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योगी सरकार 2.0 में मंत्रिमंडल विस्‍तार की चर्चा तेज : जानिए गौतम बुद्ध नगर में किस विधायक की किस्‍मत मार सकती है जोर ?

Discussions about cabinet expansion in the Yogi government 2.0 are gaining momentum: Which MLA from Gautam Buddh Nagar could see their fortunes rise?

डॉ देवेन्‍द्र कुमार शर्मा

Panchayat 24 (ग्रेटर नोएडा) : बीते साल अक्‍टूबर महीने में संगठन पर्व की शुरूआत के साथ ही उत्‍तर प्रदेश सरकार के मंंत्रिमण्‍डल विस्‍तार की चर्चा शुरू हो गई थी, लेकिन अभी तक इसकी तस्‍वीर साफ नहीं थी। संगठन पर्व के समापन के साथ ही उत्‍तर प्रदेश भाजपा अध्‍यक्ष के नाम की भी घोषणा हो चुकी है। ऐसे में मंत्रिमण्‍डल विस्‍तार की चर्चा तेज हो गई है। माना जा रहा है कि 14 जनवरी के बाद योगी आदित्‍यनाथ सरकार 2.0 के मंत्रिमण्‍डल में बदलाव होने की संभावना है।

लखनऊ से लेकर दिल्‍ली तक इस पर मंथन चल रहा है। मंत्रिमण्‍डल में आधा दर्जन लोगों को स्‍थान मिलना तय है। इनमें पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष भूपेन्‍द्र सिंह का नाम प्रमुखता से आगे चल रहा है। इन्‍हें बड़ी जिम्‍मेवारी मिल सकती है। वहीं, कुछ को बाहर का रास्‍ता भी दिखाया जाएगा। कुछ नए एवं अनुभवी लोगों को संगठन में शामिल किया जाएगा। हालांकि मंत्रिमण्‍डल के फेरबदल अथवा विस्‍तार के दौरान आगामी विधानसभा चुनाव 2027 को ध्‍यान में रखते हुए जातीय एवं क्षेत्रीय समीकरणों के साथ समाजवादी पार्टी के पीडीए फार्मूले को पूरी तरह फोकस किया जाएगा। अपने लिए बेहतर संभावनाएं तलाशने वाले पार्टी विधायकों ने लखनऊ एवं दिल्‍ली की दौड़ शुरू कर दी है।

योगी सरकार के मंत्रिमण्‍डल में फेरबदल की खबरों के बीच गौतम बुद्ध नगर के शांत राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर से हलचल पैदा हो गई है। तरह-तरह की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि पश्चिम क्षेत्र से उत्‍तर प्रदेश की शो विंडो और आर्थिक राजधानी कहलाए जाने वाले गौतम बुद्ध नगर को भी मंत्रिमण्‍डल में स्‍थान मिल सकता है। जिले के तीनों विधायकों से जुड़े समर्थक एवं पार्टी कार्यकर्ता अपने समर्थक विधायक के लिए मंत्रिमण्‍डल में बेहतर संभावनाएं व्‍यक्‍त कर रहा है।

जिले की राजनीतिक चर्चाओं में नोएडा विधायक पंकज सिंह का नाम सबसे आगे हैं। वह केन्‍द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र हैं और वर्तमान में पार्टी प्रदेश उपाध्‍यक्ष है। पंकज सिंह लगातार दूसरी बार नोएडा से विधायक चुने है। वोटों के लिहाज से उन्‍होंने प्रदेश में दूसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। राजनाथ सिंह का नाम जुड़ा होना पंकज सिंह के लिए किसी अन्‍य पार्टी कार्यकर्ता की अपेक्षा राजनीति सफर आसान रहा है। योगी सरकार में कई बार पंकज सिंह को मंत्री बनाए जाने की चर्चाएं चली थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

