स्पेशल स्टोरी

सफाईकर्म चारियों को मिला बोनस, थमा आंदोलन — तीनों प्राधिकरणों ने दिखाया मानवीय और राष्ट्रीय दृष्टिकोण

Sanitation workers received bonuses, ending the strike — all three authorities demonstrated a humane and national perspective.

डॉ देवेन्‍द्र कुमार शर्मा

Panchayat 24 : गौतम बुद्ध नगर में हाल ही में दीपावली बोनस को लेकर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकस प्राधिकरण (यीडा)  के सफाई कर्मचारियों की मांगें चर्चा में रहीं। यह विषय भले ही बोनस और वेतन वृद्धि से जुड़ा दिखा हो, लेकिन इसके भीतर सामाजिक सरोकार, प्रशासनिक संवेदनशीलता और राष्ट्रीय सुरक्षा का गहरा संदेश छिपा है।

ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने सबसे पहले अपने लगभग दो हजार सफाई कर्मचारियों का दीपावली बोनस बढ़ाकर साढ़े चौदह हजार रूपये किया। इसके बाद नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारियों ने भी समान बोनस की मांग तेज कर दी। जब यह मांगें अनसुनी रहीं तो कर्मचारियों ने आंदोलन की चेतावनी दे डाली। राष्ट्रीय स्वच्छता पुरस्कार विजेता शहर नोएडा में सफाई व्यवस्था पर असर पड़ने की आशंका ने प्राधिकरण को चिंता में डाल दिया। अंततः गहन विचार-विमर्श के बाद नोएडा  औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने लगभग चार हजार सफाईकर्मचारियों की मांगें स्वीकार कर लीं।

यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के करीब सात सौ सफाईकर्मचारियों ने भी ग्रेटर नोएडा और नोएडा की तर्ज पर बोनस की मांग उठाई। यीडा प्रशासन ने प्रारंभ में गैरकानूनी बताते हुए सख्त रुख अपनाया, जिससे टकराव की स्थिति बनने लगी, तभी घटनाक्रम ने नाटकीय मोड़ लिया। प्राधिकरण के ओएसडी शैलेन्द्र कुमार सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल धरने पर बैठे कर्मचारियों के बीच पहुँचा उन्‍हें आश्वस्त किया कि गौतम बुद्ध नगर के छह सौ और टप्पल के लगभग सौ सफाईकर्मचारियों को भी शीघ्र ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर समान बोनस दिया जाएगा। इस भरोसे के बाद कर्मचारियों ने आंदोलन समाप्त कर कार्य पर लौटने की घोषणा की। इस प्रकार तीनों प्राधिकरणों में सफाईकर्मचारियों से जुड़ा यह अध्याय सौहार्दपूर्ण ढंग से से संपन्‍न हो गया।

पहली नजर में यह केवल बोनस और वेतन का मुद्दा लगता है, लेकिन इस घटनाक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा की एक अनकही चिंता भी छिपी है।देश इस समय घुसपैठियों की समस्या से जूझ रहा है। फर्जी पहचान बनाकर देश में प्रवेश करने वाले विदेशी नागरिक धीरे-धीरे संसाधनों और मतदाता सूची तक पहुँच बना रहे हैं। इससे न केवल देश के असली नागरिक अधिकारों से वंचित हो रहे हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी संकट मंडरा रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने अनुभव के आधार पर कहा कि घुसपैठिए धीरे-धीरे यह हमारी दैनिक जीवन की आवश्‍यकता बन गए हैं।

घुसपैठिए अत्यंत निम्न आर्थिक स्तर पर जीवनयापन करते हैं। झुग्गियों में बसकर वे कूड़ा उठाने, सफाई या घरेलू सेवाओं जैसे कार्यों में संलग्न हो जाते हैं। धीरे-धीरे शहरों की सफाई व्यवस्था में गहरी पैठ बना ली है। यदि उन पर कार्रवाई की जाए तो नगरों की सफाई व्यवस्था ठप पड़ने का खतरा है, और यदि कार्रवाई न की जाए तो भविष्‍य में वे भारतीय नागरिकता के दावेदार बन जाते हैं। ऐसे में गौतम बुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरणों द्वारा अपने स्थानीय कर्मचारियों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त करना केवल मानवीय कदम नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी दूरदर्शी निर्णय माना जा सकता है। देश भर में स्‍थानीय सफाई कर्मचारियों को सम्मान और प्रोत्साहन देकर सफाई व्यवस्था में घुसपैठियों के प्रवेश की संभावनाओं को समाप्‍त करने की मुहिम को आगे बढ़ाना चाहिए।

गौतम बुद्ध नगर के तीनों औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने इस बार केवल बोनस देकर कर्मचारियों की आर्थिक सहायता ही नहीं की, बल्कि उनके योगदान को सम्मान भी दिया। इस निर्णय ने यह संदेश दिया कि हर श्रमिक राष्ट्रसेवक है, और स्वच्छता भी राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग है। हालांकि पूरे प्रकरण के मानवीकरण का श्रेय ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी एनजी रवि कुमार को जाता है। जबकि हर हाल में शहर को स्‍वच्‍छ बनाए रखने के संकल्‍प चलते नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने सफाई कर्मचारियों की मांग को स्‍वीकार किया है। वहीं, घुसपैठ एवं राष्‍ट्रीय सुरक्षा के पहलू से जुड़ी जमीनी गंभीरता को यीडा के मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने सहज भाव से समझकर प्रकरण का सुखद अंत किया है।

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