आक्रोश का सामना करना पड़ा था। लोगों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया। एनएच-24 पर वाहनों में जमकर तोड़फोड़ की गई। कई वाहनों में आग लगा दी गई थी।

लोगों का आरोप, प्रशासन की मदद से होता है सारा खेल

स्‍थानीय लोगों का कहना है कि हिन्‍डन के डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण का सारा खेल शासन और प्रशासन में बैठे लोगों की मदद से होता हे। कई बार इस क्षेत्र में सत्‍ता में धमक रखने वाले लोगों की सक्रियता भी अवैध निर्माण को बढ़ावा देती रही हे। लोगों की माने तो हिन्‍डन के डूब क्षेत्र में कई बड़े- बड़े पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के भी फार्म हाऊस है जो अवैध तरीके से बनाए गए हैं। वहीं कई काेलोनाइजरों के कंधे पर भी सत्‍ता में रसूख रखने वाले नेताओं और अधिकारियों का हाथ होता है। वहीं लोगों का कहना है कि जब हिन्‍डन के डूब क्षेत्र में किसी भी तरह का निर्माण अवैध है तो यहां रजिस्‍ट्री कैसे होती है।

ऐसे करते है कॉलोनाइजर खेल

बड़े-बड़े कॉलोनाइजर यहां बडे शातिर अंदाज में खेल करते हैं। वह किसान को कुछ रकम देकर जमीन पर कब्‍जा ले लेते हैं। प्‍लाट खरीददारों को सीधे किसान से ही जमीन की रजिस्‍ट्री कराते हैं। यदि शासन की ओर से भूमाफिया या कोई अन्‍य कानूनी कार्रवाई होती है तो यह असली माफिया बच निकलते है और किसान और प्‍लाट खरीददार फंस जाते हैं।

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