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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड बैठक : ट्रांसपोर्ट हब मेट्रो से और लॉजिस्टिक हब डीएफसीसी रेलवे लाइन से जुड़ेंगे

Panchayat 24 : ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा की दो बड़ी परियोजनाएं एक कदम और आगे बढ़ गई हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 141वीं बोर्ड बैठक में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब के अलाइनमेंट तय करते हुए मास्टर प्लान 2041 में सम्मिलित करने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। इससे मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब को मेट्रो लाइन से और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब को रेलवे लाइन से जोड़ने का रास्ता साफ हो गया है।

शनिवार को आईडीसी व नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन दीपक कुमार की अध्यक्षता और अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार मौजूदगी में बोर्ड के समक्ष यह प्रस्ताव रखा गया, जिसे बोर्ड ने मंजूर कर लिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की तरफ से ये प्रस्ताव बोर्ड के समक्ष रखे गए। दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और नेशनल इंडस्ट्रियल कार्पोरेशन मिलकर ग्रेटर नोएडा में तीन बड़ी परियोजनाएं, इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब विकसित की जा रही हैं। इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में कई बड़ी कंपनियों का भूखंड आवंटित कर दिए गए हैं, जिन पर उद्योग चल रहे हैं। युवाओं को रोजगार मिल रहे हैं। मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब परियोजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए कंसल्टेंट नियुक्त कर दी गई है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब को जोड़ने के लिए नई रेलवे लाइन बनाई जानी है, ताकि यहां से मुंबई और कोलकाता के बीच औद्योगिक उत्पादों की ढुलाई आसान हो सके। इसका अलाइनमेंट तय हो चुका है। इस लाइन को मास्टर प्लान 2041 में सम्मिलित करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के समक्ष प्रस्ताव रखा गया, जिसे बोर्ड ने मंजूर कर दिया है। वहीं, ग्रेटर नोएडा डिपो से मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक मेट्रो लाइन का भी अलाइनमेंट तय करते हुए मास्टर प्लान 2041 में सम्मिलित करने का प्रस्ताव बोर्ड के समक्ष रखा गया, जिस पर बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। यह रूट लगभग 1.8 किलोमीटर लंबा होगा। यह 105 मीटर रोड के कॉरिडोर में एलिवेटेड लाइन बनेगी। बोर्ड बैठक में एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव, एसीईओ सुनील कुमार सिंह, एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस, एसीईओ प्रेरणा सिंह, एसीईओ सुमित यादव, यीडा के एसीईओ नागेन्द्र प्रताप, नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ कृष्णा करुणेश,  ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक वित्त स्वतंत्र गुप्ता, ओएसडी गुंजा सिंह, प्रधान महाप्रबंधक संदीप चंद्रा आदि अधिकारीगण मौजूद रहे।

मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब और मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब पर एक नजर

दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के मद्देनजर उद्योगों की माल ढुलाई की राह आसान बनाने के लिए आईआईटीजीएनएल की तरफ से बोड़ाकी के पास मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब विकसित किया जा रहा है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के उद्योगों की जरूरत को देखते हुए यह परियोजना बेहद अहम है। लॉजिस्टिक हब में वेयर हाउस भी बनेंगे। दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत बन रही रेलवे लाइन न्यू दादरी रेलवे स्टेशन से गुजर रही है। इस स्टेशन से एमएमएलएच को जोड़ने के लिए करीब 3 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का निर्माण होना है। वहीं, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब परियोजना के तहत रेलवे, बस अड्डा व मेट्रो कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी। बोड़ाकी के पास ही टर्मिनल बनाया जाएगा। पूरब की ओर जाने वाली अधिकतर ट्रेनें यहीं से चलेंगी। इससे दिल्ली, नई दिल्ली और आनंद विहार टर्मिनल पर भी दबाव कम होगा। ग्रेटर नोएडा व उसके आसपास रहने वालों को पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल आदि के लिए ट्रेनें यहीं से मिल सकेगी। इसमें अंतर्राज्यीय बस अड्डा और डिपो स्टेशन से मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक मेट्रो लाइन भी विकसित होगी।

बायर्स के नाम फ्लैटों की रजिस्ट्री न करने वाले बिल्डरों पर होगी कड़ी कार्रवाई

एक दर्जन बिल्डरों से अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों से प्राप्त सभी लाभ वापस लिए जाएंगे

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने बायर्स को घर न देने वाले बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला लिया है। ऐसे एक दर्जन बिल्डरों से अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों से प्राप्त रियायत वापस लिया जाएगा।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के अध्यक्ष दीपक कुमार ने कहा कि जिन बिल्डरों ने अब तक न तो बायर्स के नाम रजिस्ट्री शुरू की है और न ही प्राधिकरण का बकाया धनराशि जमा की है उनको अब और वक्त देने का कोई लाभ नहीं है। उन्होंने ऐसे बिल्डरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। ऐसे एक दर्जन बिल्डर हैं, जिनमें एवीजे डेवलपर्स सेक्टर बीटा टू, एमएसएक्स रियलटेक सेक्टर अल्फा वन, ज्योतिर्मय इंफ्राकॉन सेक्टर-16सी, अंतरिक्ष इंजीनियरिंग सेक्टर-1, एलिगेंट इंफ्राकॉन सेक्टर टेकजोन-4 आदि शामिल हैं। हालांकि बोर्ड ने बिल्डरों पर कार्रवाई के दौरान खरीदारों के हित को ध्यान में रखने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि अमिताभ कांत समिति के सिफारिशों के आधार पर रियल एस्टेट के लिगेसी प्रोजेक्ट्स की अड़चनों को हल करने के लिए लाई गई पॉलिसी पैकेज का अब तक 98 में से 85 बिल्डर परियोजनाओं को लाभ मिला है। इन परियोजनाओं को पूरा कर खरीदारों को उनका आशियाना देने का रास्ता साफ हुआ है और पॉलिसी का लाभ लेकर लगभग 18 हजार फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री हुई है। बाकी 13 बिल्डरों ने खरीदारों के नाम रजिस्ट्री करने का दिशा में कोई प्रयास नहीं किया है। ऐसे बिल्डरों पर ही अब कार्रवाई के लिए बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।टूल रूम में ट्रेनिंग से युवाओं के रोजगार की खुलेगी राह

टूल रूम में ट्रेनिंग से युवाओं के रोजगार की खुलेगी राह

–निर्माणाधीन टूल रूम का निर्माण जल्द पूरा होने की उम्मीद

ग्रेटर नोएडा। भारत सरकार की योजना के अंतर्गत ग्रेटर नोएडा और आसपास के युवाओं को तकनीकी दक्षता देकर उद्योगों के हिसाब से तैयार करने के लिए जल्द ही टूल रूम शुरू होने जा रहा है। भारत सरकार की तरफ से निर्माणाधीन टूल रूम के कंपलीशन के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने टाइम एक्सटेंशन देने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। इसका कंपलीशन होने से युवाओं के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम जल्द षुरू होने की उम्मीद है। दरअसल, भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की तरफ से पूर्व में ही जमीन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया गया था, जिस पर प्राधिकरण ने सेक्टर ईकोटेक 8 में 15 एकड़ जमीन पूर्व में आवंटित की है। इस सेंटर में भारत सरकार की तरफ से 8 से 10 हजार स्थानीय युवाओं को युवाओं को विभिन्न ट्रेंड में तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उनको यहां के उद्योगों में रोजगार के अवसर आसानी से प्राप्त हो सकेंगे।

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