ग्रेटर नोएडा जोन

बैंगलूरू में हुई घटना के विरोध में भारतीय किसान यूनियन का धरना, राकेश टिकैत के लिए मांगी जेड प्‍लस सिक्‍योरिटी

Bhartiya Kisan Union protest against the incident in Bangalore, Z plus security sought for Rakesh Tikait

Panchayat 24 : कर्नाटक में राकेश टिकैत के साथ घटी घटना के विरोध में मंगलवार को भारीयत कियान यूनियन (अरा) के कार्यकर्ताओं ने सूरजपुर स्थित कलैक्‍ट्रेट पर धरना एवं प्रदर्शन किया। भाकियू की ओर से कहा गया कि लोकतंत्र में इस तरह की घटनाओं के लिए कोई स्‍थान नहीं है। यह घटना लोकतंत्र पर प्रहार है। भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने इस घटना के प्रति रोष प्रकट किया है। जिलाधिकारी को प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन दिया। ज्ञापन को अपर जिलाधिकारी नितिन मदान को सौंपा। ज्ञापन में प्रमुख रूप से राकेश टिकैत की सुरक्षा के लिए जेड प्‍लस सिक्‍योरिटी और बैंगलूरू में हुई घटना की उच्‍चस्‍तरीय जांच की मांग की गई।

मौके पर एसीपी ग्रेटर नोएडा तृतीय पीपी सिंह भी मौजूद थे। धरना एवं प्रदर्शन बेगराज सिंह प्रधान की अध्‍यक्षता में सम्‍पन्‍न हुआ। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्‍यक्ष अनित कसाना, एनसीआर अध्यक्ष सुभाष चौधरी, सुनील प्रधान ललित चौहान, जयवीर नागर, अशोक भाटी, चाहत राम, राजे प्रधान, चंद्रपाल बाबूजी, धर्म सिंह, इंद्रेश, अजीत और जिला मीडिया प्रभारी सुनील प्रधान आदि उपस्थित थे।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, बीती 30 मई को बैंगलूरू में कर्नाटक राज्य रैयत संघ के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम किसान सम्मेलन में भाग लेने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह पहुंचे थे। सम्मेलन से पहले गाँधी भवन में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया था। प्रेस वार्ता को भाकियू नेता राकेश टिकैत संबोधित कर रहे थे। इस दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने मंच के समीप जाकर राकेश टिकैत पर जानलेवा हमला कर दिया। कॉली स्‍याही भी उनके ऊपर डाल दी। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं से भी हाथापाई की।

भारतीय किसान यूनियन (अरा) की मांग

भारतीय किसान यूनियन (अरा) ने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नाम दिए गए ज्ञापन में इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच मांग की है। साथ ही इस घटना में शामिल सभी लोगों का पता लगाकर कड़ी कार्रवाई की जाए। किसान यूनियन ने कहा यदि मामले में लीपापोती हुई तो भारतीय किसान यूनियन देश भर में आंदोलन करने को मजबूर होगी। साथ ही प्रदेश सरकार को आदेशित किया जाए कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच करे और दोषियों को कड़ी सजा दे।

 

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