इसके पीछे केन्‍द्र सरकार में राजनाथ सिंह का गृह एवं रक्षा मंत्री जैसे अहम पदों पर आसीन होना माना जाता है। विपक्ष को वंशवादी आरोप लगाने का अवसर देने से बचने के लिए पिता-पुत्र को एक साथ केन्‍द्र एवं प्रदेश सरकार के मंत्रिमण्‍डल में शामिल नहीं किया गया। राजनीतिक जानकारों की माने तो संभवत: राजनाथ सिंह साल 2029 का लोकसभा चुनाव न लड़ें। ऐसे में पंकज सिंह केन्‍द्रीय राजनीति में सक्रिय हो सकते हैं। अत: पार्टी पंकज सिंह को मंत्रिमण्‍डल में शामिल कर केन्‍द्र की राजनीति के लिए आधार प्रदान कर सकती है। इस बार राजनाथ सिंह के कारण पंकज सिंह के लिए मंत्रिमंडल के दरवाजे खुल सकते हैं।

दादरी विधायक तेजपाल सिंह नागर के नाम की भी मंत्रिमण्‍डल में शामिल होने की तेजी से चर्चा है। वह लगातार दूसरी बार दादरी विधानसभा से विधयक चुने गए हैं। भारी विरोध के बावजूद उन्‍होंने प्रदेश में वोटों के लिहाज से तीसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। सांसद डॉ महेश शर्मा के करीबी तेजपाल सिंह नागर की राजनीतिक कार्यशैली पहले कार्यकाल की अपेक्षा दूसरे कार्यकाल में अधिक पैनी एवं धारदार तथा सक्रिय दिखाई देती है। भाजपा को विपक्ष के पीडीए के किले को भेदने के लिए पश्चिम में गुर्जर समाज में पकड़ को और मजबूत करना है।

वैसे तो गुर्जर समाज के खाते से मेरठ दक्षिण के विधायक सोमेन्‍द्र तोमर को विद्युत राज्‍यमंत्री के रूप में मंत्रिमण्‍डल में शामिल किया गया है। ऐसे में गुर्जर समाज से एक और विधायक को मंत्रिमण्‍डल में शामिल करना थोड़ा मुश्किल जान पड़ता है। लेकिन चर्चा है कि सोमेन्‍द्र तोमर के प्रदर्शन से पार्टी नेतृत्‍व की नाराजगी के चलते उन्‍हें मंत्रिमण्‍डल से बाहर का रास्‍ता दिखाया जा सकता है। ऐसे में पार्टी के सामने तेजपाल सिंह नागर का दावा मजबूत दिखाई पड़ता है। गुर्जर समाज से गंगोह से भाजपा विधायक किरत सिंह के नाम की भी चर्चा थी, लेकिन दिल्‍ली दरबार में तेजपाल सिंह नागर को इक्‍कीस माना जा रहा है।

वहीं, जेवर विधायक धीरेन्‍द्र सिंह गौतम बुद्ध नगर में भाजपा के तीसरे विधायक हैं। धीरेन्‍द्र सिंह को भी जनता ने लगातार दूसरी बार विधायक चुना है। उन्‍हें मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ का बेहद करीबी माना जाता है। सोशल मीडिया पर धीरेन्‍द्र सिंह और मुख्‍यमंत्री की मुलाकात की तस्‍वीरें और खबरें भी इसकी पुष्टि करती है। हाल फिलहाल उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री से कई मुलाकातें की हैं। यदि धीरेन्‍द्र सिंह को मंत्रिमण्‍डल में स्‍थान मिलता है तो इसका श्रेय मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को ही जाएगा। हालांकि वर्तमान परिस्थितियों में जा‍तीय एवं राजनतिक आधार पर इसकी संभावना बेहद कम है। लेकिन वर्तमान भाजपा के निर्णयों के बारे में कोई भी भविष्‍यवाणी करना लगभग असंभव है। अत: वर्तमान भाजपा में जो कुछ राजनीतिक रूप से असंभव है, वह सबकुछ होना संभव है। हाल ही के केन्‍द्र से लेकर प्रदेश स्‍तर पर भाजपा के अहम निर्णय इसके उदाहरण हैं।

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